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हेल्थ

केंचुओं से फैलता है ‘एस्कारियसिस’ संक्रमण

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केंचुओं से फैलता है 'एस्कारियसिस' संक्रमण

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केंचुओं से फैलता है 'एस्कारियसिस' संक्रमण

नई दिल्ली| ‘एस्कारियसिस’ भारत में परजीवी से मनुष्य को होने वाली सबसे आम बीमारी है। पूरी दुनिया में इस बीमारी से एक अरब से ज्यादा लोग पीड़ित हैं। ‘एस्कारियसिस ल्युंब्रिकोयडिस’ नामक केंचुए के परजीवी से फैलने वाली इस बीमारी की मुख्य वजह नमी युक्त वातावरण का होना है, जो इस परजीवी के पनपने के लिए एक उचित माहौल प्रदान करता है।

यह बीमारी उन इलाके में ज्यादा पाई जाती है जहां पर साफ-सफाई का ध्यान बहुत कम रखा जाता है, जिससे मिट्टी और पानी दूषित हो जाता है। इस बीमारी से पीड़ित सबसे ज्यादा लोग एशिया (73 प्रतिशत), अफ्रीका (73 प्रतिशत) और दक्षिणी अमेरिका (73 प्रतिशत) में पाए जाते हैं, जहां इसके मामलों की संख्या 95 प्रतिशत तक होती है।

वैसे तो यह बीमारी सभी उम्र के लोगों में हो सकती है, लेकिन दो से 10 साल के बच्चों में यह ज्यादा पाई जाती है और 15 साल की उम्र आने तक इसका संक्रमण कम होने लगता है। इसका संक्रमण पूरे परिवार में फैल सकता है और परिवार में रह रहे लोगों की संख्या के अनुसार कीड़ों की संख्या होती है।

85 प्रतिशत मामलों में इस संक्रमण के कोई लक्षण नजर नहीं आते, खासकर कीड़ों की संख्या अगर कम हो। कीड़ों की संख्या बढ़ते ही इसके लक्षण भी बढ़ने शुरू हो जाते हैं, जिनमें सांस का टूटना और शुरुआत में बुखार होना। इसके बाद पेट में सूजन, पेट दर्द और दस्त आदि भी हो सकते हैं।

यह संक्रमण केंचुए के मल के जरिए उसके अंडों के खाने-पीने के चीजों में मिलने से फैलता है। यह अंडे आंत में पलते हैं, आंत की दीवारों को खोद कर रक्त के जरिये फेफड़ों में चले जाते हैं। वहां से यह एलवियोली में घुस जाते हैं और श्वास प्रणाली में चले जाते हैं, जहां पर वह ऊपर चढ़ने लगते हैं और पूरी तरह से फैल जाते हैं। फिर उनका लार्वा पेट से दूसरी बार गुजरता है और आंत में जाकर वह विकसित कीड़े बन जाते हैं।

हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डा. के.के. अग्रवाल बताते हैं, “इस बीमारी का पता जांच करके लगाया जाता है। जिन क्षेत्रों में केंचुआ अधिक मात्रा में पाया जाता है, वहां इसकी रोकथाम काफी मुश्किल होता है। शौचालयों का प्रयोग करके, मल को सही तरह से निपटा कर, लोगों को हाथ धोने के महत्व के बारे में जागरूक करके इसकी रोकथाम की जा सकती है।”

लाइफ स्टाइल

तेजी से बढ़ रही है दिल की बीमारियों के चलते मौत, करें ये उपाय

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Death due to heart diseases increasing

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नई दिल्ली। भारत में दिल की बीमारियों के कारण होने वाली मौतों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हाई कॉलेस्ट्रॉल, धूम्रपान एवं आनुवंशिक कारणों से दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ रही है। दक्षिण-पूर्वी एशियाई आबादी में आनुवंशिक रूप से दिल की बीमारियों की संभावना अधिक होती है। दिल को सुरक्षित रखने के लिए कुछ उपाय हैं, जिसे अपनाकर आप दिल की बीमारियों से दूर रह सकते हैं।

सेहतमंद आहार लें

संतुलित और सेहतमंद आहार का सेवन करने से शरीर को सही पोषण मिलता है। जंक फूड में फैट, नमक और चीनी बहुत अधिक मात्रा में होती है, जो समय के साथ हमारे दिल को बीमार बना देती है। अक्सर लोग बिना सोचे समझे प्रोसेस्ड फूड का सेवन करते हैं क्योंकि उन्हें यह बहुत आसान लगता है, लेकिन इस तरह का भोजन हमारी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। हमारे आहार में पर्याप्त मात्रा में कैलोरीज, प्रोटीन, विटामिन, मिनरल और लो सैचुरेटेड फैट होने चाहिए।

गतिहीन जीवनशैली से बचें

बहुत से लोग नियमित रूप से व्यायाम नहीं करते। आज हममें से लाखों लोग ऐसी नौकरियां करते हैं, जिसके लिए उन्हें घंटों एक ही जगह पर बैठे रहना पड़ता है। व्यायाम की कमी व्यक्ति के लिए बेहद हानिकारक हो सकती है। यह मोटापे को जन्म देती है, जिसके कारण व्यक्ति धीरे धीरे डायबिटीज, हाइपरटेंशन और दिल की बीमारियों का शिकार बन जाता है।

शारीरिक रूप से सक्रिय

व्यायाम दिल को तंदुरुस्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कार्डियो व्यायाम से दिल की पम्प करने की क्षमता बढ़ती है और दिल की मांसपेशियां तंदुरुस्त बन जाती हैं। नियमित व्यायाम करने से रक्तचाप नियन्त्रण में रहता है, शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल कम होते हैं और ब्लड शुगर भी नियन्त्रित रहती है।

तनाव से बचें

तनाव आज हम सभी के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है, खासतौर पर ज्यादातर शहरी लोग अपने काम को लेकर तनाव में रहते हैं। जब आपका शरीर तनाव में रहता है, तो इसका असर शरीर के हर अंग पर पड़ता है। तनाव के समय शरीर में एड्रिनलिन हॉर्मोन ज्यादा मात्रा में बनने लगता है, अगर ऐसा नियमित रूप से होने लगे तो दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।

अच्छी और गहरी नींद

समय की कमी के कारण बहुत से लोग अपनी नींद को कम कर काम करने लगते हैं। वे अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए नींद से समझौता करते हैं जो सेहत के लिए खास तौर पर दिल के लिए खतरनाक है। 7-8 घंटे से कम नींद लेने से दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।

धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें

धूम्रपान और शराब का सेवन किसी भी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। आजकल विकासशील देशों में धूम्रपान का चलन तेजी से बढ़ रहा है। जो दिल के लिए नुकसानदायक है। यहां तक कि अगर आपके आस-पास कोई व्यक्ति धूम्रपान करता है तो वह भी आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं। धूम्रपान छोड़ने के लिए परिवार और दोस्तों के सहयोग की जरूरत होती है। इसकी आदत छोड़ने के लिए निकोटीन पैच या ई-सिगरेट का इस्तेमाल किया जा सकता है।

नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच

नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच कराकर आप दिल की बीमारियों के खतरे से बच सकते हैं। क्योंकि ऐसा करने से अगर आपको कोई समस्या है तो समय पर उसका निदान हो जाएगा और समय रहते इलाज शुरू कर बीमारी को गंभीर होने से रोका जा सकेगा। इसलिए नियमित रूप से अपनी जांच करवाते रहें और अपने स्वास्थ्य को मॉनिटर करते रहें।

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डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी एक सूचना मात्र है. अपनाने से पहले सम्बंधित विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें.

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