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उत्तराखंड

पूरे देश में एक जैसा कानून हो: अजय भट्ट

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उत्‍तराखण्‍ड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, स्वयंभू मुख्यमंत्री बनकर रावत ने खड़ा किया संवैधानिक संकट, रावत के फैसले रद्द किये जायें

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उत्‍तराखण्‍ड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, स्वयंभू मुख्यमंत्री बनकर रावत ने खड़ा किया संवैधानिक संकट, रावत के फैसले रद्द किये जायें

स्वयंभू मुख्यमंत्री बनकर रावत ने खड़ा किया संवैधानिक संकट

देहरादून। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने लोनिवि विश्राम गृह में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि न्यायापालिका से हरीश रावत को न्याय मिला, यह अलग बात है, पर सरकार पर लगे आपराधिक कृत्य माफ नहीं हो सकते। इसके खिलाफ भाजपा का संघर्ष जारी रहेगा। हमने उत्तराखंड को देवभूमि बनाने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि हम हाईकोर्ट के फैसले पर टिप्पणी नहीं कर सकते, लेकिन कभी-कभी अपराधी को न्यायालय से संदेह का लाभ भी मिल जाता है। केंद्र सरकार इस समय न्याय के सर्वोच्च मंदिर में है। राष्ट्रपति शासन के दौरान एक सौ करोड़ से ज्यादा जुर्माना वसूला गया। यदि साढ़े चार साल का हिसाब हम लगाएं तो पांच हजार चार सौ करोड़ रुपये इनकी जेब में गए।

रावत के फैसले रद्द किये जायें

फ्लोर टेस्ट में कांग्रेस के बहुमत साबित करने के सवाल पर उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस बहुमत साबित नहीं कर पाएगी। उन्होंने नौ विधायकों के पार्टी छोड़ने के लिए विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल और सीएम हरीश रावत को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि पूरे देश में एक जैसा कानून बनना चाहिए जो संवैधानिक प्रक्रियाओं को लागू कराने के लिये उत्तरदायी बन सके। विधायकों के संपर्क में होने के सवाल को खारिज करते हुए उन्होंने कहा हमारे पास न तो कांग्रेस के बागी विधायक हैं और न ही पीडीएफ के। पर जब वोटिंग होगी हम अंतर आत्मा की आवाज से वोट देने का आह्वान करेंगे। इसलिए वो नौ लोग सही दिशा का समर्थन करेंगे। उन्होंने न्यायालय द्वारा अखबारों, मीडिया में दिए बयानों पर चिंता जताई। कहा न्यायालय की टिप्पणी बाहर नहीं आ सकती। सर्वोच्च न्यायालय की गाइड लाईन है कि न्यायालयों को अनावश्यक टिप्पणी करने से बचना चाहिए। न्यायालय ने अंदर क्या कहा मैं नही जानता, लेकिन जो खबरें मीडिया में चल रही थीं वह चिंताजनक थीं।

उधर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता मुन्ना सिंह चैहान ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आनन-फानन में बृहस्पतिवार और शुक्रवार को स्वयंभू मुख्यमंत्री बनकर कैबिनेट की बैठक बुलाई और निर्णय लिए, उससे प्रदेश में संवैधानिक संकट की स्थिति और गंभीर हो गई। हैरान करने वाली बात है कि उच्च न्यायालय का आदेश हस्ताक्षर होकर अभी जारी भी नहीं हुआ और पक्षकारों को कोर्ट के फैसले की प्रति तक नहीं मिली और रावत ने काम शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि इतना उतावलापन दिखाया गया कि राज्यपाल के सलाहकारों की नेम प्लेट तक हटा दी गई।

चैहान ने राज्यपाल से मांग की कि पूर्व मुख्यमंत्री ने असंवैधानिक तरीके से जितने फैसले लिए हैं उन्हें तत्काल रद्द कर दिया जाए। इस तरह की संवैधानिक व्यवस्था की जाए कि आइंदा कोई इस तरह की हरकत न कर सके। उन्होंने आरोप लगाया कि कैबिनेट में किए गए फैसले विधायकों की खरीद-फरोख्त के लिए उठाया गया एक कदम है। एक विधायक के महाविद्यालय के राजकीयकरण का फैसला किया गया है जिससे यह आरोप सिद्ध हो जाता है।

 

उत्तराखंड

10 मई से शुरू हो रही चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, पहले ही दिन हुए 2 लाख से ज्यादा पंजीकरण

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नई दिल्ली। इस बार 10 मई से चारधाम यात्रा शुरू हो रही है। इसके लिए सोमवार से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई। पहले ही दिन चार धाम के लिए दो लाख से अधिक पंजीकरण हो गए हैं। सबसे अधिक 69 हजार पंजीकरण केदारनाथ धाम के लिए हुए हैं।

रजिस्ट्रेशन की सुविधा मोबाइल ऐप, वॉट्सऐप और टोल फ्री नंबर पर भी है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा। इस बार चारधाम यात्रा शुरू होने से 25 दिन पहले यात्रियों को रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी जा रही है, जिससे प्रदेश के बाहर से आने वाले यात्री अपना प्लान बनाकर आसानी से रजिस्ट्रेशन कर सकें।

रजिस्ट्रेशन के लिए नाम, मोबाइल नंबर के साथ यात्रा करने वाले सदस्यों का ब्योरा, निवास स्थान के पते के लिए आईडी देनी होगी। पर्यटन विभाग की वेबसाइट रजिस्ट्रेशन एंड टूरिस्ट केअर डॉट यूके डॉट जीओवी डॉट इन पर लॉगिन कर रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। इसके अलावा वॉट्सऐप नंबर-8394833833 पर यात्रा लिखकर मैसेज करके भी पंजीकरण कर सकते हैं। पर्यटन विभाग ने टोल फ्री नंबर-0135-1364 पर कॉल करके पंजीकरण की सुविधा दी है। स्मार्ट फोन पर टूरिस्टकेअरउत्तराखंड मोबाइल ऐप से भी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

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