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बिजनेस

पतंजलि को 2016-17 में 150 फीसदी विकास की उम्मीद

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पतंजलि आयुर्वेद, 2016-17 में 150 फीसदी विकास की उम्मीद, आचार्य बालकृष्ण

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पतंजलि आयुर्वेद, 2016-17 में 150 फीसदी विकास की उम्मीद, आचार्य बालकृष्ण

नई दिल्ली| पतंजलि आयुर्वेद की आय 2016-17 में 150 फीसदी बढ़कर 10 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है। यह बात यहां मंगलवार को कंपनी के संस्थापक और योग गुरु रामदेव ने कही। रामदेव ने यहां संवाददाताओं से कहा, “हमारी आय वर्तमान वित्त वर्ष में 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो जाने की उम्मीद है, जो 2015-16 में 5000 करोड़ रुपये की कंपनी है। हमारा इस साल 150 फीसदी विकास होने जा रहा है।” कंपनी इस साल विभिन्न राज्यों में विभिन्न उत्पादों की 5-6 नई प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित करेंगी। कंपनी के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने कहा, “हम असम, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में 5-6 प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित करेंगे। इनमें से चार इसी साल चालू हो जाएंगे।”

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मुंबई बना एशिया के अरबपतियों की राजधानी, बीजिंग को पीछे छोड़ा

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मुंबई। मुंबई में अरबपतियों की संख्या बीजिंग से अधिक हो गई है। हुरुन रिसर्च की 2024 ग्लोबल रिच लिस्ट के अनुसार, मुंबई में 92 अरबपति हैं, जबकि बीजिंग में 91 अरबपति हैं। हालांकि चीन में भारत के 271 की तुलना में कुल मिलाकर 814 अरबपति हैं। ग्लोबल लेवल पर, मुंबई अब न्यूयॉर्क के बाद अरबपतियों के मामले में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है, न्यूयार्क में अरबपतियों की संख्या 119 है। लिस्ट के मुताबिक, सात साल बाद लंदन 97 के साथ दूसरे स्थान पर है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “मुंबई दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते अरबपतियों की राजधानी है, इस साल इसमें 26 अरबपति शामिल हुए और यह दुनिया में तीसरा व एशिया में अरबपतियों की राजधानी बन गया है। नई दिल्ली पहली बार शीर्ष 10 में शामिल हुई।” भारत की आर्थिक शक्ति उसकी अरबपति आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि से और भी अधिक रेखांकित हुई। देश में आश्चर्यजनक रूप से 94 नए अरबपति जुड़े, जो संयुक्त राज्य अमेरिका को छोड़कर किसी भी देश में सबसे अधिक है। कुल मिलाकर यहां 271 अरबपति हो गए। यह उछाल 2013 के बाद से सबसे ज्‍यादा है और भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़ते आत्मविश्‍वास का प्रमाण है।

2024 हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अरबपतियों की संचयी संपत्ति चीन की प्रति अरबपति औसत संपत्ति (3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर बनाम 3.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर) को पार करते हुए 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई।

रिपोर्ट में बताया गया है कि उद्योग के लिहाज से फार्मास्युटिकल क्षेत्र 39 अरबपतियों के साथ सबसे आगे है, इसके बाद ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग (27) और रसायन क्षेत्र (24) का स्थान है। सामूहिक रूप से भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 1 खरब डॉलर के बराबर है, जो वैश्विक अरबपतियों की संपत्ति का 7 फीसदी है, जो देश के पर्याप्त आर्थिक प्रभाव को दर्शाता है।

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