Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

ट्रंप को नहीं चाहते अधिकांश अमेरिकी युवा : सर्वेक्षण

Published

on

ट्रंप

Loading

ट्रंपवाशिंगटन| अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप द्वारा राष्ट्रपति पद के पूर्व डेमोक्रेटिक दावेदार बर्नी सैंडर्स के युवा समर्थकों से समर्थन की अपील करने के बावजूद एक नया मत सर्वेक्षण दर्शाता है कि लोकप्रियता हासिल करने वाला उनका यह खेल युवाओं के बीच ‘फ्लॉप’ हो गया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, रविवार को जारी अमेरिकी वेबसाइट यूएसए टुडे डॉट कॉम/रॉक के हाल के एक मत सर्वेक्षण से पता चलता है कि 35 वर्ष से कम उम्र के अधिकांश अमेरिकी मतदाता राष्ट्रपति पद की डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन के पक्ष में मतदान करेंगे। इस उम्र के पांच में से एक मतदाता ने ही ट्रंप का समर्थन किया।

इसके अलावा, सैंडर्स के समर्थकों के बीच भी हिलेरी क्लिंटन ने ट्रंप को पछाड़ दिया। 72 प्रतिशत सैंडर्स के समर्थक हिलेरी के पक्ष में हैं, जबकि 11 प्रतिशत ने ट्रंप का समर्थन किया।

अमेरिकी जनगणना ब्यूरो के गत अप्रैल महीने के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में 18 से 34 साल की उम्र के लोगों की संख्या 7.54 करोड़ है।

अमेरिका में हाल के सर्वेक्षणों में युवाओं का झुकाव डेमोक्रेटिक प्रत्याशी को वोट देने की ओर दिखा। यूएसए टूडे और रॉक के हाल के सर्वेक्षण दर्शाते हैं कि इस चुनाव में युवा मतदाता अप्रत्याशित हद तक रिपब्लिकन उम्मीदवार को खारिज कर सकते हैं।

सर्वेक्षण के अनुसार, युवा मतदाताओं में ट्रंप के समर्थक अनुमानित 32 प्रतिशत से भी कम हैं। वियतनाम युद्ध के खिलाफ युवाओं के बीच नाराजगी के कारण साल 1972 में रिचर्ड निक्सन को युवा मतदाताओं में इतना ही समर्थन मिला था।

इस बीच, सर्वेक्षणों में इस बात पर भी मुहर लगती दिख रही है कि हिलेरी और ट्रंप के अधिकांश समर्थक उनके प्रति इसलिए नहीं निष्ठा दिखा रहे हैं कि वे उन्हें चाहते हैं, बल्कि इसकी वजह यह है कि वे दूसरे को नहीं चाहते हैं।

सर्वेक्षण के अनुसार, 54 प्रतिशत ट्रंप के समर्थक और 51 प्रतिशत हिलेरी के समर्थक कहते हैं कि उम्मीदवार को समर्थन करने एक कारण यह है कि वे ह्वाइट हाउस से दूसरे उम्मीदवार को बाहर रखना चाहते हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान में अपने नागरिकों की मौत से भड़का चीन, घटना की गहन जांच की मांग की

Published

on

Loading

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में अपने चार नागरिकों की हत्या के बाद चीन भड़का हुआ है। गृह मंत्री मोहसिन नकवी हमले के तुरंत बाद चीन के दूतावास पहुंचे और राजदूत जियांग जैदोंग से मुलाकात की। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी हमले की कड़ी निंदा की, उन्होंने हमले को पाक चीन की दोस्ती को नुकसान पहुंचाने की साजिश बताया।

चीनी नागरिकों पर हुए हमले पर सिंघुआ विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय रणनीति संस्थान के अनुसंधान विभाग के निदेशक कियान फेंग ने कहा है कि यह हमला पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी की तरह है। ये बताता है कि पाकिस्तान को अभी सुरक्षा क्षेत्र में बहुत काम करने की जरूरत है। ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित लेख में उन्होंने इस हमले को उस हमले की कॉपी बताया जो 2021 में किया गया था, जिसमें 9 चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी। इस लेख में ये भी कहा गया है कि इस तरह के हमले बताते हैं कि आतंकी ताकतें चीन और पाकिस्तन के आर्थिक गलियारे की सफलता नहीं देखना चाहती हैं और लगातार इसे विफल करने की साजिश रच रही हैं।

उधर अपने नागरिकों की मौत के बाद चीन ने घटना की गहन जांच की मांग भी कर डाली है। पाकिस्तान स्थित चीनी दूतावास ने एक बयान में कहा, “पाकिस्तान में चीनी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों ने आपात कार्य शुरू कर दिया है और पाकिस्तानी पक्ष से हमले की गहन जांच करने, दोषियों को कठोर सजा देने तथा चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए व्यावहारिक और प्रभावी उपाय करने की मांग की है।”

Continue Reading

Trending