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मेघालय में हिंदुओं व ईसाइयों ने मिलकर मनाया क्रिसमस

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शिलांग| मेघालय में ईसाइयों ने गुरुवार को उत्साह के साथ क्रिसमस मनाया। इस अवसर पर उन्होंने अपने मित्रों और रिश्तेदारों को शुभकामनाएं और उपहार दिए। ईसाई बहुल उत्तरपूर्वी राज्य मेघालय में ईसा मसीह के जन्मदिन के जश्न में हिंदुओं ने भी भाग लिया।

राजधानी शिलांग में बिशप और पादरियों ने विभिन्न ईसाई संप्रदायों के चर्चो में प्रार्थना सभाओं की अगुआई की और धर्मोपदेश दिए।

शिलांग के मुख्य चर्च के प्रधान पादरी रेवरेंड डोमिनिक जाला ने नाजारेत अस्पताल में आधी रात को क्रिसमस की प्रार्थना की अध्यक्षता की। इसके बाद उन्होंने लैटकोर इलाके में स्थित संत जोसेफ चर्च में प्रार्थना सभा की अध्यक्षता की।

अपने उपदेश में जाला ने लोगों से सर्वभौमिक प्रेम और भाईचारे के आदर्शो को बनाए रखने की अपील की।

सभी चर्च, मिशनरी स्कूल और संस्थानों को रंगबिरंगी पट्टिकाओं और रोशनियों से सजाया गया है।

हिंदुओं ने भी अपने तरीके से क्रिसमस मनाया। हिंदू धार्मिक संगठनों की सर्वोच्च संस्था सेंट्रल पूजा समिति ने क्रिसमस मनाने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया।

रामकृष्ण मिशन ने शिलांग में हिंदू शैली में क्रिसमस मनाया। उन्होंने वैदिक मंत्रोच्चार किया और ईसा मसीह की पूजा की।

राज्य में क्रिसमस के अवसर पर लोगों ने एक दूसरे को बधाइयां और उपहार दिए। लोग अपने रिश्तेदारों के घर उनसे मिलने जा रहे हैं। बच्चों के लिए खेलकूद और सामुदायिक भोजों का आयोजन किया जा रहा है। मेघालय की 80 फीसदी जनसंख्या ईसाई है।

विभिन्न राजनीति पार्टियों के नेताओं ने भी लोगों को क्रिसमस के अवसर पर शुभकामनाएं दीं।

मुख्यमंत्री मुकुल संगमा ने राज्य के नागरिकों को बधाई देते हुए कहा, “एक बार फिर से शांति, प्रेम और सद्भावना का मौसम क्रिसमस आया है। मैं कामना करता हूं कि हमारे प्रभु ईसा मसीह का जन्मदिन हमारे दिलों में शांति, प्रेम, आशा और सद्भावना भर दे। यही क्रिसमस की सच्ची भावना है।”

मेघालय के राज्यपाल के.के. पॉल ने कहा कि क्रिसमस की भावना और उत्साह राज्य के हर नागरिक के जीवन में शांति, भाईचारा, समृद्धि और खुशहाली दे।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान में अपने नागरिकों की मौत से भड़का चीन, घटना की गहन जांच की मांग की

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान में अपने चार नागरिकों की हत्या के बाद चीन भड़का हुआ है। गृह मंत्री मोहसिन नकवी हमले के तुरंत बाद चीन के दूतावास पहुंचे और राजदूत जियांग जैदोंग से मुलाकात की। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी हमले की कड़ी निंदा की, उन्होंने हमले को पाक चीन की दोस्ती को नुकसान पहुंचाने की साजिश बताया।

चीनी नागरिकों पर हुए हमले पर सिंघुआ विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय रणनीति संस्थान के अनुसंधान विभाग के निदेशक कियान फेंग ने कहा है कि यह हमला पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी की तरह है। ये बताता है कि पाकिस्तान को अभी सुरक्षा क्षेत्र में बहुत काम करने की जरूरत है। ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित लेख में उन्होंने इस हमले को उस हमले की कॉपी बताया जो 2021 में किया गया था, जिसमें 9 चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी। इस लेख में ये भी कहा गया है कि इस तरह के हमले बताते हैं कि आतंकी ताकतें चीन और पाकिस्तन के आर्थिक गलियारे की सफलता नहीं देखना चाहती हैं और लगातार इसे विफल करने की साजिश रच रही हैं।

उधर अपने नागरिकों की मौत के बाद चीन ने घटना की गहन जांच की मांग भी कर डाली है। पाकिस्तान स्थित चीनी दूतावास ने एक बयान में कहा, “पाकिस्तान में चीनी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों ने आपात कार्य शुरू कर दिया है और पाकिस्तानी पक्ष से हमले की गहन जांच करने, दोषियों को कठोर सजा देने तथा चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए व्यावहारिक और प्रभावी उपाय करने की मांग की है।”

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