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रूपानी बने गुजरात के नए मुख्यमंत्री, नितिन पटेल होंगे नंबर-2

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नितिन

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 नितिनअहमदाबाद| गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष विजय रूपानी गुजरात के नए मुख्यमंत्री होंगे। आनंदीबेन पटेल की कैबिनेट में रहे वरिष्ठ मंत्री नितिन पटेल उप मुख्यमंत्री होंगे।

यह फैसला यहां राज्य पार्टी की बैठक के दौरान लिया गया, जिसकी अध्यक्षता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने की। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और सांसद सरोज पांडे पर्यवेक्षक के रूप में थे।

गुजरात की पहली महिला मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को फेसबुक पोस्ट पर चौंकाते हुए अपने इस्तीफे की घोषणा की थी। नौकरियों में आरक्षण की मांग को लेकर पाटीदार आंदोलन से उत्पन्न असह स्थिति के कारण उनकी काफी आलोचना हुई थी।

आनंदीबेन ने दावा किया कि भाजपा में 75 साल की उम्र के बाद सार्वजनिक पद से हटने के अलिखित परंपरा के तहत वे अपना इस्तीफा दे रही हैं। गुजरात में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाला है। नरेंद्र मोदी वहां 2001 से ही मुख्यमंत्री पद पर थे। 2014 में वह प्रधानमंत्री बनकर दिल्ली चले गए।

मृदुभाषी रूपनी एक जैन बनिया हैं, जो वर्तमान में पार्टी की गुजरात इकाई के अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री हैं। वहीं, स्वास्थ्य मंत्री और सरकार के प्रवक्ता नितिन पटेल एक जमीनी स्तर के देहाती पटेल नेता हैं।

दोनों की उम्र 60 साल है, लेकिन राजनीतिक और सरकार चलाने के अनुभव के मामले में नितिनपटेल, रूपानी से वरिष्ठ हैं।

मुख्यमंत्री के पद पर रूपानी के नाम की घोषणा काफी चौंकानेवाला है, क्योंकि पटेल को ही आखिरी पसंद माना जा रहा था। यहां तक कि पटेल ने गुजराती चैनलों को साक्षात्कार भी देना शुरू कर दिया था।

उनके मुख्यमंत्री बनने के कयास पर कादी निर्वाचन क्षेत्र और मेहसाना जिले में मिठाइयां भी बंटने लगी थीं। शाम 4.45 बजे तक अखबारों के कार्यालयों में पटेल का बायोडेटा फैक्स और ईमेल किया जा रहा था। टीवी चैनलों ने तो पटेल की पत्नी का भी साक्षात्कार लेना शुरू कर दिया था।

लेकिन अंतिम समय में नाम में बदलाव का संकेत मिला। नए नाम की आधिकारिक घोषणा के लिए 4 बजे हुई बैठक दो घंटे अधिक खिंच गई।

उत्तरी गुजरात के नितिन पटेल एक आम सहमति के उम्मीदवार के रूप में उभरे थे, क्योंकि उन्होंने कई विभाग संभाले थे।

पार्टी के एक नेता ने बताया, “वे कोई पसंदीदा नेता या चुने गए नेता नहीं थे, बल्कि संभवत: उन्हें इसलिए चुना जा रहा था कि कोई वर्तमान परिस्थितियों में कोई विकल्प नहीं था।”

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर इस साल फरवरी में जब रूपानी के नाम की घोषणा हुई तो यह भी चौंकानेवाला था। कहा जाता है कि पटेल मृदुभाषी हैं, किसी जाति के आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं और उनके जैसा दोस्ताना व्यवहार वाले व्यक्ति की आनंदीबेन और अमित शाह के गुटों को जरूरत थी।

सूत्रों का कहना है कि रूपानी को आंतरिक राजनीति के कारण मुख्यमंत्री बनाया गया है। नितिन पटेल पद छोड़कर जानेवाली मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल की पसंद थे, जबकि रूपानी को अमित शाह की पसंद माना जा रहा है।

रूपानी के पास एलएलबी की डिग्री है। वह न सिर्फ मोदी और अमित शाह के करीबी हैं, बल्कि कहा जा रहा है कि उनके राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी अच्छे रिश्ते हैं।

उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत संघ के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के साथ की थी।

नेशनल

गृहमंत्री अमित शाह ने वाराणसी में काल भैरव मंदिर में की पूजा-अर्चना, बीजेपी की जीत का मांगा आशीर्वाद

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वाराणसी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को काशी के कोतवाल कहे जाने वाले काल भैरव के दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने बीजेपी और पीएम मोदी की जीत का आशीर्वाद मांगा।

बता दें कि गृह मंत्री बुधवार की शाम काशी दौरे पर पहुंचे थे। वे महमूरगंज के मोतीझील में पीएम नरेंद्र मोदी और वाराणसी से भाजपा प्रत्याशी के चुनाव कार्यालय का उद्घाटन किया। फिर मोतीझील मैदान में जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने काशी के कार्यकर्ताओं में लोकसभा चुनाव को लेकर जोश भरने का काम किया। उसके बाद उन्होंने काशी में ही रात्रि विश्राम किया था। गुरुवार सुबह अचानक से दर्शन पूजन का प्लान तैयार किया गया था। इसके क्रम में प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में गृहमंत्री ने सबसे पहले काल भैरव मंदिर में दर्शन पूजन किया.

काशी के कोतवाल का दर्शन करने के बाद उन्हें विश्वनाथ मंदिर भी जाना था लेकिन अचानक से उनके कार्यक्रम में हुए बदलाव के बाद वह सीधे एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए, जहां से वह अगले कार्यक्रम के लिए जाएंगे। फिलहाल गृहमंत्री ने काल भैरव मंदिर में विशेष पूजन किया है। काल भैरव मंदिर के महंत नवीन गिरी का कहना है कि काल भैरव अष्टक के साथ उनका विशेष पूजन करवाया गया है ताकि सुख, शांति व समृद्धि के साथ उन्हें बड़ी जीत मिल सके।

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