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नेशनल

भारत की छवि धूमिल करने की कोशिश में पाकिस्तान : सुषमा

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पाकिस्तान, मीडिया,सुषमा स्वराज, लोकसभा, विदेश मंत्रालय, इस्लामाबाद

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                                        सुषमा स्वराज

नई दिल्ली | पाकिस्तान का इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों पर लगाए गए जासूसी के आरोप भारत की छवि पर दाग लगाने का भद्दा प्रयास है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने लोकसभा को यह बात कही। सुषमा ने एक लिखित जवाब में यह भी कहा कि मीडिया में अधिकारियों का नाम देना विएना संधि का उल्लंघन है।

पाकिस्तान ने नवंबर की शुरुआत में इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के आठ अधिकारियों का नाम लिया था और आरोप लगाया था कि वे भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) या भारतीय खुफिया ब्यूरो के लिए काम करते हैं।

पाकिस्तान ने यह कदम नई दिल्ली स्थित एक पाकिस्तानी उच्चायोग के एक अधिकारी के कथित रूप से भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता में पकड़े जाने के बाद उठाया।

सुषमा ने लिखित जवाब में कहा, “भारतीय अधिकारियों के खिलाफ आरोप पाकिस्तान सरकार की ओर से बाद में विचार करके तय किया गया और भारत की छवि पर दाग लगाने का भद्दा प्रयास किया गया।”

जिस तरह से पाकिस्तानी मीडिया में पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की बगैर किसी पुष्टि के आधारहीन आरोपों सहित प्रमुखता के साथ उनके नाम और फोटो प्रकाशित किए गए, वह विएना करार के खिलाफ है और शिष्टता और कूटनीतिक प्रचलन के स्थापित मानदंडों का उल्लंघन भी करता है।

मंत्री ने कहा कि अधिकारियों और उनके परिवार के सदस्यों को तीन जत्थों में 8,10 और 12 नवंबर को भारत लाया गया।

उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार ने भारत-पाकिस्तान के रिश्ते को सामान्य करने के लिए बहुत सारे पहल किए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि शांतिपूर्ण और द्विपक्षीय तरीके से आतंकवाद और हिंसा से मुक्त एक माहौल के लिए सरकार ने पहल किए हैं।

स्वराज ने यह भी कहा कि इसके साथ ही सरकार अपने देश और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

अक्टूबर में पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारी महमूद अख्तर को भारतीय अधिकारियों ने भारत विरोधी गतिविधियों में कथित संलिप्तता के आरोप में पकड़ा था। उसे 28 अक्टूबर को अवांछित व्यक्ति घोषित किया गया था।

भारत सरकार ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त को उसी दिन तलब किया था और अख्तर की गतिविधियों को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया था। 29 अक्टूबर को अख्तर ने परिवार सहित भारत छोड़ दिया था।

28 अक्टूबर को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग में सहायक जन कल्याण अधिकारी सुरजीत सिंह को बगैर कोई उचित प्रमाण दिए अवांछित व्यक्ति घोषित कर दिया। उन पर सिर्फ यही आधारहीन आरोप लगाया गया था कि उनकी गतिविधियां राजनयिक के मानदंड के अनुकूल नहीं हैं। वह 29 को भारत लौट आए थे।

दो नवंबर को पाकिस्तान सरकार ने पाकिस्तानी उच्चायोग के छह लोगों को वापस बुला लिया। अख्तर से पूछताछ के दौरान उनका नाम मीडिया में आया था।

वे सभी परिवार के 25 सदस्यों के साथ पाकिस्तान वापस लौट गए।

16 नवंबर को पाकिस्तान ने दो और अधिकारियों को वापस बुला लिया।

दो नवंबर को पाकिस्तानी मीडिया ने प्रमुखता के साथ इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के आठ लोगों के नाम फोटो सहित प्रकाशित किए। इनमें सलाहकार आर. के. अग्निहोत्री, प्रथम सचिव बलबीर सिंह, प्रथम सचिव व्यापार अनुराग सिंह, अटैची अमनदीप सिंह भट्टी, एपीडब्ल्यूओ जे. सेंथिल और तीन सहायकों डी. सोढी, वी.के. वर्मा और एम. नंदकुमार शामिल हैं।

आरोप यह लगाया गया कि ये अधिकारी पाकिस्तान में ध्वंसकारी एवं आतंकी गतिविधियों में लिप्त हैं।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

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नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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