Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तराखंड

क्या कोलकत्ता फ्लाईओवर हादसे से सबक लेगा प्रशासन

Published

on

कोलकत्ता फ्लाईओवर हादसा, देहरादून में भी बन रहे तीन फ्लाईओवर, गुणवत्ता पर हैं सवाल, घनी आबादी वाले इलाकों में निर्मित हो रहे तीनों पुल

Loading

कोलकत्ता फ्लाईओवर हादसा, देहरादून में भी बन रहे तीन फ्लाईओवर, गुणवत्ता पर हैं सवाल, घनी आबादी वाले इलाकों में निर्मित हो रहे तीनों पुल

सुनील परमार

देहरादून। कोलकत्ता के गणेश टाकीज के निकट निर्माणाधीन पुल के गिरने से दो दर्जन से भी अधिक लोगों की जान जा चुकी है और इसके अलावा सौ से भी अधिक लोग घायल हुए हैं। इस हादसे के बाद देहरादून के निवासियों के माथे पर भी चिन्ता की सलवटें पड़ गई हैं। स्थानीय निवासियों को चिन्ता सता रही है कि यदि इन पुलों की गुणवत्ता भी कमजोर हुई तो क्या होगा? देहरादून में पिछले तीन वर्षों से तीन फ्लाईओवरों का निर्माण कार्य कछुआ गति से चल रहा है। आज की खबर इस संबंध में पहले भी खबर देता रहा है कि तीन फ्लाईओवरों का निर्माण समयसीमा से कई बार आगे चला गया है और अब भी इसमें महीनों और लग सकते हैं। सबसे अहम बात यह है कि लगभग डेढ़ सौ करोड़ रुपये की लागत से निर्मित हो रहे इन पुलों की गुणवत्ता को लेकर अब भी सवाल उठ रहे हैं।

दून में भी बन रहे तीन फ्लाईओवर की गुणवत्ता पर हैं सवाल

निर्माणदायी संस्था यूपीसीएल ने इन पुलों को बीते वर्ष में निर्मित करना था लेकिन समयसीमा के एक साल बाद भी पुल तैयार नहीं हुए हैं। बल्लीवाला और बल्लूपुर में लगभग चार-पांच माह का समय लग सकता है जबकि आईएसबीटी पुल का निर्माण कार्य भी तीन माह से पहले पूरा होने के आसार नहीं हैं, जबकि इसकी समय सीमा जुलाई 2015 थी। जीएमएस रोड के विजय पार्क निवासी एनएस चैहान का कहना है कि कोलकत्ता पुल हादसे से यहां के सभी निवासी सहमे हुए हैं। वैसे भी उत्तराखंड में सड़कों की क्वालिटी को लेकर हमेशा सवाल उठते रहे हैं। टर्नर रोड निवासी संजय बिष्ट बताते हैं कि आईएसबीटी के पुल निर्माण में देरी से यहां के निवासियों का जीना हराम हो गया है।

तीनों पुल घनी आबादी वाले इलाकों में निर्मित हो रहे

इन पुलों का निर्माण यातायात के बोझ को कम करने के लिए किया जाना था लेकिन ये यातायात का बोझ बढ़ा रहे हैं। भ्रष्टाचार की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। तीनों ही निर्माणाधीन पुलों के बहुत नजदीक आबादी रहती है और 24 घंटे यातायात जाम भी। ऐसे में यदि कोई अनहोनी होती है तो फिर यहां भी बड़ी संख्या में लोग हताहत होंगे। उधर, लोनिवि के अफसरों का कहना है कि पुलों का निर्माण पूरी गुणवत्ता के साथ हो रहा है। उनका तर्क है कि पुल पर लगने वाला सभी मटिरियल नेशनल एक्रीडेएशन बोर्ड फाॅर टेस्टिंग एंड काॅलीब्रेशन लेबोरिटी (एनएबीएल) की अनुमति के बाद ही पुल में इस्तेमाल किया जा रहा है। इस कारण कोलकत्ता की तर्ज पर कोई हादसा होने की आशंका नहीं है।

उत्तराखंड

10 मई से शुरू हो रही चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, पहले ही दिन हुए 2 लाख से ज्यादा पंजीकरण

Published

on

Loading

नई दिल्ली। इस बार 10 मई से चारधाम यात्रा शुरू हो रही है। इसके लिए सोमवार से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई। पहले ही दिन चार धाम के लिए दो लाख से अधिक पंजीकरण हो गए हैं। सबसे अधिक 69 हजार पंजीकरण केदारनाथ धाम के लिए हुए हैं।

रजिस्ट्रेशन की सुविधा मोबाइल ऐप, वॉट्सऐप और टोल फ्री नंबर पर भी है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा। इस बार चारधाम यात्रा शुरू होने से 25 दिन पहले यात्रियों को रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी जा रही है, जिससे प्रदेश के बाहर से आने वाले यात्री अपना प्लान बनाकर आसानी से रजिस्ट्रेशन कर सकें।

रजिस्ट्रेशन के लिए नाम, मोबाइल नंबर के साथ यात्रा करने वाले सदस्यों का ब्योरा, निवास स्थान के पते के लिए आईडी देनी होगी। पर्यटन विभाग की वेबसाइट रजिस्ट्रेशन एंड टूरिस्ट केअर डॉट यूके डॉट जीओवी डॉट इन पर लॉगिन कर रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। इसके अलावा वॉट्सऐप नंबर-8394833833 पर यात्रा लिखकर मैसेज करके भी पंजीकरण कर सकते हैं। पर्यटन विभाग ने टोल फ्री नंबर-0135-1364 पर कॉल करके पंजीकरण की सुविधा दी है। स्मार्ट फोन पर टूरिस्टकेअरउत्तराखंड मोबाइल ऐप से भी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

Continue Reading

Trending