प्रादेशिक
मिजोरम : परिवार के 3 बच्चे जिंदा जले
आईजोल| मिजोरम में एक आदिवासी परिवार की झोपड़ी में आग लगने से एक बच्ची सहित तीन बच्चे जिंदा जल गए। इस हादसे में एक बच्चे की हालत गंभीर बताई जा रही है। मिजोरम पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, “गुरुवार को मिजोरम-असम सीमा पर स्थित कोलासिब जिले के वैरेंग्टे गांव में एक बांस की झोपड़ी में आग लगने से तीन बच्चे जिंदा जल गए। सभी बच्चों की उम्र तीन से नौ साल के बीच थी।” उन्होंने कहा कि जब हादसा हुआ उस समय बच्चों के माता-पिता वहां मौजूद नहीं थे। हादसे के शिकार तीन बच्चों का एक नौ साल का भाई 70 फीसदी जल गया। उसे एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां पर उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
हादसे के दौरान पीड़ित बच्चों का 11 साल का सबसे बड़ा भाई एक गिरजाघर में क्रिसमस समारोह में भाग लेने गया था। पुलिस ने ग्रामीणों के बयान के हवाले से बताया कि पीड़ितों की 32 वर्षीय मां लालरम्मावी अपने सात माह के शिशु के साथ घर से बाहर गई हुई थी। रियांग आदिवासी समुदाय के इस गरीब परिवार के घर पर क्रिसमस के दिन खाने के लिए कुछ भी नहीं था, इसलिए वह अपने पड़ोसियों से कुछ चावल मांगने के लिए गई हुई थी। बच्चों का 34 वर्षीय पिता संगा घर से बाहर एक कस्बे में अपने लिए काम की तलाश में गया हुआ था। पुलिस अधिकारी ने बताया कि आग का कारण मिट्टी के तेल का दीपक हो सकता है। जिसे वे घर में प्रकाश के लिए प्रयोग करते थे।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
-
लाइफ स्टाइल2 days ago
पोषक तत्वों से भरपूर चुकंदर इन लोगों के लिए है नुकसानदेह, जानें कैसे
-
अन्तर्राष्ट्रीय2 days ago
केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अमेरिकी की टिप्पणी से भारत नाराज, कहा- ये हमारा आंतरिक मामला
-
नेशनल1 day ago
सीएम बने रहेंगे केजरीवाल, कोर्ट ने पद से हटाने वाली याचिका की खारिज
-
नेशनल1 day ago
शिवसेना-शिंदे गुट के स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी, मोदी-शाह समेत कई बड़े नाम शामिल
-
नेशनल2 days ago
बीजेपी ने तीन राज्यों के लिए स्टार प्रचारकों की लिस्ट की जारी, PM मोदी, शाह और योगी के नाम शामिल
-
नेशनल1 day ago
ईडी ने सुनीता केजरीवाल के रिश्तेदार के घर पर मारा छापा, जानें क्या है मामला
-
अन्तर्राष्ट्रीय2 days ago
पाकिस्तान में अपने नागरिकों की मौत से भड़का चीन, घटना की गहन जांच की मांग की
-
नेशनल2 days ago
ईडी की कस्टडी में केजरीवाल की तबीयत बिगड़ी, शुगल लेवल 46 तक गिरा