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प्रादेशिक

पश्चिम बंगाल चुनाव : शुरुआती 2 घंटे में 22 प्रतिशत मतदान

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पश्चिम बंगाल चुनाव : शुरुआती 2 घंटे में 22 प्रतिशत मतदान

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पश्चिम बंगाल चुनाव : शुरुआती 2 घंटे में 22 प्रतिशत मतदान

कोलकाता| पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के चौथे चरण के तहत सोमवार को दो जिलों-हावड़ा और उत्तर 24 परगना- के 49 विधानसभा क्षेत्रों में शुरुआती दो घंटों में लगभग 22 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। निर्वाचन आयोग (ईसी) के एक अधिकारी ने कहा, “सुबह नौ बजे तक 21.87 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। उत्तरी 24 परगना जिले में 22.63 प्रतिशत और हावड़ा जिले में 20.34 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।”

जहां निर्वाचन आयोग ने मतदान के शांतिपूर्ण होने की बात कही है, वहीं भाजपा और कांग्रेस ने कुछ मतदान केंद्रों पर मतदान में धांधली का आरोप लगाया है।

उत्तरी हावड़ा से चुनाव लड़ रहीं भाजपा उम्मीदवार रूपा गांगुली ने एक मतदान केंद्र पर मतदान प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाया। उन्हें कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का विरोध भी झेलना पड़ा।

वहीं, इस विधानसभा क्षेत्र से रूपा की प्रतिद्वंद्वी और तृणमूल उम्मीदवार लक्ष्मी रतन शुक्ला ने उनके आरोपों का खंडन करते हुए क्षेत्र में शांतिपूर्ण मतदान की बात कही।

चौथे चरण के तहत जिन 49 विधानसभा सीटों पर मतदान हो रहे हैं, उनमें से 33 उत्तरी 24 परगना जिले में और शेष 16 हावड़ा जिले में हैं।

चौथे चरण के तहत 12,481 मतदान केंद्रों पर 1.08 करोड़ से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए पंजीकृत हैं। इस चरण में 345 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं, जिनमें से 40 महिलाएं हैं।

निर्वाचन आयोग इस चरण के लिए 14,353 इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और 680 वोटर वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) मशीन का इस्तेमाल कर रहा है।

सुरक्षा व्यवस्था के लिहाज से केंद्रीय बलों की 672 टुकड़ियां और 23,000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। इसके साथ ही दोनों जिले में पारदर्शी एवं निष्पक्ष चुनावों के लिए आवश्यक बंदोबस्त किए गए हैं।

वर्ष 2011 के विधानसभा चुनावों में तृणमूल कांग्रेस ने 49 में से 43 सीटों पर जीत दर्ज की थी। कांग्रेस को दो सीटें मिली थी। वामपंथी मोर्चे में मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) को तीन और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) को एक सीट मिली थी।

तृणमूल और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सभी निर्वाचन क्षेत्रों में अपने उम्मीदवारों को उतारा है। वामपंथी मोर्चे के घटक और कांग्रेस 46 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि जनता दल (युनाइटेड) एक सीट पर और दो सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं।

उत्तर 24 परगना की खारदा सीट से एक बार फिर दो अर्थशास्त्री आमने-सामने हैं। तृणमूल सरकार में वित्त, उद्योग एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अमित मित्रा और माकपा के असीम दासगुप्ता इस सीट से चुनाव मैदान में उतरे हैं।

राज्य में पांचवें चरण के तहत 53 सीटों के लिए मतदान 30 अप्रैल को और छठे चरण के तहत पांच मई को 25 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होंगे।

उत्तर प्रदेश

रामनवमी पर भगवान सूर्य ने किया रामलला के ललाट पर ‘सूर्य तिलक’

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अयोध्या। देशभर में आज रामनवी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस बार रामनवमी के मौके पर अयोध्या में खास आयोजन किया जा रहा है। 500 साल बाद अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम का सूर्य तिलक किया गया।

वैज्ञानिक दर्पण के जरिए सूर्य की किरण को भगवान रामलला के मस्तक पर पहुंचाया गया। इस दौरान सूर्य की किरणों ने लगभग 4 मिनट तक रामलला के ललाट की शोभा बढ़ाई। शंखों की ध्वनि, मंत्रोच्चारण और पुजारियों की मौजूदगी में सूर्य तिलक के अवसर को और भी शानदार बना दिया। दूसरी ओर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि श्री रामनवमी की पावन बेला में आज, श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्रभु श्री रामलला सरकार का दिव्य अभिषेक किया गया।

भगवान राम के सूर्याभिषेक के बाद लोगों ने दिव्य दर्शन किए। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद रामलला की ये पहली रामनवमी है। अयोध्या में रामनवमी की अद्भुत और विह्गम छटा दिखने को मिल रही है। इस दौरान रामलला की विशेष पूजा-अर्चना हुई। इस मौके पर राम मंदिर को फूलों और लाइटिंग से सजाया गया है। राम मंदिर के कपाट भक्तों के लिए सुबह 3.30 बजे खोल दिए गए हैं। यहां पर रात 11 बजे तक भक्त रामलला के दर्शन कर सकेंगे। यहां पर मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया। दोपहर 12.16 बजे रामलला का सूर्यतिलक के भव्य दर्शन हुए।

इससे पहले श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने जानकारी दी थी कि सूर्य के तिलक का सफल परीक्षण पूरा कर लिया गया है। वैज्ञानिकों ने जिस तरह से प्रयास किया है, वह बहुत सराहनीय और वह बहुत अद्भुत है, क्योंकि सूर्य की किरणें भगवान रामलला के ठीक ललाट पर पड़ी है। जैसे ही सूर्य की किरणें प्रभु राम के माथे पर पड़ी, वैसे ही पता चल रहा है कि भगवान सूर्य उदय कर रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा था कि इतना ही नहीं, त्रेता युग में भी जब प्रभु राम ने अवतार लिया था तो उस दौरान सूर्य देव एक महीने तक अयोध्या में रुके थे। त्रेता युग का वह दृश्य अब कलयुग में भी साकार हो रहा है। जब हम प्रभु राम का आरती उतार रहे थे और सूर्य देव उनके माथे पर राजतिलक कर रहे थे तो वह दृश्य बहुत अद्भुत दिख रहा था।

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