Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

हेल्थ

चिकनगुनिया जानलेवा बुखार नहीं

Published

on

चिकनगुनिया

Loading

चिकनगुनिया नई दिल्ली| चिकनगुनिया बुरी तरह से तोड़ के रख देने वाला वायरल बुखार है, लेकिन जानलेवा बुखार नहीं है। यह बीमारी मादा एडिस मच्छर के काटने से होती है। चिकनगुनिया के लक्षण तीन से सात दिनों के अंदर बुखार और जोड़ों के दर्द के रूप में दिखाई देने लग जाते हैं। इसके अलावा सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में सूजन और लाल चकत्ते जैसे लक्षण भी नजर आते हैं।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के मानद महासचिव पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा कि घबराने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि चिकनगुनिया जानलेवा नहीं है। इसके पीड़ित एक सप्ताह के अंदर ठीक महसूस करने लगते हैं। लेकिन कुछ लोगों में जोड़ों का दर्द एक महीने तक रह सकता है। इसलिए चिकनगुनिया व डेंगू से बचने के लिए मच्छरों के कटने से बचना जरूरी है।

उन्होंने बताया कि नवजात बच्चे जो जन्म से पीड़ित हों, 65 साल से ज्यादा उम्र के लोग, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या दिल के रोगों वाले लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान, नई दिल्ली में ट्रेनिंग कोर्डिनेटर डॉ. एन.के. यादव और आईएमए सीजीपी के डीन डॉ. वी.के. मोंगा ने बताया कि एडिस मच्छर साफ पानी में पनपता है, इसलिए पानी जमा करने वाले बर्तनों और टैंक के साथ ही फालतू सामान जैसे बाल्टियों, बर्तनों, टायरों, फूलदानों आदि में मच्छर की जांच करते रहना चाहिए।

उन्होंने कहा कि इस मच्छर के काटने का समय सुबह जल्दी और देर शाम होता है, लेकिन अगर रात में घर में लाइट जलती हो तब भी यह मच्छर काट सकता है, इसलिए मच्छररोधी प्रयोग करना जरूरी है।

अब तक चिकनगुनिया वायरस को रोकने के लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। दवाओं से लक्षणों को कम किया जा सकता है। पीड़ितों को बहुत ज्यादा आराम करने और तरल आहार लेते रहने की सलाह दी जाती है। एस्प्रिन और दूसरे नॉन-स्टीरॉयडल एंटी इनफ्लेमेट्री दवाएं नहीं लेनी चाहिए जब तक कि इस बात का भरोसा न हो जाए कि पीड़ित को डेंगू नहीं है, क्योंकि दोनों बीमारियों के लक्षण एकसमान हैं लेकिन इन दवाओं से डेंगू में ब्लीडिंग हो सकती है।

एचसीएफआई और आईएमए ने चिकनगुनिया के समय आर्थराइटिस में देखभाल के लिए निर्देश जारी किए हैं :

* चिकनगुनिया के साथ होने वाली ओस्टियोअर्टिकुलर समस्याएं एक से दो सप्ताह में कम हो जाती हैं।

* 20 प्रतिशत मामलों में वह कुछ सप्ताह में ठीक हो जाती हैं और 10 प्रतिशत से कम मामलों में यह महीनों तक चलती है।

* 10 प्रतिशत मामलों में सूजन चली जाती है; दर्द कम हो जाता है, लेकिन किसी अन्य बीमारी के साथ कुछ महीनों बाद यह फिर आ सकती है।

* हर बार उन्हीं जोड़ों में सूजन आती है, हल्का दबाव से रक्त बहाव होता है और यह लक्षण बुखार कम होने के बाद एक से दो सप्ताह तक रहते हैं।

* लंबी बीमारी में इम्यूनॉलॉजिकल आयटियॉलॉजी होने की संभावना होती है, स्टिरायड्स का एक छोटा कोर्स लाभदायक हो सकता है।

* सभी प्रतिकूल हालात की निगरानी के लिए सावधानी रखनी चाहिए और प्रतिकूल प्रभावों को रोकने के लिए हमेशा के लिए दवाओं का प्रयोग नहीं करते रहना चाहिए।

* चाहे एनएसएआईडीएस से लक्षणों में राहत मिल जाती है, लेकिन रीनल, गैस्ट्रोइनटेस्टिनल, कार्डियक और बोन मैरो के विषैलेपन के प्रति भी सावधानी आवश्यक है।

* जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए कोल्ड कंप्रैसेस लाभदायक पाए गए हैं।

* चिकनगुनिया से होने वाली अपंगता का अंदाजा और निगरानी स्टेंडर्ड स्केल से लगाया जा सकता है।

* समय पर फिजियोथैरेपी करवाने से कांट्रैक्चर्ज और डीफॉर्मिटीज के मरीज को लाभ मिलता है।

* वजन ना डालने वाले व्यायाम करने की सलाह दी जाती है जैसे कि सिर के पीछे का हिस्सा हथेली से छूना, ऐड़ी के धीमे व्यायाम, पुली के सहयोग से होने वाले व्यायाम, योगा के हल्के आसन आदि।

* गंभीर एवं अपंगता वाले कंट्रेक्चर्ज में सर्जरी के लिए कहा जा सकता है।

* देख रेख की योजना बड़े हस्पतालों में बनाई जा सकती है, लेकिन उसके बाद की देखभाल और लंबे समय की देखभाल घर पर या प्राइमरी हैल्थ सैंटर स्तर पर किया जा सकता है।

* विस्तारित अपंगता मूल्यांकण के बाद कामकाजी सहायता प्रदान की जानी चाहिए।

लाइफ स्टाइल

तेजी से बढ़ रही है दिल की बीमारियों के चलते मौत, करें ये उपाय

Published

on

By

Death due to heart diseases increasing

Loading

नई दिल्ली। भारत में दिल की बीमारियों के कारण होने वाली मौतों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हाई कॉलेस्ट्रॉल, धूम्रपान एवं आनुवंशिक कारणों से दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ रही है। दक्षिण-पूर्वी एशियाई आबादी में आनुवंशिक रूप से दिल की बीमारियों की संभावना अधिक होती है। दिल को सुरक्षित रखने के लिए कुछ उपाय हैं, जिसे अपनाकर आप दिल की बीमारियों से दूर रह सकते हैं।

सेहतमंद आहार लें

संतुलित और सेहतमंद आहार का सेवन करने से शरीर को सही पोषण मिलता है। जंक फूड में फैट, नमक और चीनी बहुत अधिक मात्रा में होती है, जो समय के साथ हमारे दिल को बीमार बना देती है। अक्सर लोग बिना सोचे समझे प्रोसेस्ड फूड का सेवन करते हैं क्योंकि उन्हें यह बहुत आसान लगता है, लेकिन इस तरह का भोजन हमारी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। हमारे आहार में पर्याप्त मात्रा में कैलोरीज, प्रोटीन, विटामिन, मिनरल और लो सैचुरेटेड फैट होने चाहिए।

गतिहीन जीवनशैली से बचें

बहुत से लोग नियमित रूप से व्यायाम नहीं करते। आज हममें से लाखों लोग ऐसी नौकरियां करते हैं, जिसके लिए उन्हें घंटों एक ही जगह पर बैठे रहना पड़ता है। व्यायाम की कमी व्यक्ति के लिए बेहद हानिकारक हो सकती है। यह मोटापे को जन्म देती है, जिसके कारण व्यक्ति धीरे धीरे डायबिटीज, हाइपरटेंशन और दिल की बीमारियों का शिकार बन जाता है।

शारीरिक रूप से सक्रिय

व्यायाम दिल को तंदुरुस्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कार्डियो व्यायाम से दिल की पम्प करने की क्षमता बढ़ती है और दिल की मांसपेशियां तंदुरुस्त बन जाती हैं। नियमित व्यायाम करने से रक्तचाप नियन्त्रण में रहता है, शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल कम होते हैं और ब्लड शुगर भी नियन्त्रित रहती है।

तनाव से बचें

तनाव आज हम सभी के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है, खासतौर पर ज्यादातर शहरी लोग अपने काम को लेकर तनाव में रहते हैं। जब आपका शरीर तनाव में रहता है, तो इसका असर शरीर के हर अंग पर पड़ता है। तनाव के समय शरीर में एड्रिनलिन हॉर्मोन ज्यादा मात्रा में बनने लगता है, अगर ऐसा नियमित रूप से होने लगे तो दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।

अच्छी और गहरी नींद

समय की कमी के कारण बहुत से लोग अपनी नींद को कम कर काम करने लगते हैं। वे अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए नींद से समझौता करते हैं जो सेहत के लिए खास तौर पर दिल के लिए खतरनाक है। 7-8 घंटे से कम नींद लेने से दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।

धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें

धूम्रपान और शराब का सेवन किसी भी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। आजकल विकासशील देशों में धूम्रपान का चलन तेजी से बढ़ रहा है। जो दिल के लिए नुकसानदायक है। यहां तक कि अगर आपके आस-पास कोई व्यक्ति धूम्रपान करता है तो वह भी आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं। धूम्रपान छोड़ने के लिए परिवार और दोस्तों के सहयोग की जरूरत होती है। इसकी आदत छोड़ने के लिए निकोटीन पैच या ई-सिगरेट का इस्तेमाल किया जा सकता है।

नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच

नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच कराकर आप दिल की बीमारियों के खतरे से बच सकते हैं। क्योंकि ऐसा करने से अगर आपको कोई समस्या है तो समय पर उसका निदान हो जाएगा और समय रहते इलाज शुरू कर बीमारी को गंभीर होने से रोका जा सकेगा। इसलिए नियमित रूप से अपनी जांच करवाते रहें और अपने स्वास्थ्य को मॉनिटर करते रहें।

Death due to heart diseases increasing, Death due to heart diseases increasing latest news, Death due to heart diseases increasing news,

डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी एक सूचना मात्र है. अपनाने से पहले सम्बंधित विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें.

Continue Reading

Trending