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प्रवासी भारतीय दिवस में ‘मेक इन इंडिया’ पर रहेगा जोर

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नई दिल्ली| आगामी प्रवासी भारतीय दिवस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक प्रमुख सरोकार ‘मेक इन इंडिया’ पर मुख्य जोर रहेगा। समारोह का आयोजन 7-9 जनवरी, 2015 में गुजरात के गांधी नगर में होगा। इस बार समारोह में करीब 3,000 प्रवासियों के आने की उम्मीद है। प्रवासी भारतीय मामलों की मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि यह समारोह एक सर्वश्रेष्ठ प्रवासी महात्मा गांधी के दक्षिण अफ्रीका से स्वदेश वापसी के सौ वर्ष पूरे होने की याद में आयोजित किया जा रहा है। स्वराज विदेश मंत्री भी हैं।

गांधी की वापसी के सौ साल पूरे होने के मौके पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के बीच गांधी और देश की आजादी में उनकी भूमिका पर एक प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी। स्वराज ने कहा कि इस समारोह में अतिथि के रूप में शामिल होने के लिए दक्षिण अफ्रीका की विदेश मंत्री मैती नकोआना-माशाबाने को आमंत्रित किया गया है, लेकिन अभी तक उनकी स्वीकृति का इंतजार है। समारोह के मुख्य अतिथि होंगे गुयाना के राष्ट्रपति डोनाल्ड रामौतार।

उल्लेखनीय है कि प्रवासी भारतीयों की संख्या 2.5 करोड़ के आसपास है और यह समारोह उनके साथ नाता जोड़ने की एक कोशिश है। स्वराज ने कहा कि इस बार का समारोह कुछ हट कर होगा। उन्होंने कहा कि इस बार युवाओं के लिए एक विशेष सत्र होगा। इसके अलावा चार और विशेष सत्र होंगे, जिनमें शामिल हैं खाड़ी देशों के प्रवासियों पर एक सत्र, फ्रांसीसी भाषा भाषी क्षेत्र के प्रवासियों पर एक सत्र, गिरमिटिया मजदूरों के वंशजों वाले देशों के प्रवासियों पर एक सत्र और प्रवासी संगठनों पर एक सत्र।

गुजरात साझेदार राज्य होगा। इसमें 10 राज्य भी इसमें हिस्सा लेंगे। जिनमें उत्तर प्रदेश, केरल और नागालैंड जैसे गैर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्य भी शामिल हैं। भाजपा शासित राज्यों में होंगे गुजरात, गोवा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, हरियाणा और महाराष्ट्र। स्वराज ने बताया कि उन्होंने देश के सभी मुख्यमंत्रियों को इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है और अब तक 10 मुख्यमंत्रियों ने प्रस्ताव स्वीकार किया है।

मेक इन इंडिया, स्वच्छ भारत, स्किल इंडिया, स्वच्छ गंगा परियोजनाओं से जुड़े अधिकारी समारोह में अपनी परियोजना में निवेश के अवसरों की जानकारी देंगे। उन्होंने इस आरोप को खारिज कर दिया कि केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के कारण समारोह गुजरात में कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चार साल पहले गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एक पत्र भेज कर 2015 का समारोह गुजरात में कराने का आग्रह किया था।

स्वराज ने बताया कि उनका मंत्रालय ओवरसीज सिटिजनशिप ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्ड को पर्सन ऑफ इंडियन ऑरिजिन (पीआईओ) कार्ड के साथ मिलाने और इन कार्ड धारकों को आजीवन वीसा सुविधा देने पर काम कर रहा है। प्रवासियों को मताधिकार के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसके तरीके को लेकर अभी विचार किया जा रहा है।

खाड़ी देशों में भारत के छह राजदूतों को भी आयोजन को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया गया है। समारोह की शुरुआत सात जनवरी को युवा सत्र से होगी, जिसमें प्रवासियों के बच्चे हिस्सा लेंगे और उनके साथ भारत की महान विरासत पर चर्चा की जाएगी। 8 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य सत्र को संबोधित करेंगे। 9 जनवरी को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी 15 प्रख्यात प्रवासियों को प्रवासी भारतीय सम्मान प्रदान करेंगे।

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सीएम बने रहेंगे केजरीवाल, कोर्ट ने पद से हटाने वाली याचिका की खारिज

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की मांग वाली जनहित याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला है। दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले को देखेंगे और फिर वह राष्ट्रपति को इस भेजेंगे। इस मामले में कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है।

केजरीवाल को सीएम पद से हटाने के लिए याचिका दिल्ली के रहने वाले सुरजीत सिंह यादव ने दी है, जो खुद किसान और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। सुरजीत सिंह यादव का कहना था कि वित्तीय घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक पद पर बने रहने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। याचिकाकर्ता सुरजीत ने अपनी याचिका में कहा था कि केजरीवाल के पद पर बने रहने से न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में दिक्कत आएगी, बल्कि न्याय प्रक्रिया भी बाधित होगी और राज्य में कांस्टीट्यूशनल सिस्टम भी ध्वस्त हो जाएगा।

याचिका में कहा गया था कि सीएम ने गिरफ्तार होने के कारण एक तरह से मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद खो दिया है, चूंकि वह हिरासत में भी हैं, इसलिए उन्होंने एक लोक सेवक होने के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने से खुद को अक्षम साबित कर लिया है, अब उन्हें इस मुख्यमंत्री पद पर नहीं बने रहना चाहिए।

 

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