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हेल्थ

पीतल के नल से सेहत को खतरा

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पीतल के नल से सेहत को खतरा

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पीतल के नल से सेहत को खतरा

नई दिल्ली| भारत में रसोईघरों में आमतौर पर पीतल के नल का प्रयोग किया जाता है, लेकिन पीने के पानी में पीतल के नलों से रिसते सीसे के कारण सेहत संबंधी कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इसके देखते हुए किचन सिंक ब्रांड ‘अनुपम सिंक्स’ ने भारत में पहली बार स्टेनलेस स्टील के किचन नल लेकर आई है। किचन में उपयोग किए जाने वाले चमकदार, सुंदर नल सामान्यत: पीतल के बने होते हैं और मानव शरीर को काफी नुकसान पहुंचाते हैं। पीतल के नल पर कई घंटे या रात भर जमा रहने वाला पाने में पीतल के नल के अंदर स्थित सीसा रिस आता है जिसके कारण पीने के पानी के पहले बहाव में सीसे की मात्रा काफी ज्यादा हो सकती है। पीने के पानी में सीसा काफी जहरीला होता है और इसके कारण मृत्यु या केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र, दिमाग और किडनियों को स्थाई क्षति हो सकती है।

अनुपम सिंक्स के निदेशक राजेन्द्र गर्ग कहते हैं, “कीमत और प्रदर्शन की तुलना में पीतल के नलों का गलनांक अपेक्षाकृत कम होता है जिसके कारण इसे ढालना आसान होता है। हालांकि, स्टेनलेस स्टील पीतल से कठोर होती है और उसका गलनांक अधिक होता है, जिसके कारण पीतल की तुलना में इसे ढालना और बनाना कठिन होता है। लेकिन, इसमें सीसा नहीं होता है, जो कि आज के नियामक वातावरण में एक बड़ा फायदा है। इसलिए, हमने भारतीय बाजार में स्टेनलेस स्टील के नल पेश करने का निर्णय लिया।”

लाइफ स्टाइल

हार्ट अटैक से बचने के लिए अपनाएं ये उपाय, सही खानपान व व्यायाम है जरूरी

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heart attack

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नई दिल्ली। आजकल हमें लगभग रोज ऐसे वीडियो देखने को मिलते हैं जिनमें बाहर से दिखने वाले एक स्वस्थ इंसान को अचानक हार्ट अटैक आता है और तुरंत ही उसकी मौत हो जाती है। ऐसा वीडियो देखकर लोग डर रहे हैं। आज हम आपको बताएंगे कि कैसे आप हार्ट की बीमारी से दूर रह सकते हैं।

खानपान

गेहूं की रोटी की जगह बाजरा, ज्वार या रागी अथवा इनका आटा मिलाकर बनाई रोटी खाएं।

आम, केला, चीकू जैसे ज्यादा मीठे फल कम खाएं। इनके बजाय पपीता, कीवी, संतरा जैसे कम मीठे फल खाएं।

तली और मीठी चीजें जितना कम कर दें, उतना बेहतर है।

जितनी भूख से उससे 20 फीसदी कम खाएं और हर 15 दिन में वजन चेक करते रहें।

व्यायाम

सप्ताह में पांच दिन 45 मिनट तक कसरत करें। वॉकिंग भी करते हैं तो असर दिखता है।

दिल की बीमारियों की एक बड़ी वजह मोटापा है। वजन जितना बढ़ेगा और हृदय रोगों का खतरा उतना ज्यादा रहेगा।

फिटनेस को इस स्तर पर लाने का प्रयास करें कि सीधे खड़े होने पर जब आप नीचे नजरें करें तो बेल्ट का बक्कल दिखे।

अगर एक से डेढ़ किलोमीटर जाना है तो पैदल जाएं।

7 घंटे की नींद जरूरी

रोजाना कम से कम 7 घंटे की नींद जरूर लें।  जल्दी सोने और जल्द उठने का रूटीन बनाएं।

रात 10 से सुबह 6 बजे तक सोने का सही समय है। इससे शरीर नाइट साइकिल में बेहतर आराम कर सकेगा।

तनाव लेने से बचें, इसका सीधा असर दिमाग और दिल पर होता है।

धूम्रपान पूरी तरह छोड़ दें

लगातार धूम्रपान करने से उसका धुआं धमनियों की लाइनिंग को कमजोर करता है।

इससे धमनियों में वसा के जमा होने की आशंका और भी बढ़ जाती है।

इसी तरह अल्कोहल से दूरी बना लेते हैं तो हार्ट हेल्दी रहेगा।

कौन सा टेस्ट कराएं

30 साल की उम्र पार करते ही शुगर, लीवर, किडनी और ईसीजी जांच करानी चाहिए.

अगर आप जिम या वर्कआउट करते हैं तो अपना हार्ट और कार्डियक चेकअप जरूर कराएं.

40 साल की उम्र के बाद स्ट्रेस टेस्ट कराएं.

ट्रेडमिल टेस्ट (टीएमटी) भी जरूरी है.

स्मोकर्स, डायबिटिक और मोटापे के शिकार लोगों को स्ट्रेस टेस्ट कराना चाहिए.

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डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी मात्र सूचना के उद्देश्य से है न कि कोई डाक्टरी सलाह. सटीक जानकारी के लिए सम्बंधित विशेषज्ञ से अवश्य सलाह लें.

 

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