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प्रादेशिक

उप्र : नाइक ने मंत्री व महापौर को दी नसीहत

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लखनऊ| उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक ने सोमवार को प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी और लखनऊ के महापौर डॉ. दिनेश शर्मा को नसीहत देते हुए कहा कि प्रदेश का विकास करना है तो दलगत भावना से ऊपर उठकर सोचें। राज्यपाल राम नाइक हिन्दुस्थान समाचार (हिन्दुस्तान नहीं) की ओर से लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। नाइक ने इस मौके पर ‘उत्तर प्रदेश कल आज और कल’ स्मारिका का विमोचन भी किया।इस संस्थान की ओर से ‘उत्तर प्रदेश कैसे बने उत्तम प्रदेश’ पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें राज्यपाल मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद थे।कार्यक्रम के दौरान चर्चा में भाग ले रहे महापौर दिनेश शर्मा और राम गोविंद चौधरी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला। यह देख राज्यपाल ने दोनों नेताओं से कहा, “बेहतर होता कि आप लोग इस तरह के मंच पर दलगत भावना से ऊपर उठकर अपनी बात रखते।”

महाराष्ट्र से ताल्लुक रखने वाले राम नाइक ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने देश को 9 प्रधानमंत्री दिए हैं, लेकिन वैसा विकास नहीं हो पाया, जैसा होना चाहिए था। अमेठी, रायबरेली हो या फिर इलाहाबाद, इन क्षेत्रों से बड़े-बड़े नेताओं के होने के बावजूद उस तरह का विकास यहां नहीं हो पाया।राज्यपाल ने कहा, “जिस तरह का विकास महाराष्ट्र, केरल व गुजरात का हुआ है उस तरह का विकास इन क्षेत्रों का नहीं हो सका।”उन्होंने कहा कि उप्र में बिजली, पानी, सड़क और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की गुंजाइश बनी हुई है। प्रदेश की जनसंख्या 20 करोड़ को पार कर गई है, जरूरत है लोगों को बेहतर सुविधाएं देने की।उप्र के विश्वविद्यालयों पर सवाल खड़ा करते हुए कुलाधिपति नाइक ने कहा कि इलाहाबाद, बनारस और लखनऊ में उच्च स्तर के विश्वविद्यालय हैं, लेकिन आज इन विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में गिरावट आ चुकी है। कई विश्वविद्यालय ऐसे हैं जहां तीन-चार वर्ष बाद भी लोगों को अभी तक डिग्री नहीं मिली है।

उप्र के लोकायुक्त से की गई मंत्रियों की शिकायत पर नाइक ने कहा कि लोकायुक्त के यहां से जांच की रिपोर्ट आती रहती हैं। रिपोर्ट में जिस तरह की चीजें सामने आती हैं उससे काफी अचरज होता है कि अच्छे-अच्छे पदों पर बैठे लोग कैसे इस तरह का काम करते हैं।इससे पहले उप्र के बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश उत्तम तो है ही, अब इसे सर्वोत्तम बनाने की जरूरत है। उन्होंने स्वीकार किया कि उप्र में सड़क, बिजली, पानी और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार की जरूरत है।विकास के लिए विदेशी निवेश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फंडे पर कटाक्ष करते हुए चौधरी ने कहा, “कुछ लोग बाहर से निवेश लाने की बात कर रहे हैं। इससे कुछ नहीं होने वाला। उत्तर प्रदेश और देश में ही बहुत से ऐसे लोग हैं जो अच्छा निवेश कर सकते हैं।”उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उप्र के विकास के लिए संकल्पित है और इस दिशा में बेहतर तरीके से काम हो रहा है।

चौधरी से पूर्व लखनऊ के महापौर ने उप्र में विकास न होने के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि उप्र की संस्थाओं के बीच आपसी तालमेल का आभाव है। तालमेल के आभाव की वजह से ही कई काम रुक जाते हैं।महापौर ने कहा कि उप्र में विकास की भरपूर संभावनाएं मौजूद हैं। यदि सही दिशा में काम किए जाएं तो राज्य का बेहतर तरीके से विकास किया जा सकता है।

उत्तर प्रदेश

हरदोई में 16 बार चुनाव लड़ा, हर बार मिली हार, फिर से मैदान में उतरे शिवकुमार

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हरदोई। देश भर में चुनाव का माहौल गरमाया हुआ है और ऐसे में हरदोई में भी चुनाव की गरमा गरमी अब खूब देखने को मिल रही है। यहां पर एक ऐसे प्रत्याशी भी है जो 17 वी बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं। अब तक कुल 16 बार चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन उन्हें आजतक किसी भी चुनाव में जीत नहीं मिली है। इनका नाम है शिवकुमार और यह शहर कोतवाली क्षेत्र के मन्नापुरवा के रहने वाले है।

इनका कहना है कि वह हारने के बाद भी वह चुनाव लड़ते रहेंगे क्योंकि जनता उनका सम्मान बरकरार रखती है। उन्होंने कहा कि इस बार अगर वह जीतते हैं तो लोकसभा क्षेत्र के लोगों की हर समस्या के समय उनके साथ खड़े रहेंगे और उनका सहयोग करेंगे। शिवकुमार ने प्रत्येक बार निर्दलीय होकर चुनाव लड़ा है।

शिवकुमार ने 3 प्रधानी के चुनाव 3 जिला पंचायत के साथ 7 चुनाव विधानसभा और अब तक 3 चुनाव दिल्ली वाले यानी लोकसभा ले लड़े है और अब वह चौथी बार 2024 में लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। उनका कहना है कि उनके मुद्दे क्या है अगर वह बता देंगे तो लोग नकल कर लेंगे।

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