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उत्तराखंड

बगावत के डर से हिमाचल भेजे गये कांग्रेसी विधायक

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उत्‍तराखण्‍ड में कांग्रेस को बगावत का डर, हिमाचल भेजे गये कांग्रेसी विधायक, सतपाल महाराज खेमे के चार विधायक

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उत्‍तराखण्‍ड में कांग्रेस को बगावत का डर, हिमाचल भेजे गये कांग्रेसी विधायक, सतपाल महाराज खेमे के चार विधायक

देहरादून। उत्तराखंड में कांग्रेस के लिए राजनीतिक परिस्थितियां जटिल होती जा रही हैं। सरकार गठन की संभावना न्यायालय की चैखट पर लंबित है और कांग्रेस ने सेंधमारी की आशंका के चलते सतपाल महाराज खेमे के चार विधायकों को हिमाचल प्रदेश भेज दिया है। सेंधमारी की आशंका के चलते शुक्रवार को कांग्रेस ने सतपाल महाराज खेमे के चार विधायकों सहित अपने कई विधायकों को हिमाचल भेज दिया। इनको अलग-अलग दलों में शाम के समय रवाना किया गया। विधायकों को सिरमौर और सोलन जनपदों में अलग-अलग गुप्त स्थानों पर भेजा गया है। सूत्रों का कहना है कि विधायकों की सुरक्षा के लिहाज से पार्टी ने कांग्रेस शासित प्रदेश का चयन किया है। नौ विधायकों की बगावत से सरकार गंवाने के बाद कांग्रेस अपने बाकी विधायकों और सहयोगी पीडीएफ के विधायकों को लेकर चिंता में है।

सरकार गठन में हो रही देरी की वजह से सेंधमारी का खतरा बढ़ रहा था, इसलिए कांग्रेस ने अपने विधायकों को हिमाचल प्रदेश के लिए रवाना कर दिया। पीडीएफ के कुछ विधायकों को भी साथ भेजा गया है। अलग अलग समूह में गए इन विधायकों को सिरमौर व सोलन जिलों में गुप्त स्थानों पर रखा गया है। शुक्रवार को हिमाचल रवाना होने वाले विधायकों में विक्रम नेगी, विजयपाल सजवाण, सरिता आर्य, रेखा आर्य, मनोज तिवारी, ललित फर्स्वाण, हेमेश खर्कवाल, राजेंद्र भंडारी, प्रो. जीतराम, अनुसूईया प्रसाद मैखुरी के अलावा पीडीएफ के दिनैश धनै व मंत्रीप्रसाद नैथानी शामिल हैं।

विगत 18 मार्च को सदन के भीतर जो कुछ हुआ, अभी तक भी उसका हैंगओवर बना हुआ है। कांग्रेस के नौ विधायकों ने वित्त विनियोग विधेयक पर वोटिंग के दौरान विद्रोह किया तो सरकार पर संकट आ गया। समूचे विपक्ष और विजय बहुगुणा व हरक सिंह रावत समेत कांग्रेस के नौ सदस्यों की शिकायत पर राज्यपाल ने 19 मार्च को ही हरीश सरकार को 28 मार्च तक बहुमत साबित करने को कहा था। इस अवधि में सुरक्षित रखने के लिहाज से भाजपा ने अपने व कांग्रेस के नौ असंतुष्टों को गुड़गांव व जयपुर, पुष्कर समेत कई शहरों का भ्रमण कराया।

वहीं, फिक्रमंद कांग्रेस ने अपने व पीडीएफ के विधायकों को रामनगर रिसोर्ट में रखा। दोनों तरफ से यही तैयारी थी कि 28 मार्च को बहुमत साबित करने वाले दिन वे एकसाथ आएंगे। लेकिन एक दिन पहले ही राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया। उधर भाजपा भी अपने विधायकों पर कड़ी नजर रख रही है। विधायक कहां और किससे मिल रहे हैं इस पर कड़ी नजर रखी जा रही है। राज्य का सियासी पारा फिलहाल उतरता नहीं दिख रहा है। राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने के मामले में सुनवाई की तारीख 6 अप्रैल रखी गई है। इसके बाद दोनों ही पक्ष अपने-अपने पक्ष में कोर्ट का फैसला आने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। इसिलिए कांग्रेस या भाजपा किसी भी तरह का कोई चांस नहीं लेना नहीं चाहते हैं।

 

उत्तराखंड

10 मई से शुरू हो रही चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, पहले ही दिन हुए 2 लाख से ज्यादा पंजीकरण

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नई दिल्ली। इस बार 10 मई से चारधाम यात्रा शुरू हो रही है। इसके लिए सोमवार से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई। पहले ही दिन चार धाम के लिए दो लाख से अधिक पंजीकरण हो गए हैं। सबसे अधिक 69 हजार पंजीकरण केदारनाथ धाम के लिए हुए हैं।

रजिस्ट्रेशन की सुविधा मोबाइल ऐप, वॉट्सऐप और टोल फ्री नंबर पर भी है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा। इस बार चारधाम यात्रा शुरू होने से 25 दिन पहले यात्रियों को रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी जा रही है, जिससे प्रदेश के बाहर से आने वाले यात्री अपना प्लान बनाकर आसानी से रजिस्ट्रेशन कर सकें।

रजिस्ट्रेशन के लिए नाम, मोबाइल नंबर के साथ यात्रा करने वाले सदस्यों का ब्योरा, निवास स्थान के पते के लिए आईडी देनी होगी। पर्यटन विभाग की वेबसाइट रजिस्ट्रेशन एंड टूरिस्ट केअर डॉट यूके डॉट जीओवी डॉट इन पर लॉगिन कर रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। इसके अलावा वॉट्सऐप नंबर-8394833833 पर यात्रा लिखकर मैसेज करके भी पंजीकरण कर सकते हैं। पर्यटन विभाग ने टोल फ्री नंबर-0135-1364 पर कॉल करके पंजीकरण की सुविधा दी है। स्मार्ट फोन पर टूरिस्टकेअरउत्तराखंड मोबाइल ऐप से भी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

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