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अन्तर्राष्ट्रीय

मैं अभी भी राष्ट्रपति पद पर हूं : एरदोगन

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मैं अभी भी राष्ट्रपति पद पर हूं : एरदोगन

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मैं अभी भी राष्ट्रपति पद पर हूं : एरदोगनअंकारा| तुर्की की सेना ने शुक्रवार देर रात देश पर कब्जा करने का दावा किया। इस बीच तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एरदोगन ने ‘फेसटाइम’ के जरिए देश को संबोधित करते हुए कहा कि वह अभी भी राष्ट्रपति पद पर बने हुए हैं। उन्होंने विपक्षी बलों को ध्वस्त करने की प्रतिबद्धता जताई।

तुर्की में संसद के पास टैंकों से गोले दागे गए और अंकारा में सैन्य जेट विमानों को उड़ते देखा जा सकता है।

एरदोगन ने वीडियो संदेश में कहा, “मैं देश की जनता से सड़कों पर उतरने का आह्वान कर रहा हूं। आओ, इन्हें सबक सीखाएं। मुझे नहीं लगता कि तख्तापलट की यह कोशिश सफल होगी। इतिहास में तख्तापलट की कोई भी साजिश सफल नहीं हुई।”

फर्स्ट आर्मी कमांडर उमित डुंडर ने कहा, “तख्तापलट की साजिश रचने वालों की सेना में मामूली संख्या है। चिंता करने की जरूरत नहीं है।”

तुर्की की समाचार एजेंसी ‘एनादोलु’ ने एरदोगन के हवाले से बताया कि तख्तापलट की कोशिश करने वाले लोगों की पहचान हो गई है। ये आतंकवादी संगठन एफईटीओ/पीडीवआई से जुड़े हुए हैं।

प्रधानमंत्री बिनाली यिलदिरीम ने शुक्रवार रात को देश को संबोधित करते हुए कहा, “यह लोकतंत्र पर हमला है। हम इसे सहन नहीं करेंगे। लोकतंत्र पर किसी तरह का कोई समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोषियों को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।”

सरकारी समाचार चैनल ‘टीआरटी’ ने बताया कि सेना ने मार्शल लॉ और कर्फ्यू लागू कर दिया है।

अन्तर्राष्ट्रीय

सरबजीत सिंह के हत्यारे की लाहौर में हत्या, अज्ञात हमलावरों ने घर में घुसकर मारी गोली

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नई दिल्ली। पाकिस्तान की जेल में सरबजीत सिंह की हत्या करने वाले शख्स अमीर सरफराज तांबा अज्ञात बंदूकधारियों ने घर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी है। जानकारी के मुताबिक, अमीर सरफराज तांबा लाहौर के इस्लामपुरा इलाके में रहता था, जहां मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने उसके घर में घुसकर उसे मौत के घाट उतार दिया।

सरबजीत सिंह की हत्या करने वाले अमीर सरफराज को लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद का करीबी माना जाता था। सरफराज को ‘लाहौर के असली डॉन’ के नाम से जाना जाता था। सरफराज पाकिस्तान में कई संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त था और और सरकार और प्रशासन का संरक्षण प्राप्त था। FIR में सरफराज के भाई जुनैद ने पूरे घटनाक्रम का सिलसिलेवार जिक्र किया है।

जुनैद ने बताया कि जिस समय अज्ञात बंदूकधारी घर में घुसे, तब वह अपने भाई सरफराज के साथ घर में मौजूद था। जुनैद ने बताया कि वो ग्राउंड फ्लोर पर था, जबकि अमीर सरफराज ऊपर वाले फ्लोर पर था। दोपहर में करीब 12.40 बजे पर 2 अज्ञात लोग मोटरसाइकिल पर सवार होकर उसके घर पहुंचे। इसमें से एक व्यक्ति ने हेलमेट पहना था और दूसरे व्यक्ति ने मास्क लगाया था। दोनों ने घर में घुसते ही अमीर सरफराज पर 3 गोलियां चलाई और फरार हो गए।

गौरतलब है कि भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह को पाकिस्तान ने जासूसी का आरोप लगाकर गिरफ्तार किया था। सरबजीत 30 अगस्त 1990 को गलती से पाक सीमा में चला गया था। तब पाक पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था और इस्लामाबाद में हुए बम धमाकों के मामले में गिरफ्तार किया था। पाक पुलिस का दावा था कि भारत के तरनतारन के गांव भिखीविंड निवासी सरबजीत सिंह भारतीय एजेंसियों का जासूस है। कई सालों तक पाक जेल में बंद रखने के बाद पाक खुफिया एजेंसी ISI के इशारों पर अमीर सरफराज ने साल 2013 में जेल में सरबजीत की हत्या कर दी थी।

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