प्रादेशिक
एपीसीओबी के अध्यक्ष की पत्नी, ड्राइवर की सड़क दुर्घटना में मौत
हैदराबाद| आंध्र प्रदेश को-ऑपरेटिव बैंक(एपीसीओबी) के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री वेंकटेश्वर राव की कार मंगलवार तड़के हैदराबाद के बाहरी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त गई, जिसमें वह घायल हो गए, जबकि उनकी पत्नी और ड्राइवर की मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि हादसा पहाड़ी शरीफ पुलिस थानाक्षेत्र के अंतर्गत तुक्कु गुडा के निकट रिंग रोड पर हुई।
वेंकटेश्वर राव अपनी पत्नी के साथ विजयवाड़ा से हैदराबाद लौट रहे थे। इस दौरान चालक ने कार पर से नियंत्रण खो दिया, जिससे यह दुर्घटना हुई।
पुलिस ने आशंका जताई है कि कार तेज गति से चल रही थी और उसी दौरान उसका एक पहिया निकल गया, जिससे वह सड़क के किनारे रेलिंग से टकराई और करीब 60 गज तक घसीटती रही।
राव की पत्नी सत्यवाणी और ड्राइवर दासु की मौत घटनास्थल पर ही हो गई। पूर्व मंत्री को नजदीक के अस्पताल में ले जाया गया, जहां से बाद में उन्हें शहर के एक कॉरपोरेट अस्पताल में स्थानान्तरित कर दिया गया।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने राव की पत्नी की मौत पर शोक जताया है। उन्होंने राव की कुशलक्षेम ली। राव सत्ताधारी तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के नेता हैं।
उत्तर प्रदेश
रामनवमी पर भगवान सूर्य ने किया रामलला के ललाट पर ‘सूर्य तिलक’
अयोध्या। देशभर में आज रामनवी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस बार रामनवमी के मौके पर अयोध्या में खास आयोजन किया जा रहा है। 500 साल बाद अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम का सूर्य तिलक किया गया।
वैज्ञानिक दर्पण के जरिए सूर्य की किरण को भगवान रामलला के मस्तक पर पहुंचाया गया। इस दौरान सूर्य की किरणों ने लगभग 4 मिनट तक रामलला के ललाट की शोभा बढ़ाई। शंखों की ध्वनि, मंत्रोच्चारण और पुजारियों की मौजूदगी में सूर्य तिलक के अवसर को और भी शानदार बना दिया। दूसरी ओर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि श्री रामनवमी की पावन बेला में आज, श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्रभु श्री रामलला सरकार का दिव्य अभिषेक किया गया।
भगवान राम के सूर्याभिषेक के बाद लोगों ने दिव्य दर्शन किए। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद रामलला की ये पहली रामनवमी है। अयोध्या में रामनवमी की अद्भुत और विह्गम छटा दिखने को मिल रही है। इस दौरान रामलला की विशेष पूजा-अर्चना हुई। इस मौके पर राम मंदिर को फूलों और लाइटिंग से सजाया गया है। राम मंदिर के कपाट भक्तों के लिए सुबह 3.30 बजे खोल दिए गए हैं। यहां पर रात 11 बजे तक भक्त रामलला के दर्शन कर सकेंगे। यहां पर मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया। दोपहर 12.16 बजे रामलला का सूर्यतिलक के भव्य दर्शन हुए।
इससे पहले श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने जानकारी दी थी कि सूर्य के तिलक का सफल परीक्षण पूरा कर लिया गया है। वैज्ञानिकों ने जिस तरह से प्रयास किया है, वह बहुत सराहनीय और वह बहुत अद्भुत है, क्योंकि सूर्य की किरणें भगवान रामलला के ठीक ललाट पर पड़ी है। जैसे ही सूर्य की किरणें प्रभु राम के माथे पर पड़ी, वैसे ही पता चल रहा है कि भगवान सूर्य उदय कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा था कि इतना ही नहीं, त्रेता युग में भी जब प्रभु राम ने अवतार लिया था तो उस दौरान सूर्य देव एक महीने तक अयोध्या में रुके थे। त्रेता युग का वह दृश्य अब कलयुग में भी साकार हो रहा है। जब हम प्रभु राम का आरती उतार रहे थे और सूर्य देव उनके माथे पर राजतिलक कर रहे थे तो वह दृश्य बहुत अद्भुत दिख रहा था।
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