Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तराखंड

पौड़ी जिले में गहराया पेयजल संकट

Published

on

पौड़ी जिले में गहराया पेयजल संकट, अधिकांश प्राकृतिक स्रोत सूखने की कगार पर

Loading

पौड़ी जिले में गहराया पेयजल संकट, अधिकांश प्राकृतिक स्रोत सूखने की कगार पर

अधिकांश प्राकृतिक स्रोत सूखने की कगार पर

पौड़ी (गढ़वाल)। बढ़ती गरमी और जंगलों में भड़कती वनाग्नि के चलते ग्रामीण अंचलों के प्राकृतिक स्रोत सूख गए हैं। जिससे जिला मुख्यालय पौड़ी समेत ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट गहरा गया है। वहीं जिले में बढ़ती पेयजल समस्याओं ने कागजों में तैयार सरकारी पेयजल योजनाओं की भी पोल खोल दी है। जिले में जंगलों में भड़कती आग, मानसून की बेरूखी और विकास के नाम पर बनीं कागजी पेयजल योजनाओं ने ग्रामीण अंचलों में पीने के पानी का संकट पैदा कर दिया है। पृथक राज्य बनने के बाद विकास के नाम पर गांव-गांव सड़कें तो पहुंच गई, लेकिन पेयजल विभाग की लापरवाही के साथ ही निर्माण विभागों के अनियोजित योजनाओं के चलते पेयजल स्रोतों को जबरदस्त नुकसान हुआ है। सड़क निर्माण में पेयजल स्रोतों को तहस-नहस करती जेसीबी व ब्लाटिंग के अलावा पेयजल स्रोतों को संरक्षित करने के बजाय उनके नजदीक से सड़क की खुदाई होने के कारण पानी के प्राकृतिक स्रोतों की या तो दिशा बदल रही है और या जलस्रोतों का अस्तित्व ही खत्म होता जा रहा है।

सड़क निर्माण के कारण पौड़ी जिले की अधिकांश पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त भी हुई हैं। जिले में मानसून की बेरूखी ने पेयजल समस्या को और बदहाल कर दिया है। पर्वतीय क्षेत्रों के प्राकृतिक स्रोत या तो सूख गए हैं या उनमें नाममात्र का जलस्राव हो रहा है। आसमान की ओर टकटकी लगाए ग्रामीणों के साथ ही जल संस्थान और पेयजल निगम भी मानसून की इंतजार में हैं। मानसून की बारिश यदि समय पर नहीं हुई तो इस साल जिले में पेयजल की विकट समस्या पैदा होना तय है। सर्दियों में वर्षा काफी कम हुई और बर्फवारी तो ना के बराबर हुई। जिससे प्राकृतिक जलस्रोतों का जलस्तर अति न्यून हो गया।

जिला मुख्यालय पौड़ी समेत आसपास के इलाकों के वाशिंदों की प्यास बुझाने के लिए बनी नानघाट पेयजल योजना बार-बार जवाब दे रही है। जिससे पौड़ी शहर में भारी पेयजल संकट गहरा रहा है। शनिवार को शहर में पेयजल आपूर्ति न होने से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। वहीं पौड़ी जिले के कल्जीखाल ब्लाक की असवालस्यूं पट्टी के अधिकांश गांव की प्यास बुझाने के लिए बनीं मुण्डनेश्वर पम्पिंग योजना पेयजल निगम की गैर जिम्मेदाराना व्यवस्था के कारण चरमरा गई है। विभाग पेयजल संकट को लेकर विद्युत आपूर्ति ठीक न होने और मजदूरों की लापरवाही का बहाना बनाकर अपना पल्ला झाड़ रहा है। इधर लगभग दस दिनों से क्षेत्र के ग्रामीण पानी के लिए तरस रहे हैं। यही हाल मनियारस्यूं पट्टी का भी हैं जहां घण्डियाल बाजार सहित दर्जन भर से अधिक गांव में पेयजल संकट बना हुआ है। जिससे ग्रामीणों को मीलों दूर पेयजल स्रोतों व गधेरों से पानी ढोना पड़ रहा है। ऐसे में मूलभूत सुविधाओं से वंचित पौड़ी जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से बीते 15 वर्षों में सबसे ज्यादा रिकार्ड पलायन हुआ है। इधर एकेश्वर ब्लाक के नौंगावखाल, चैबट्टाखाल, सिमारखाल, एकेश्वर के नजदीकी गांवों में भी पेयजल संकट गहराता जा रहा है। अब बढ़ते पेयजल संकट से निजात दिलाए जाने के लिए ग्रामीणों ने प्रशासन से टैंकरों से पेयजल आपूर्ति किए जाने की गुहार लगायी है।

 

Continue Reading

उत्तराखंड

हल्द्वानी हिंसा के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक समेत नौ आरोपियों की संपत्ति होगी कुर्क

Published

on

Loading

हल्द्वानी। हल्द्वानी के बनभूलपुरा में 8 फरवरी को हुई हिंसा का मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक फरार है। अब अब्दुल मलिक को पुलिस ने भगोड़ा घोषित कर दिया है। उधर, हल्द्वानी सिविल कोर्ट ने अब्दुल मलिक समेत नौ आरोपियों की संपत्ति कुर्क करने का आदेश जारी कर दिया है। नैनीताल पुलिस और प्रशासन की ओर से आदेश के अनुपालन की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। नैनीताल पुलिस का कहना है कि आज से इस मामले में आरोपियों की संपत्ति को चिन्हित किए जाने की कार्रवाई शुरू की जाएगी।

अब्दुल मलिक पर धार्मिक भावनाएं भड़काकर पुलिस और प्रशासन टीम पर हमला करने के संगीन आरोप के साथ ही सरकारी जमीनों को खुर्द-बुर्द कर मस्जिद और मदरसा बनाने का भी आरोप है। हल्द्वानी हिंसा में 6 करोड़ की संपत्ति का नुकसान हुआ है। जिसकी भरपाई अब्दुल मलिक से की जाएगी। पुलिस मलिक की संपत्ति कुर्क करने की तैयारी में जुट गई है।

बता दें कि हिंसा में 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी, जिला प्रशासन के लोग, निगमकर्मी और मीडियाकर्मी घायल हुए थे। जबकि, छह लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने 31 दंगाइयों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

Continue Reading

Trending