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नेशनल

दुष्कर्म के विरोध में प्रदर्शन व आगजनी के बाद नासिक में शांति

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नासिकनासिक,  पांच साल की बच्ची के साथ कथित दुष्कर्म के विरोध में अगजनी और प्रदर्शन के बाद सोमवार को महाराष्ट्र के नासिक में कुल मिलाकर सामान्य स्थिति बहाल हो गई। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। पुलिस अधीक्षक ग्रामीण अंकुश शिंदे ने कहा, “स्थिति तनावपूर्ण है, लेकिन नियंत्रण में है। हमने प्रभावित गांवों में पर्याप्त पुलिस बल तैनात किए हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग और शहर की सड़कों पर स्थिति सामान्य है।”

उन्होंने कहा कि रविवार को हिंसा और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने में संलिप्त कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस उपायुक्त लक्ष्मीकांत पाटील ने कहा कि उपद्रवी तत्वों द्वारा कानून के उल्लंघन की किसी भी कोशिश से सख्ती से निपटा जाएगा।

पुलिस आयुक्त आर.के. सिंघल ने कहा कि दुष्कर्म के कथित आरोपी के खिलाफ उचित कार्रवाई की गई है। उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि वे सोशल नेटवर्किं ग साइट पर फैलाई जा रही अफवाहों पर विश्वास नहीं करें ।

अमरावती में केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री रामदास अठावले, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने लोगों से शांति बनाए रखने की अलग-अलग अपीलें कीं।

दुष्कर्म के विरोध में हजारों लोगों ने रविवार को मुंबई-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर दिया, पुलिस पर हमले किए और सार्वजनिक और निजी वाहनों को निशाना बनाए।

इस घटना में 20 पुलिस कर्मी घायल हो गए और राज्य परिवहन निगम की 9 बसों और 4 पुलिस वाहनों समेत कई वाहनों में आग लगा दी गई।

भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हवा में कई चक्र गोलियां चलाईं। मुंबई-आगरा, नासिक-इगतपुरी और नासिक-औरंगाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग करीब आठ घंटों तक बंद रहा।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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