बिजनेस
विप्रो को डेनिश ऊर्जा कंपनी से मिला आईटी ठेका
बेंगलुरू| वैश्विक सॉफ्टवेयर कंपनी विप्रो ने सोमवार को कहा कि उसे डेनमार्क की ऊर्जा कंपनी एनआरजीआई के लिए एक नए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) प्लेटफॉर्म के विकास का बहुवर्षीय ठेका मिला है। कंपनी ने यहां जारी एक बयान में कहा, “हमें एनआरजीआई से ग्राहक संबंध प्रबंधन (सीआरएम), बिलिंग और सेवा ब्यूरो संचालन को बेहतर बनाने के लिए एक बहुवर्षीय ठेका मिला है।”
एनआरजीआई डेनमार्क की पांच सबसे बड़ी उपभोक्ता सेवा कंपनियों में से एक है।
उत्तर यूरोपीय देश अपने ऊर्जा क्षेत्र को खोल रहा है और नियामकीय नीति में बदलाव कर रहा है। इसका मकसद एक प्रतिस्पर्धी बाजार में उपभोक्ताओं, ऊर्जा आपूर्ति और उपभोक्ता कंपनियों के लिए पारदर्शिता बढ़ाना है।
विप्रो के नॉर्डिक क्षेत्र प्रमुख कार्ल-हेनरिक हॉलस्ट्रॉम ने इस मौके पर कहा, “हमारा यह प्लेटफॉम एनआरजीआई को डेनिश ऊर्जा बाजार में नए मॉडल अपनाने में, डिजिटलीकरण करने में और ग्राहकों का उपयोग अनुभव बढ़ाने में मदद करेगा।”
बिजनेस
मुंबई बना एशिया के अरबपतियों की राजधानी, बीजिंग को पीछे छोड़ा
मुंबई। मुंबई में अरबपतियों की संख्या बीजिंग से अधिक हो गई है। हुरुन रिसर्च की 2024 ग्लोबल रिच लिस्ट के अनुसार, मुंबई में 92 अरबपति हैं, जबकि बीजिंग में 91 अरबपति हैं। हालांकि चीन में भारत के 271 की तुलना में कुल मिलाकर 814 अरबपति हैं। ग्लोबल लेवल पर, मुंबई अब न्यूयॉर्क के बाद अरबपतियों के मामले में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है, न्यूयार्क में अरबपतियों की संख्या 119 है। लिस्ट के मुताबिक, सात साल बाद लंदन 97 के साथ दूसरे स्थान पर है।
रिपोर्ट में कहा गया है, “मुंबई दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते अरबपतियों की राजधानी है, इस साल इसमें 26 अरबपति शामिल हुए और यह दुनिया में तीसरा व एशिया में अरबपतियों की राजधानी बन गया है। नई दिल्ली पहली बार शीर्ष 10 में शामिल हुई।” भारत की आर्थिक शक्ति उसकी अरबपति आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि से और भी अधिक रेखांकित हुई। देश में आश्चर्यजनक रूप से 94 नए अरबपति जुड़े, जो संयुक्त राज्य अमेरिका को छोड़कर किसी भी देश में सबसे अधिक है। कुल मिलाकर यहां 271 अरबपति हो गए। यह उछाल 2013 के बाद से सबसे ज्यादा है और भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़ते आत्मविश्वास का प्रमाण है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि उद्योग के लिहाज से फार्मास्युटिकल क्षेत्र 39 अरबपतियों के साथ सबसे आगे है, इसके बाद ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग (27) और रसायन क्षेत्र (24) का स्थान है। सामूहिक रूप से भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 1 खरब डॉलर के बराबर है, जो वैश्विक अरबपतियों की संपत्ति का 7 फीसदी है, जो देश के पर्याप्त आर्थिक प्रभाव को दर्शाता है।
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