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प्रादेशिक

आंध्र में विपक्ष के बंद का व्यापक असर

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आंध्र में विपक्ष के बंद का व्यापक असर

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आंध्र में विपक्ष के बंद का व्यापक असरविजयवाड़ा| आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर विपक्षी पार्टियों द्वारा मंगलवार को आहूत दिन भर के बंद का व्यापक असर देखने को मिला है। सरकारी ‘आंध्र प्रदेश सड़क परिवहन निगम’ (एपीएसआरटीसी) की बसें सड़कों से दूर रहीं, जबकि सभी 13 जिलों के अधिकतर इलाकों में दुकानें, उद्यम और शिक्षण संस्थान बंद रहे।

पुलिस ने वायएसआर कांग्रेस पार्टी, कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया, क्योंकि वे सड़कें जाम कर रहे थे और बस डिपो पर धरना दे रहे थे।

गिरफ्तारियों के कारण कुछ स्थानों पर तनाव व्याप्त हो गया।

पुलिस ने विजयवाड़ा के पंडित नेहरू बस अड्डे से प्रदर्शकारियों को जबरन हटाया। कृष्णा, गंटूर, प्रकाशम, नेल्लोर, चित्तूर, कडप्पा, कुरनूल और अनंतपुर जिलों में भी ऐसी ही स्थिति दिखाई दी।

आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा देने से केंद्र के इंकार और सत्तारूढ़ तेलगुदेशम पार्टी (तेदेपा) द्वारा केंद्र पर दबाव बनाने में असफल रहने के विरोध में वायएसआरसीपी द्वारा आहूत बंद के असर में स्कूल और कॉलेज भी बंद रहे।

कांग्रेस और वाम दलों ने राज्य विधानसभा में एकमात्र विपक्षी पार्टी वायएसआरसीपी द्वारा आहूत बंद का समर्थन किया था।

प्रदर्शकारियों ने ‘विशेष दर्जा आंध्र का अधिकार’, ‘चंद्रबाबू नायडू हाय हाय’ और ‘भाजपा हाय हाय’ के नारे लगाए।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पिछले सप्ताह राज्यसभा में कहा था कि आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता, लेकिन उन्होंने साथ ही आश्वासन दिया था कि जब तक राज्य आर्थिक रूप से स्थिर नहीं हो जाता, तब तक केंद्र राज्य को सहयोग करेगा।

वायएसआर कांग्रेस पार्टी के प्रमुख वाय.एस. जगमोहन रेड्डी ने इसे राज्य की पांच करोड़ जनता को भाजपा द्वारा दिया गया धोखा बताया।

विपक्ष के नेता ने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के तहत की गई प्रतिबद्धता पूरी करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने में असफल रहने को लेकर तेदेपा पर भी निशाना साधा।

उत्तर प्रदेश

हरदोई में 16 बार चुनाव लड़ा, हर बार मिली हार, फिर से मैदान में उतरे शिवकुमार

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हरदोई। देश भर में चुनाव का माहौल गरमाया हुआ है और ऐसे में हरदोई में भी चुनाव की गरमा गरमी अब खूब देखने को मिल रही है। यहां पर एक ऐसे प्रत्याशी भी है जो 17 वी बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं। अब तक कुल 16 बार चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन उन्हें आजतक किसी भी चुनाव में जीत नहीं मिली है। इनका नाम है शिवकुमार और यह शहर कोतवाली क्षेत्र के मन्नापुरवा के रहने वाले है।

इनका कहना है कि वह हारने के बाद भी वह चुनाव लड़ते रहेंगे क्योंकि जनता उनका सम्मान बरकरार रखती है। उन्होंने कहा कि इस बार अगर वह जीतते हैं तो लोकसभा क्षेत्र के लोगों की हर समस्या के समय उनके साथ खड़े रहेंगे और उनका सहयोग करेंगे। शिवकुमार ने प्रत्येक बार निर्दलीय होकर चुनाव लड़ा है।

शिवकुमार ने 3 प्रधानी के चुनाव 3 जिला पंचायत के साथ 7 चुनाव विधानसभा और अब तक 3 चुनाव दिल्ली वाले यानी लोकसभा ले लड़े है और अब वह चौथी बार 2024 में लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। उनका कहना है कि उनके मुद्दे क्या है अगर वह बता देंगे तो लोग नकल कर लेंगे।

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