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प्रादेशिक

‘असंगठित श्रम क्षेत्र सरकार की प्राथमिकता में’

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कोलकाता| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में एक केंद्रीय मंत्री ने शनिवार को कहा कि असंगठित श्रम क्षेत्र में सुधार लाना केंद्र सरकार की प्राथमिकता में है और केंद्र सरकार श्रमिकों के कल्याण के लिए जरूरी कदम उठा रही है। एसआरईआई द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने कार्यक्रम से इतर कहा, “मेरा मुख्य ध्यान असंगठित श्रम क्षेत्र पर है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हमारी सरकार ने पहली बार इस दिशा में पहल की है और श्रम सुविधा पोर्टल (एसएसपी) शुरू किया है। इस पोर्टल के जरिए हम कंपनियों को श्रम पहचान संख्या (एलआईएन) उपलब्ध कराएंगे।”

दत्तात्रेय ने कहा कि केंद्र सरकार 7.5 लाख संस्थानों को एनआईएन नंबर प्रदान कर चुकी है और इसमें और इजाफा होने की उम्मीद है। केंद्र सरकार ने मजदूरों को युनिवर्सल खाता संख्या (यूएएन) भी उपलब्ध कराए हैं, जो उनके ईपीएफ खाते और ईएसआई सेवाओं को जोड़ने और वेतन राशि पर नियंत्रण रखने में मददगार है। दत्तात्रेय ने कहा, “हमने मजदूरों को यूएएन नंबर उपलब्ध करा दिए हैं, जिससे कि पारदर्शिता और जवाबदेही लाई जा सकेगी। ईपीएफ और ईएसआई की सभी सेवाएं अब सेल्फ सर्विस पोर्टल (एसएसपी) के जरिए पाई जा सकेंगी।”

उत्तर प्रदेश

हरदोई में 16 बार चुनाव लड़ा, हर बार मिली हार, फिर से मैदान में उतरे शिवकुमार

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हरदोई। देश भर में चुनाव का माहौल गरमाया हुआ है और ऐसे में हरदोई में भी चुनाव की गरमा गरमी अब खूब देखने को मिल रही है। यहां पर एक ऐसे प्रत्याशी भी है जो 17 वी बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं। अब तक कुल 16 बार चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन उन्हें आजतक किसी भी चुनाव में जीत नहीं मिली है। इनका नाम है शिवकुमार और यह शहर कोतवाली क्षेत्र के मन्नापुरवा के रहने वाले है।

इनका कहना है कि वह हारने के बाद भी वह चुनाव लड़ते रहेंगे क्योंकि जनता उनका सम्मान बरकरार रखती है। उन्होंने कहा कि इस बार अगर वह जीतते हैं तो लोकसभा क्षेत्र के लोगों की हर समस्या के समय उनके साथ खड़े रहेंगे और उनका सहयोग करेंगे। शिवकुमार ने प्रत्येक बार निर्दलीय होकर चुनाव लड़ा है।

शिवकुमार ने 3 प्रधानी के चुनाव 3 जिला पंचायत के साथ 7 चुनाव विधानसभा और अब तक 3 चुनाव दिल्ली वाले यानी लोकसभा ले लड़े है और अब वह चौथी बार 2024 में लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। उनका कहना है कि उनके मुद्दे क्या है अगर वह बता देंगे तो लोग नकल कर लेंगे।

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