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प्रादेशिक

उप्र : फेसबुक पेज पर प्रधानमंत्री की आपत्तिजनक तस्वीर, प्रधानाचार्य को जेल

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 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लखनऊ /मेरठ, उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में सोशल वेबसाइट फेसबुक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य भाजपा नेताओं की आपत्तिजनक तस्वीर डालने वाले एक प्रधानाचार्य को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोप है कि प्रधानाचार्य ने अपने फेसबुक पेज पर मोदी को रावण के रूप में दिखाते हुए एक तस्वीर पोस्ट की थी। इस तस्वीर के सामने आने के बाद हिंदू संगठनों ने जिले के सरधना थाने में शिकायत दर्ज कराई थी और आरोपी को गिरफ्तार करने की मांग की थी। विवादित फोटो में प्रधानमंत्री के अलावा भाजपा के कई अन्य नेताओं की भी तस्वीरें थीं।

पुलिस के अनुसार, मेरठ के सरधना स्थित लश्करगंज निवासी मुदस्सिर राणा इलाके के ही एक पब्लिक स्कूल में प्रधानाचार्य हैं। उन्होंने गत 11 अक्टूबर को अपने फेसबुक पेज पर एक तस्वीर पोस्ट की थी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के दूसरे वरिष्ठ नेताओं को रावण के रूप में दिखाया गया था। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद आरोपी ने अपने फेसबुक पेज से विवादित पोस्ट हटा दिया है।

बजरंग दल के जिला संयोजक मिलन सोम ने आरोपी को गिरफ्तार करने की मांग की थी।

सोम ने कहा कि इस तरह की तस्वीर सोशल मीडिया पर डाल कर सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई थी। ऐसे विवादित पोस्ट डालने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

सरधना थाने के प्रभारी तेज सिंह यादव ने बताया कि केस दर्ज कर आरोपी को जेल भेज दिया गया है। आगे की कार्रवाई भी की जाएगी।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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