प्रादेशिक
पिता ही चार साल तक लूटता रहा अपनी बेटी की अस्मत
पत्नी ने दर्ज कराई पति के विरुद्ध रिपोर्ट
मनोज तिवारी
हरदोई। जिले में एक बार रिश्ते तार तार हुए। एक ऐसी घटना हुयी जिसने देश की अवाम को जगाने का असफल प्रयास किया। एक पिता अपनी सगी बेटी से चार साल तक बलात्कार करता रहा और उसने अपनी छोटी बेटी को भी हवस का शिकार बनाने के भरपूर प्रयास किये। मामले की जानकारी होने पर पत्नी ने अपने पति के विरुद्ध अपनी 17 वर्षीया पुत्री से दुष्कर्म किये जाने का मामला दर्ज कराया।पुलिस ने दुष्कर्म समेत पास्को एक्ट की धारा में मामला दर्ज कर लिया है और आरोपी पिता की तलाश में जुटी है।
हरदोई में रिश्तो को कलंकित करने वाला एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। दो नाबालिग बहनो ने अपने ही पिता पर ही संगीन आरोप लगाए है। लड़की का आरोप है कि उसका पिता उसके साथ सालो से बलात्कार करता चला आ रहा था और उसकी छोटी बहन को भी अपनी हवस का शिकार बनाना चाहता था,इसके लिए उसने कई प्रयास भी किये थे। पुलिस ने दोनों नाबालिग बहनो की शिकायत पर आरोपी पिता के खिलाफ बलात्कार और पास्को एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आरोपी पिता की तलाश शुरू कर दी है।
क़स्बा मल्लावां के मोहल्ला गंगारामपुर का यह मामला है जहाँ दो सगी बहनों ने अपने ही पिता पर बलात्कार का आरोप लगाया है। इनमे बीए प्रथम वर्ष की छात्रा 17 वर्षीय किशोरी और 13 वर्षीय बालिका के आरोप बेहद ही संगीन है। आरोपी की बड़ी बेटी का आरोप है कि उसका पिता उसके साथ जबरिया सालो से दुष्कर्म करता चला आ रहा है वह उसे किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी देता है। हाल ही में उसके पिता ने उसकी 13 वर्षीय छोटी बहन को भी अपनी हवस का शिकार बनाना चाहा था। बहन के बताने के बाद यह बात उन्होंने अपनी मां को बताई और फिर पिता की इस हैवानियत की शिकायत पुलिस से की पुलिस ने आरोपी पिता के खिलाफ मामला दर्ज कर दोनों लड़कियों को मेडिकल के लिए भेजा है।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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