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प्रादेशिक

हरदोई में प्रेमी युगल ने फाँसी लगाकर दी जान

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हरदोई में प्रेमी युगल ने फाँसी लगाकर दी जान

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हरदोई में प्रेमी युगल ने फाँसी लगाकर दी जान

हरदोई। जिले के पिहानी इलाके में एक शादीशुदा प्रेमी युगल ने अलग अलग स्थानों पर फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। जानकारी पर पुलिस ने शवों को कब्जे में लिया और पोस्ट मार्टम कराया है।

पिहानी कोतवाली इलाके के गजुआखेड़ा निवासी गुड्डू 40 पुत्र रामऔतार गाँव का चौकीदार है। उसका शव बुधवार की सुबह उसी के आम के पेड़ से सहारे रस्सी से लटकता पाया गया। सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। जानकारी पाकर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लिया।

इसी बीच पुलिस को जानकारी लगी कि गुड्डू के छोटे चचेरे भाई सरजू की पत्नी सुनीता 35 ने घर के अंदर फाँसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। पुलिस ने दोनों के शवों को कब्जे में लिया और पोस्ट मार्टम के लिए भेजा। मृतक के चचेरे भाई संजय ने बताया कि दोनों का काफी समय से प्रेम परवान चढ़ रहा था। अपर पुलिस अधीक्षक पश्चिमी नित्यानंद राय ने बताया कि आत्महत्या की वजह अभी तक ग्रामीणों के अनुसार प्रेम प्रसंग ही सामने आई है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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