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प्रादेशिक

बिहार में फगुआ गीतों, जोगीरा के बीच होली की धूम

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बिहार में फगुआ गीतों, जोगीरा के बीच होली की धूम

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बिहार में फगुआ गीतों, जोगीरा के बीच होली की धूम

पटना| बिहार में राजधानी पटना सहित राज्य के तमाम इलाकों में गुरुवार को रंगों का त्यौहार होली धूमधाम से मनाया जा रहा है। कई इलाकों में फगुआ और जोगीरा गीतों के बीच लोग ‘कुर्ताफाड़ होली’ तो कहीं रंगों की होली और कहीं लोग ‘धूल होली’ खेलकर आनंद ले रहे हैं। पटना, गया, औरंगाबाद, पूर्णिया, सहरसा, सासाराम, कैमूर इलाकों के शहरों में लोग जहां रंगों के त्यौहार की खुशी में डूबे हैं, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में फगुआ गीतों की गूंज सुनाई दे रही है। गांवों में मंडलियां सुबह से ही निकलकर फाग गीत और जोगीरा गाते हुए होली के रंग में मदमस्त झूम रही हैं।

वैसे, राज्य के कुछ क्षेत्रों में बुधवार को होली मनाई गई थी, परंतु अधिकांश क्षेत्रों में गुरुवार को होली का पर्व मनाया जा रहा है। नव वर्ष के आगमन पर देवालयों में भी श्रद्धालु अपने आराध्य की पूजा-अर्चना करने में लगे हुए है। मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी हुई है।

बक्सर, रोहतास और पटना के कुछ हिस्सों में कुर्ताफाड़ होली की उमंग में लोग डूबे हुए हैं। कई स्थानों पर होली के फिल्मी और भोजपुरी गीतों के बीच लोग नृत्य कर होली पर्व मना रहे हैं।

इधर, होली के मौके को लेकर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए है। संवदेनशील स्थानों पर दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। शराब की दुकानें बंद रखने का आदेश है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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