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हेल्थ

देश में हर साल सिर व गले के कैंसर के 5.5 लाख नए मामले

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cancerनई दिल्ली। भारत में कैंसर को लेकर एक परेशान करने वाला तथ्य सामने आया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में कैंसर के कुल मामलों में से अकेले सिर और गले के कैंसर के साढ़े पांच लाख से अधिक मामले प्रतिवर्ष सामने आ रहे हैं। हाल यह है कि कैंसर की बढ़ती संख्या के कारण भारत विश्व में छठे स्थान पर पहुंच गया है।

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की रिपोर्ट के आधार पर विशेषज्ञों ने कहा कि भारत में हर साल लगभग 8 लाख कैंसर के नए मामलों की पहचान की जाती है, जिसमें अकेले सिर और गले के कैंसर के साढ़े पांच लाख मामले हैं।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान-एम्स के ओटोलरिनोलॉजी एंड हेड नेक सर्जरी विभाग के प्रोफेसर आलोक तोमर का कहना है कि यह रोग मुख्य रूप से आपकी लाइफस्टाइल से संबधित है। उन्होंने बताया कि कैंसर के 80 प्रतिशत से अधिक मामले तंबाकू खाने से होता है, जबकि 75 प्रतिशत से अधिक मामलों में शराब के सेवन को उन्होंने प्रमुख कारण बताया।

तोमर सिर एवं गला के कैंसर पर आयोजित सम्मेलन में बोल रहे थे। इस सम्मेलन का आयोजन इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ हेड एंड नेक ओनकोलॉजी सोसायटीज ने फाउंडेशन फॉर हेड एंड नेक ओनकोलॉजी-एफएचएनओ के सहयोग से किया था।

तोमर ने बताया कि भोजन में पोषक तत्वों की कमी, जैसे बिटामिन ए, बी, सी, ई, आयरन, सेलेनियम और ताजे फलों, रेशेदार तत्वों, मछली, दूध और अन्य दुग्ध उत्पादों की कमी कैंसर के मामलों के बढऩे के पीछे मुख्य कारण हैं।

चिंता की बात यह है कि कैंसर के क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीक और विशेषज्ञता हासिल कर लेने के बाद भी इस क्षेत्र में समस्या बरकरार है। मुंबई स्थित टाटा मेमोरियल सेंटर के निदेशक का कहना है कि गाल का कैंसर जीभ के कैंसर से बिल्कुल अलग है, जबकि जबड़े का कैंसर तालु के कैंसर से अलग है, जबकि ये सारे मुंह से संबंधित हैं।

हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले एक दशक में सिर एवं गले के कैंसर की चिकित्सा में काफी सुधार हुआ है। मुंबई के टाटा मेमोरियल हॉस्पीटल के सीनियर ओन्कोलॉजिस्ट प्रथमेश पई का कहना है कि कीमोथेरेपी और नई दवाइयों के आने के बाद पिछले चार दशकों में कैंसर रोगियों की जान बचाने में हम सक्षम हुए हैं। इस सम्मेलन में 15 देशों के 800 से ज्यादा प्रतिनिधियों ने सिर एवं गले के कैंसर के क्षेत्र में नई खोज को अपने रिसर्च पेपर के माध्यम से रखेंगे।

लाइफ स्टाइल

पोषक तत्वों से भरपूर चुकंदर इन लोगों के लिए है नुकसानदेह, जानें कैसे  

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Beetroot Side Effects

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नई दिल्ली। चुकंदर हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। कई सारे पोषक तत्वों से भरपूर चुकंदर हमारे स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि त्वचा और बालों के लिए भी काफी लाभदायक है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कई पोषक तत्वों से भरपूर चुकंदर हमारे लिए हानिकारक भी साबित हो सकता है।

दरअसल, इसे खाने के जितने फायदे होते हैं, उतने ही इसके साइड इफेक्ट्स भी होते हैं। कुछ बीमारियों से पीड़ित लोगों के भूलकर भी चुकंदर का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि ऐसा करना उनके लिए भारी पड़ सकता है। तो चलिए जानते हैं इन लोगों के लिए नुकसानदेह है चुकंदर का सेवन-

लो ब्लड प्रेशर

अगर आप लो ब्लड प्रेशर के मरीज हैं, तो चुकंदर खाना आपके लिए हानिकारक हो सकता है। चुकंदर में नाइट्रेट की अधिक मात्रा पाई जाती है, जिसे पाचन तंत्र नाइट्रिक ऑक्साइड में बदल देता है। नाइट्रिक ऑक्साइड शरीर में खून को पतला करता है, जिससे ब्लड प्रेशर कम होता है। ऐसे में अगर आप पहले से ही लो ब्लड प्रेशर के मरीज हैं, तो चुकंदर का सेवन न करें।

किडनी स्टोन

यूरोलिथिएसिस यानी किडनी स्टोन में भी चुकंदर का सेवन करना हानिकारक माना गया है। किडनी स्टोन से पीड़ित लोगों को चुकंदर से दूरी बनानी चाहिए, क्योंकि इसमें भारी मात्रा में मौजूद ऑक्सालेट किडनी स्टोन की समस्या और भी ज्यादा और गंभीर बना सकता है।

डायबिटीज

अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं, तो भी आपको चुकंदर का सेवन नहीं करना चाहिए। चुकंदर खाने से डायबिटीज के मरीजों में नर्व डैमेज का खतरा बना रहता है। साथ ही चुकंदर का जूस पीने से शरीर में फाइबर कम होता है और ग्लाइसेमिक लोड काफी बढ़ जाता है। ऐसे में बेहतर होगा कि डायबिटीज के मरीज चुकंदर से परहेज करें।

एलर्जी

कई बार चुकंदर का सेवन करने कुछ लोगों को त्वचा पर चकत्ते, पित्त पथरी, खुजली, ठंड लगना और बुखार जैसी समस्याएं होने लगती हैं। साथ ही चुकंदर का जूस पीने से भी कई लोगों कुछ दिक्कतें होने लगती हैं। ऐसे में अगर आपको चुकंदर से ऐसी कुछ एलर्जी महसूस हो, तो इसका सेवन न करें।

लिवर को होता है नुकसान

ज्यादा मात्रा में चुकंदर सेवन करने कई बार लिवर डैमेज होने की समस्या भी हो सकती है। दरअसल, चुकंदर में आयरन, कॉपर और अन्य मिनरल्स की भारी मात्रा पाई जाती है, जो इसके अधिक सेवन से लिवर में जमा हो जाते हैं, जिससे आपको समस्या हो सकती है।

डिसक्लेमर: लेख में उल्लिखित सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के लिए हैं न कि किसी पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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