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प्रादेशिक

मुख्यमंत्री अखिलेश के संकल्‍प को पूरा करेगा ग्राम्‍य विकास विभाग

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, ग्राम्‍य विकास विभाग, सामुदायिक विकास, विकास खण्डों की स्थापना

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, ग्राम्‍य विकास विभाग, सामुदायिक विकास, विकास खण्डों की स्थापना

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने शपथ ग्रहण समारोह के बाद विकास खण्डों के सुदृढ़ीकरण का जो संकल्प व्यक्त किया था उसको ग्राम्य विकास के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने व्यवहार में लाने के लिए कमर कस ली है।  पिछले कुछ वर्षों में देखने में आया है कि आजादी के बाद सामुदायिक विकास के दृष्टिगत विकास खण्डों की स्थापना की गई तथा उसके माध्यम से कृषि उत्पादन में बढ़ोत्तरी, निर्धनता उन्मूलन और ग्रामीण अवस्थापना सुविधाओं के विकास को केन्द्र में रखकर विकास खण्डों के माध्यम से समन्वय, अनुश्रवण और प्रसार के दौरान अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफलता हासिल की है।

इसके दृष्टिगत जनता से जुड़े सभी विभागों यथा- कृषि, कृषि रक्षा, सहकारिता, उद्यान, पशुपालन, पंचायती राज, युवा कल्याण, लघु सिंचाई, ग्रामीण अभियंत्रण सेवा, अर्थ एवं संख्या तथा चिकित्सा सहित अनेक विभाग खण्ड स्तरीय अधिकारी विकास खण्ड अधिकारी के नियंत्रण में किए जाएं और उसे कार्यालय अध्यक्ष, आहरण वितरण अधिकारी, समन्वयक एवं नियंत्रक बनाया गया है।

केन्द्र और राज्य सरकार ने विकास खण्ड एवं खण्ड विकास अधिकारी की क्षमता को देखकर ही अपनी समस्त महत्वपूर्ण विकास योजनाओं को उनके द्वारा संचालित करने का निर्णय लिया। विगत कुछ वर्षों से यह देखने में आ रहा है कि विकास की अवधारणा को संचालित करने वाले सहयोगी विभाग अपने को सिर्फ विभागवाद के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास/कोशिश कर रहे हैं, जो मुख्यमंत्री के विकास खण्डों को सुदृढ़ किए जाने की अवधारणा को विफल करने का प्रयास है।

इसका सबसे नवीनतम उदाहरण पंचायती राज विभाग है, जो आज संविधान की मूल भावना, पंचायती राज संस्थाओं को मजबूती प्रदान करने के बजाए अपने विभाग को मजबूत करने का कुत्सित प्रयास कर रहा है जिसका ग्राम्य विकास महापरिषद ने विरोध करने का निर्णय लिया है। उक्त बातें उत्तर प्रदेश ग्राम्य विकास महापरिषद के प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती प्रतिभा सिंह ने एक पत्रकार वार्ता के दौरान व्यक्त किया।  पत्रकार वार्ता में महापरिषद के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

पत्रकार वार्ता में प्रदेशिक विकास सेवा संगठन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष उमेश मणि त्रिपाठी ने कहा कि वस्तुतः ग्राम्य विकास एक विभाग न होकर विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने में एक महत्वपूर्ण इकाई है और ग्रामीण विकास से संबंधित अन्य समस्त विभाग इसकी एक यूनिट हैं।  सरकार का लक्ष्य ग्राम्य विकास है, ग्राम्य विकास साध्य है, अन्य समस्त विभाग महज इसके साधन के रूप में कार्य करते हैं।  इसलिए किसी भी अन्य विभाग को विकास खण्ड एवं पंचायती राज संस्थाओं को कमजोर करने के प्रयास को सफल नहीं होने दिया जाएगा और इसके किसी भी धरना/प्रदर्शन के विरोध स्वरूप हम अतिरिक्त समय में कार्य करके जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाएंगे।

ग्राम्य विकास अधिकारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष समर अब्बास ने इस अवसर पर महापरिषद को अपना समर्थन देते हुए कहा कि एक विभाग द्वारा निहित स्वार्थवश ग्राम्य विकास अधिकारियों को सचिवों के रूप में कार्य करने से वंचित करने का प्रयास किया जा रहा है, जबकि उनकी शैक्षिक योग्यता उनके साथ काम करने वाले अन्य विभाग, जैसे ग्राम पंचायत अधिकारी से अधिक है तथा ग्रामीण क्षेत्रों में विकास से जुड़े कार्यों को सम्पादित कराने में ग्राम्य विकास अधिकारी अधिक सक्षम एवं समर्थ हैं। हमें इसका पुरजोर विरोध करना है।

पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए प्रादेशिक विकास सेवा संगठन के महामंत्री राजेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि महापरिषद के सभी अधिकारी और कर्मचारी आगामी 10 एवं 17 जून को एक विभाग द्वारा सरकार विरोधी प्रस्तावित धरने/प्रदर्शन को विफल करने के लिए 2 घन्टे अतिरिक्त कार्य करेंगे।  शासन स्तर पर कृषि उत्पादन आयुक्त की छतरी (अम्बरेला) की भांति निचले पायदान पर तैनात खण्ड विकास अधिकारी की भूमिका को और मजबूती प्रदान की जानी चाहिए।  महापरिषद किसी विभाग को इसे कमजोर करने की साजिश का घोर विरोध करेगा।

प्रेस वार्ता में आल इण्डिया डीआरडीए इम्प्लाइज यूनियन के अध्यक्ष एसके श्रीवास्तव ने महापरिषद को अपना समर्थन देते हुए महापरिषद को सहयोग देने का निर्णय लिया है।  प्रेस वार्ता में मिनिस्ट्रीयल एसोसिएशन उप्र, मनरेगा कार्मिक कल्याण संगठन, नरेगा तकनीकी सहयोग वेलफेयर एसोसिएशन, राजकीय वाहन चालक संघ, उर्दू अनुवादक संघ, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ, ग्राम्य विकास लेखा संघ आदि संगठनों के अध्यक्ष एवं महामंत्री उपस्थित थे।

उत्तर प्रदेश

हरदोई में 16 बार चुनाव लड़ा, हर बार मिली हार, फिर से मैदान में उतरे शिवकुमार

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हरदोई। देश भर में चुनाव का माहौल गरमाया हुआ है और ऐसे में हरदोई में भी चुनाव की गरमा गरमी अब खूब देखने को मिल रही है। यहां पर एक ऐसे प्रत्याशी भी है जो 17 वी बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं। अब तक कुल 16 बार चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन उन्हें आजतक किसी भी चुनाव में जीत नहीं मिली है। इनका नाम है शिवकुमार और यह शहर कोतवाली क्षेत्र के मन्नापुरवा के रहने वाले है।

इनका कहना है कि वह हारने के बाद भी वह चुनाव लड़ते रहेंगे क्योंकि जनता उनका सम्मान बरकरार रखती है। उन्होंने कहा कि इस बार अगर वह जीतते हैं तो लोकसभा क्षेत्र के लोगों की हर समस्या के समय उनके साथ खड़े रहेंगे और उनका सहयोग करेंगे। शिवकुमार ने प्रत्येक बार निर्दलीय होकर चुनाव लड़ा है।

शिवकुमार ने 3 प्रधानी के चुनाव 3 जिला पंचायत के साथ 7 चुनाव विधानसभा और अब तक 3 चुनाव दिल्ली वाले यानी लोकसभा ले लड़े है और अब वह चौथी बार 2024 में लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। उनका कहना है कि उनके मुद्दे क्या है अगर वह बता देंगे तो लोग नकल कर लेंगे।

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