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प्रादेशिक

बैतूल में नाबालिग की दुष्कर्म के बाद हत्या

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बैतूल में नाबालिग की दुष्कर्म के बाद हत्या

बैतूल | मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में नाबालिग की दुष्कर्म के बाद गला घोंटकर हत्या का मामला प्रकाश में आया है। अज्ञात आरोपियों ने हत्या को आत्महत्या का रूप देने की भी कोशिश की। पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, बुधवार शाम को आमला थाने के रायसेड़ा गांव के सोमजी धुर्वे की आठवीं में पढ़ने वाली 14 वर्षीया बेटी का घर में खून से लथपथ शव मिला। दुष्कर्म के बाद हत्या की आशंका जताई जा रही है।

आमला के नगर निरीक्षक एस.के. यादव ने बताया कि नाबालिग के पिता सोमजी और मां मजदूरी करने के लिए देव पिपरिया गांव गए हुए थे और उसके भाई-बहन स्कूल गए हुए थे। लड़की घर में अकेली थी। छोटे भाई-बहन स्कूल से घर लौटे तक वारदात का खुलासा हुआ। पुलिस मामले की जांच कर आरोपियों की तलाश कर रही है।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीताराम सरियाम ने गुरुवार को संवाददाताओं को बताया कि लड़की के गले में साड़ी का फंदा बनाकर लटकाने का प्रयास किया गया, ताकि ऐसा प्रतीत हो कि उसने आत्महत्या की है। मामले की जांच की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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