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अन्तर्राष्ट्रीय

दक्षिण अफ्रीका की संसद में सवाल-जवाब सत्र में दिखी अराजकता

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दक्षिण अफ्रीका की संसद में सवाल-जवाब सत्र में दिखी अराजकता

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दक्षिण अफ्रीका की संसद में सवाल-जवाब सत्र में दिखी अराजकता

केप टाउन। दक्षिण अफ्रीका की संसद में मंगलवार को राष्ट्रपति जैकब जुमा के भ्रष्टाचार व अन्य अहम मुद्दों से संबंधित सवालों का जवाब देने के दौरान सदन में एक बार फिर अराजकता देखने को मिली। समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, इकनोमिक फ्रीडम फाइर्ट्स (ईएफएफ) के सांसदों ने राष्ट्रपति जुमा के आसंदी पर आते ही सवाल-जवाब सत्र में व्यवधान उत्पन्न किया।

ईएफएफ व सत्तारूढ़ अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस (एएनसी) के सांसदों के बीच धक्कामुक्की भी हुई, जिससे संसद में अव्यवस्था फैल गई।सुरक्षा अधिकारियों ने बीच में हस्तक्षेप करने की कोशिश की, लेकिन ईएफएफ सांसद उन पर अग्निशमक यंत्र से निकालने वाली गैस की बौछार करने लगे।

ईएफएफ सांसदों के सदन के नियमों का पालन करने से इनकार करने पर संसद अध्यक्ष बालेका मबते ने उन्हें सदन से बाहर जाने का आदेश दिया। उस वक्त अराजक दृश्य देखने को मिले जब ईएफएफ सांसदों को जबर्दस्ती संसद से बाहर कर दिया गया। इस दौरान संसद में घूंसे चले और टोपियां, बोतलें व हैंड बैग इधर-उधर गिरते-पड़ते देखे गए।

टेलीविजन फुटेज में ईएफएफ सांसदों को संसद की सीढ़ियों से जबरन धकेलते दिखाया गया। इसके अलावा संसद की टूटी खिड़कियां भी दिखाई दीं, जिन्हें कथित तौर पर ईएफएफ समर्थकों ने नुकसान पहुंचा। संसद के बाहर भी ईएफएफ सांसद दरवाजा तोड़ रहे थे और पुराने एसेंबली दरवाजे तोड़ रहे थे।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान में अपने नागरिकों की मौत से भड़का चीन, घटना की गहन जांच की मांग की

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान में अपने चार नागरिकों की हत्या के बाद चीन भड़का हुआ है। गृह मंत्री मोहसिन नकवी हमले के तुरंत बाद चीन के दूतावास पहुंचे और राजदूत जियांग जैदोंग से मुलाकात की। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी हमले की कड़ी निंदा की, उन्होंने हमले को पाक चीन की दोस्ती को नुकसान पहुंचाने की साजिश बताया।

चीनी नागरिकों पर हुए हमले पर सिंघुआ विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय रणनीति संस्थान के अनुसंधान विभाग के निदेशक कियान फेंग ने कहा है कि यह हमला पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी की तरह है। ये बताता है कि पाकिस्तान को अभी सुरक्षा क्षेत्र में बहुत काम करने की जरूरत है। ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित लेख में उन्होंने इस हमले को उस हमले की कॉपी बताया जो 2021 में किया गया था, जिसमें 9 चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी। इस लेख में ये भी कहा गया है कि इस तरह के हमले बताते हैं कि आतंकी ताकतें चीन और पाकिस्तन के आर्थिक गलियारे की सफलता नहीं देखना चाहती हैं और लगातार इसे विफल करने की साजिश रच रही हैं।

उधर अपने नागरिकों की मौत के बाद चीन ने घटना की गहन जांच की मांग भी कर डाली है। पाकिस्तान स्थित चीनी दूतावास ने एक बयान में कहा, “पाकिस्तान में चीनी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों ने आपात कार्य शुरू कर दिया है और पाकिस्तानी पक्ष से हमले की गहन जांच करने, दोषियों को कठोर सजा देने तथा चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए व्यावहारिक और प्रभावी उपाय करने की मांग की है।”

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