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उत्तराखंड

पहाड़ का दशरथ मांझी डीआईजी चमोली

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पहाड़ का दशरथ मांझी, शिव प्रसाद चमोली, उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन, आपदा प्रबंधन के गुर, हिमालयन एडवेंचर्स इंस्टीट्यूट

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S P Chamoli

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पहाड़ का दशरथ मांझी डीआईजी चमोली

सुनील परमार

देहरादून। प्रदेश की राजधानी से लगभग 50 किमी की दूरी पर एक पहाड़ को काट कर पहाड़ बसाने की कसरत में जुटा है एक पूर्व सैन्य अफसर। आईटीबीपी में डीआईजी पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले शिव प्रसाद चमोली ने उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन के साथ ही आपदा प्रबंधन के गुर सिखाने में महारथ हासिल की है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के सेनानी भी उनसे प्रशिक्षण हासिल कर जनसेवा कर रहे हैं।

साहसिक पर्यटन को दे रहे बढ़ावा

हिमालयन एडवेंचर्स इंस्टीट्यूट के निदेशक चमोली ने इस संस्थान की स्थापना 1994 में की थी। उन्होंने कैम्पटी गांव के निकट एक पहाड़ पर लगभग दस बीघा जमीन का उपयोग संस्थान के लिए किया। इसमें रॉक क्लाइम्बिंग, माउंटेनियरिंग, रॉफ्टिंग, ट्रैकिंग जैसे साहसिक कार्यों को प्रोत्साहन दिया साथ ही सरकारी कर्मचारियों व स्कूली बच्चों को आपदा से निपटने के लिए तैयार करने के लिए भी प्रशिक्षण देने का काम किया।

डीआईजी चमोली बताते हैं कि इस संस्थान का उद्देश्य आउटडोर एजूकेशन देना है ताकि यदि जीवन में कभी कठिनाई आए तो प्रशिक्षणार्थी इसमें पूरी तरह से सफल साबित हो सके। संस्थान में कड़ा प्रशिक्षण दिया जाता है। इस संस्थान में एल्मूनियम की 45 फीट ऊंची रॉक क्लाइम्बिंग दीवार है। इस पर एक साथ तीन लोग चढ़ सकते हैं। पूर्व डीआईजी चमोली का दावा है कि यह दीवार राज्य की पहली रॉक क्लाइम्बिंग दीवार है।

एनडीआरएफ व एसडीआरएफ भी लेते हैं प्रशिक्षण

डीआईजी चमोली ने पिछले 20 साल के दौरान यहां हजारों छात्रों जिनमें प्रतिष्ठित दून स्कूल, वेल्हम, सेंट जोसेफ, मेयो स्कूल जयपुर, व दिल्ली के कई नामी-गिरामी शामिल हैं, को साहसिक खेलों के साथ ही आपदा के लिए भी प्रशिक्षित किया है। डीआईजी चमोली के अनुसार उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं, लेकिन इसको सरकार के प्रोत्साहन की जरुरत है। इस पर्यटन से यहां के युवाओं को रोजगार मिल सकता है। इस संस्थान में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को भी आपदा प्रबंधन की बारीकियों को सिखाया जाता है। संस्थान में हर्बल गार्डन भी बनाया गया है। इस गार्डन में उत्तराखंड में पायी जाने वाली कई प्रजातियां उपलब्ध हैं। इसके अलावा संस्थान में आठवीं कक्षा तक ग्रामीण बच्चों के लिए अंग्रेजी माध्यम का स्कूल भी चलाया जारहा है। इस स्कूल में मामूली फीस पर बेहतरीन शिक्षा दी जा रही है।

कोर्स जो यहां उपलब्ध हैं

चार दिवसीय लीडरशिप कोर्स

20 दिवसीय आपदा के दौरान राहत व बचाव कोर्स

7 दिवसीय योगा व ध्यान कोर्स यह कोर्स बुजुर्ग लोगों के लिए तैयार किया गया है

उत्तराखंड

10 मई से शुरू हो रही चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, पहले ही दिन हुए 2 लाख से ज्यादा पंजीकरण

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नई दिल्ली। इस बार 10 मई से चारधाम यात्रा शुरू हो रही है। इसके लिए सोमवार से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई। पहले ही दिन चार धाम के लिए दो लाख से अधिक पंजीकरण हो गए हैं। सबसे अधिक 69 हजार पंजीकरण केदारनाथ धाम के लिए हुए हैं।

रजिस्ट्रेशन की सुविधा मोबाइल ऐप, वॉट्सऐप और टोल फ्री नंबर पर भी है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा। इस बार चारधाम यात्रा शुरू होने से 25 दिन पहले यात्रियों को रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी जा रही है, जिससे प्रदेश के बाहर से आने वाले यात्री अपना प्लान बनाकर आसानी से रजिस्ट्रेशन कर सकें।

रजिस्ट्रेशन के लिए नाम, मोबाइल नंबर के साथ यात्रा करने वाले सदस्यों का ब्योरा, निवास स्थान के पते के लिए आईडी देनी होगी। पर्यटन विभाग की वेबसाइट रजिस्ट्रेशन एंड टूरिस्ट केअर डॉट यूके डॉट जीओवी डॉट इन पर लॉगिन कर रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। इसके अलावा वॉट्सऐप नंबर-8394833833 पर यात्रा लिखकर मैसेज करके भी पंजीकरण कर सकते हैं। पर्यटन विभाग ने टोल फ्री नंबर-0135-1364 पर कॉल करके पंजीकरण की सुविधा दी है। स्मार्ट फोन पर टूरिस्टकेअरउत्तराखंड मोबाइल ऐप से भी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

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