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अन्तर्राष्ट्रीय

हिलेरी ईमेल विवाद में घिरीं

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वाशिंगटन| अमेरिका में अगले राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से संभावित उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन आधिकारिक ईमेल भेजने के लिए निजी सर्वर का इस्तेमाल कर विवादों में घिर गई हैं। कुछ ईमेल में गोपनीय जानकारी होने की खबरे हैं।

समाचार चैनल ‘सीएनएन’ के मुताबिक, खुफिया विभाग के महानिरीक्षक ने अमेरिकी कांग्रेस को बताया कि पूर्व विदेश मंत्री के निजी सर्वर से भेजे गए कुछ ईमेल में गोपनीय जानकारियां थीं, लेकिन यह गोपनीय जानकारी किस तरह की थी, इसका अभी पता नहीं चल पाया है।

महानिरीक्षक चार्ल्स मैक्कलफ ने कांग्रेस को लिखे पत्र में कहा है कि उन्होंने ईमेल के नमूनों की सीमित समीक्षा की और जिन 40 ईमेल की समीक्षा की गई, उनमें से चार में खुफिया समुदाय से संबंधित गोपनीय जानकारियां पाई गईं।

प्रवक्ता एंड्रिया विलियम्स ने सीएनएन को बताया कि उन चारों ईमेल में गोपनीय सूचनाएं थीं।

मैक्कलफ ने कहा कि विदेश विभाग में सूचना की स्वतंत्रता अधिनियम से संबंधित अधिकारियों ने खुफिया समुदाय के महानिरीक्षक को बताया कि ऐसी संभावना है कि कई हजार गोपनीय ईमेल भेजे गए हैं, जिनमें से लगभग 30,000 हिलेरी क्लिंटन द्वारा भेजे गए हैं।

हिलेरी ने शुक्रवार को गोपनीय ईमेल संबंधी रपट में बहुत सारी गलतियों होने का हवाला देते हुए इसकी आलोचना की।

उन्होंने कहा कि उन्होंने 500 पृष्ठों के ईमेल जारी किए हैं। उन्होंने कांग्रेसनल समिति के समक्ष कहा, “मैंने बार-बार कहा है कि मैं सवालों का जवाब दूंगी, लेकिन मैं मुद्दों पर भी ध्यान देना चाहती हूं, विशेष रूप से अमेरिकी परिवारों के लिए महत्व रखने वाले बड़े मुद्दों पर।”

पूर्व में हिलेरी ने अपने निजी सर्वर से गोपनीय जानकारियां भेजने के आरोपों से इंकार किया था।

इस दौरान न्याय विभाग ने पूर्व की रपटों में सुधार करते हुए एक बयान जारी कर कहा कि विदेश मंत्री के पद पर रहने के दौरान हिलेरी के सर्वर से भेजे गए ईमेल की जांच एक आपराधिक जांच थी।

इस खुलासे के बाद रिपब्लिकन पार्टी के कई नेताओं ने हिलेरी पर निशाना साधा। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष जॉन बोहनर ने हिलेरी से अपना निजी सर्वर त्यागने और फैसले को चुनौती देने को कहा।

उन्होंने कहा, “यदि हिलेरी के पास छिपाने को कुछ नहीं है तो वह तत्काल अपने सर्वर को जांच के लिए उचित अधिकारियों को सौंप सकती हैं।”

 

अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

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नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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