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नेशनल

वाजपेयी और मालवीय पर दूरदर्शन का विशेष वृत्तचित्र 25 को

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नई दिल्ली| दूरदर्शन 25 दिसंबर को राष्ट्र की दो महान शख्सियतों अटल बिहारी बाजपेई और मदन मोहन मालवीय के जन्म दिवस के रूप में मनाएगा। प्रधानमंत्री की 25 दिसंबर को राष्ट्रीय सुशासन दिवस मनाए जाने की घोषणा के अनुसरण में दूरदर्शन विशेष वृत्तचित्रों का प्रसारण करेगा। ‘गीत नया गाता हूं’ नामक वृत्तचित्र अटल बिहारी वाजपेई पर है जो एक महान राजनेता होने के साथ चार दशकों तक संसद सदस्य और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री रहे। वे एक महान वक्ता, कवि, साहित्यकार हैं तथा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने राजनैतिक ख्याति अर्जित की है।

उन्होंने पोखरण परमाणु परीक्षण सफलतापूर्वक कराया, भारत से पाकिस्तान तक की सद्भावना यात्रा की पहल की, चतुर्भुज सड़क योजना आरंभ की और अन्य उपलब्धियां हासिल कीं। उनकी कविता और गीतों की पृष्ठभूमि के साथ यह फिल्म डीडी नेशनल पर 25 दिसंबर को प्रात: 11.00 बजे प्रसारित की जाएगी जिसे रात्रि 10.30 बजे पुन: प्रसारित किया जाएगा।

दूसरा वृत्तचित्र ‘राष्ट्रीयनेता राजनेता’ – 25 दिसंबर को प्रात: 09.30 बजे प्रसारित किया जाएगा जो अशीति वर्षीय और सभी देशवासियों के लिए प्रेरणास्रोत इस महान व्यक्तित्व को समर्पित है। 25 दिसंबर को प्रात: 09.00 बजे डीडी नेशनल पर ‘स्वप्न साकार : महामना पंडित मदन मोहन मालवीय’ पर एक वृत्तचित्र प्रसारित किया जाएगा जिसके माध्यम से उनके राजनैतिक, सामाजिक और शैक्षिक कैरियर पर प्रकाश डालते हुए इस महान व्यक्तित्व को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी।

भारतीय स्वाधीनता आंदोलन और हिंदू राष्ट्रीयता के समर्थन में उनकी विशिष्ट भूमिका के लिए इस भारतीय शिक्षाविद और राजनेता को ‘महामना’ की उपाधि प्रदान की गई थी। वे दो बार (1909 और 1918) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे थे। इस फिल्म में उनकी यात्राओं और उपलब्धियों का लेखाजोखा होगा और इसे उसी दिन सायं 06.00 बजे दूरदर्शन के सभी क्षेत्रीय केंद्रों से प्रसारित किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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