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मुख्य समाचार

मप्र के सरकारी स्कूलों में किस्सा-कहानी के जरिए होगी पढ़ाई

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मध्यप्रदेशभोपाल, मध्यप्रदेश का स्कूल शिक्षा विभाग सरकारी विद्यालयों में बच्चों को कहानी-किस्सों के जरिए पढ़ाई कराने जा रहा है। इसके लिए सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों को विभाग की ओर से आवश्यक दिशा निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने पुरातन काल में बच्चों को कहानी सुनाकर शिक्षा दिए जाने की परंपरा को वर्तमान दौर की जरूरत के तौर पर महसूस किया है। विभाग का अभिमत है कि बच्चों को कहानी घर में बुजुर्ग भी सुनाया करते थे, जो बच्चों के स्मृति-पटल पर हमेशा के लिए दर्ज हो जाती थी। इसी बात को ख्याल में रखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने कक्षा एक और दो की शिक्षण प्रक्रिया में कहानी सुनाने को शामिल किए जाने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारियों को दिए हैं। इसके साथ ही पाठ्यक्रम केा भी कथानक से जोड़कर पढ़ाया जाएगा।

आधिकारिक तौर पर शुक्रवार को दी गई जानकारी के अनुसार, केन्द्र सरकार ने हाल ही में ‘पढ़े भारत-बढ़े भारत’ कार्यक्रम के तहत स्कूल के बच्चों में भाषा के ज्ञान को मजबूती देने के लिए कई सुझाव राज्य सरकारों को दिए हैं। इसी के पालन में राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग ने पाठ्यक्रम में कहानी सुनाने को शामिल किए जाने के निर्देश दिए हैं। बच्चों को कहानियां सुनाए जाने के साथ पढ़ाई भी कहानी के अंदाज में होगी, ताकि बच्चों में बोरियत न हो।

राज्य शिक्षा केंद्र के आयुक्त की ओर से जारी निर्देशों में कहा गया है कि पहली व दूसरी कक्षा की पढ़ाई कथानक रूप में हो, साथ ही बाल-सभा की गतिविधियों में कहानी सुनने और सुनाने को शामिल किया जाए। सरकारी शालाओं में शिक्षक द्वारा कक्षा में शिक्षण प्रारंभ करने के पहले अनिवार्य रूप से कहानी सुनाई जाए और बाल-सभा में बच्चों को कहानी सुनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।

जिला शिक्षा अधिकारियों से कहा गया है कि वे अपने जिले की सरकारी शालाओं में प्राचार्यो के माध्यम से साप्ताहिक बाल-सभा में अभिभावकों या वरिष्ठ नागरिकों को स्थानीय भाषा में बच्चों को कहानी सुनाने के लिए आमंत्रित किया जाए। कहानी सुनाने की प्रतियोगिता शाला-स्तर पर की जाए, जिसमें बच्चों की भागीदारी अधिक से अधिक सुनिश्चित की जाए।

इसके साथ ही राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा जिला षिक्षाधिकारियों को एक परिपत्र भी भेजा गया है, जिसमें कहा गया है कि कहानियां शिक्षा का शक्तिशाली जरिया होती हैं। वे मजेदार, प्रेरणादायी और चुनौतीपूर्ण हो सकती हैं। कहानी सुनाने का उपयोग गणित और विज्ञान सहित कई तरह के विषयों में आकर्षक तरीके से विषय और समस्याएं प्रस्तुत करने के लिए किया जा सकता है। इसके लिए विभाग ने कुछ केस स्टडी को भी संबंधित अधिकारियों तक भेजा है।

नेशनल

कर्नाटक के मंत्री बोले- मोदी-मोदी के नारे लगाने वालों को थप्पड़ मारे जाने चाहिए

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बेंगलुरु। कर्नाटक के मंत्री शिवराज तंगाडागी ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाने वाले युवकों और छात्रों को थप्पड़ मारे जाने चाहिए। मंत्री ने हर साल दो करोड़ नौकरियां देने का वादा पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए बीजेपी नीत केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा। कन्नड़ एवं संस्कृति मंत्री ने यह भी कहा कि भाजपा को आगामी लोकसभा चुनाव में वोट मांगने के लिए शर्म आनी चाहिए, क्योंकि वह विकास के मोर्चे पर भी विफल रही है।

“दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था”

तंगाडागी ने कहा, “उन्हें शर्म आनी चाहिए। वे विकास का एक काम तक नहीं कर पाए, फिर किस मुंह से वोट मांग रहे हैं। उन्होंने दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था। क्या उन्होंने किसी को नौकरी दी। जब नौकरियों के बारे में पूछो तो वे कहते हैं- पकौड़े बेचो, उन्हें शर्म आनी चाहिए।” कोप्पल जिले के करातागी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, अगर कोई छात्र या युवक अब भी ‘मोदी-मोदी’ कहे तो उन्हें थप्पड़ मारे जाने चाहिए

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव सी टी रवि ने मंत्री की टिप्पणियों को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “आगामी लोकसभा चुनाव कांग्रेस के बहुत बुरी तरह से हारने को भांपकर वे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं और वे प्रधानमंत्री मोदी को तानाशाह कहते हैं!” भाजपा ने निर्वाचन आयोग को याचिका देकर मंत्री के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

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