ऑफ़बीट
सुंदर और युवा दिखने को यह महिला रोज पीती है स्पर्म
महिलाएं सुंदर दिखने के लिए कुछ भी कर सकती है। एक ब्यूटी ब्लॉग चलाने वाली ट्रेसी किस ऐसी ही महिला है जो सुंदर दिखने की चाह में रोजाना स्पर्म पीती हैं। हो सकता है कि आपको यह बात गले न उतर रही हो।
तब आपको सीमेन फेशियल के बारे में सर्च करना चाहिए। इस महिला का दावा है कि यह सीमेन फेशियल चेहरे को जवां और खूबसूरत बनाए रखता है।
वेंडोवर की एक ब्यूटी ब्लॉगर है ट्रेसी किस। वह रोज खुद सीमन का फेशियल लगाती है। हर रोज उसका एक पुरुष मित्र प्लास्टिक के जार में कुछ स्पर्म देकर जाता है। इस महिला का यहां तक कहना है कि वह न सिर्फ इस स्पर्म से फेशियल करती हैं, बल्कि वो रोजाना इसे पीती भी हैं।
दो बच्चों की मां ट्रेसी का मानना है कि रोजाना स्पर्म पीने से स्किन में रॉसेसिया जैसी समस्या से चेहरे को बचाया जा सकता है। ट्रेसी ने अपने इस फेशियल का वीडियो बनाकर यू-ट्यूब में अपलोड किया है।
ट्रेसी रोजाना सुबह एक फुल गिलास सीमन पीती है। वह यकीन से बताती है कि सीमन निगलने से इम्यूनिटी बढ़ती हैं।
रोज एक गिलास स्पर्म पीने वाली ट्रेसी का मानना है कि वह बहुत एनर्जेटिक महसूस करती है। उन्होंने इंटरव्यू में बताया था कि वो काफी समय से थोड़ा बीमार चल रही थी और उन्हें बिल्कुल भी एनर्जी नहीं थी।
लेकिन जब उन्होंने सीमन को अपने डाइट में शामिल किया है, तब से वह खुद को बहुत एनर्जेटिक महसूस करती हैं और उनके मूड में भी काफी सुधार हुआ है।
ट्रेसी अब दूसरे लोगों को सीमन के फायदे बताकर रोजाना इसे पीने के लिए प्रेरित करती है। उसने बताया कि वो एक ऐसे दोस्त का स्पर्म रोजाना पीती है, जो स्मोकिंग नहीं करता है और जिसके सेक्सुअल ट्रांसमिटेड टेस्ट सुरक्षित निकले थे।
फ्लेवर्ड स्पर्म ट्रेसी बताती है कि वो बिल्कुल साफ स्पर्म पीती है लेकिन कभी कभी उसे उसमें कुछ कारणों की वजह से फ्लेवर के लिए कुछ तत्व मिलाने पड़ते है।
वो बताती है कि अगर मेरा फ्रेंड एल्काहोल या कुछ तीखी चीज खाता है तो मैंने पहले ही उसे सूचित कर दिया है कि वो मुझे पहले ही बता दे में उसे नीट पीने की जगह उसमें कुछ पौष्टिक तत्प मिलाकर उसे पी जाऊं। लेकिन अभी भी यह सोचकर अचम्भा हो रहा है कि वो उसे गले से नीचे कैसे उतार लेता हैं।
सीमन फेशियल के बारे में ट्रेसी ने बताया कि लोग अपने चेहरे पर सीमन मलने को लेकर थोड़ा डर जाते हैं। लेकिन यह बहुत नेचुरल और हेल्दी है। जब उसे रॉसेसिया नामक स्किन समस्या हुई तो उसके चेहरे पर लाल चकते से हो गए थे। उसके बाद सीमन फेशियल से इस समस्या से निजात मिल गई।
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कल है रंगों का त्यौहार, जानिए होली पर क्यों पहना जाता है सफेद कपड़ा
फाल्गुन माह के शुरू होते ही होली के त्यौहार को मनाने की प्लानिंग शुरुआत हो जाती है। होली का त्यौहार ही एक ऐसा त्यौहार है जो खुद के साथ – साथ दूसरों के भी जीवन में रंग भरने का मौका देता है। होली का त्यौहार आने में अब कुछ ही दिन बचे हैं इस वर्ष खेलने वाली होली यानि धुलेंडी का त्यौहार 25 मार्च को होगा। तो चलिए जानते हैं होली के दिन किस रंग के कपड़े पहले से मिलेगा मान सम्मान और प्रत्येक क्षेत्र में सफलता।
अक्सर देखा जाता है कि होली के दिन लोग सफेद कपड़े पहनकर होली खेलने के लिए निकलते हैं। शायद ही कोई ऐसा होगा जिसने इस बात पर गौर किया हो कि होली के दिन आखिर क्यों लोग सफेद कपड़े ही पहनते हैं। वैसे होली पर सफेद रंग के कपड़े पहनने के कई कारण होते हैं। तो चलिए आज इसी बात को जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर क्यों सफेद रंग को ही होली जैसे रंगों भरे त्योहार के लिए चुना गया है।
मन के साथ तन को उजला करने का त्यौहार है होली
होलिका दहन जो कि रंग खेलने वाली होली के दिन पहले मनाई जाती है। इस दिन उबटन इत्यादि लगाकर होलिका में प्रवाहित करने का प्रावधान है। यह इसलिए होता है कि होली में मन से बुरे विचारों को निकालकर और शरीर से मैल रूपी बुरी चीजों को निकाल दिया जाए। इस दिन लोगों के मन के साथ तन भी उजला हो जाता है और यदि इसके साथ दूसरे दिन सफेद वस्त्र धारण करके होली खेली जाए तो उसमें पड़ने वाला रंग सकारात्मक और रंग-बिरंगा ही दिखेगा। इसलिए भी होली के दिन सफेद रंग के कपड़े पहनकर होली खेलना शुभ माना जाता है।
सफेद रंग है भाईचारे और सुख-समृद्धि का प्रतीक
सफेद रंग हमें लड़ाई-झगड़े भूलकर अपनों को फिर से गले लगाना सिखाता है। सफेद रंग को शांति, सुख-समृद्धि का प्रतीक मानते हैं। यह रंग हमारे दिमाग को शांत रखता है। लोग होली के दिन सफेद रंग पहनकर प्यार, भाईचारे और मानवता को दर्शाते हैं। इस दिन सफेद रंग पहनने से मन शांत रहता है। जिन लोगों को बात-बात में क्रोध आ जाता है उन्हें विशेषकर इस दिन सफेद रंग के कपड़े पहनने चाहिए।
अच्छाई की जीत मनाने के लिए सफेद रंग पहनना शुभ
सफेद रंग निष्पक्षता और अच्छाई का प्रतीक होता है। रंग वाली होली खेलने से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है और होलिका दहन की कहानी हम सभी अच्छी तरह जानते हैं। ऐसे में त्योहार को बुराई पर अच्छाई की जीत का उत्सव भी कहा जाता है। इसलिए इस दिन भी य़दि सफेद कपड़े पहनकर होलिका जलाई जाए तो समाज में आपके स्वभाव को पसंद किया जाता है।
ग्रहों की नकारात्मकता को कम करने से सफेद रंग कारगर
होली के आठ दिन पहले से ही होलाष्टक लग जाता है। इस दौरान सभी मांगलिक और शुभ कार्य बंद हो जाते हैं क्योंकि इस समय वातावरण में ग्रहों में नकारात्मकता बढ़ी हुई होती है। जिसको कम करने के लिए यदि सफेद रंग के वस्त्रों का प्रयोग किया जाए तो ग्रहों का नकारात्मक असर कम करने में मदद मिलती है और बिगड़े काम भी बनते हैं।
सफेद रंग देता है सूर्य की गर्मी से निजात
होली का त्योहार उस समय आता है जब ठंडक जा रही होती है और मौसम में थोड़ी गर्माहट की शुरुआत हो जाती है। सूर्य की धूप तेज होने लगती है। लोग तेज धूप की वजह से पहले ही परेशान होते है । ऐसे में सफेद रंग हमें ठंडक पहुंचाता है। इसे पहनकर आप कड़कती धूप में आसानी से बाहर निकल सकते हैं।
घुल-मिलकर रहना सिखाता है सफेद रंग
सफेद एक ऐसा रंग है जिस पर हर कलर खिलकर आता है। अब रंगों के इस त्योहार में सफेद से बेहतर और क्या हो सकता है। यह रंग हमें भी दूसरों के साथ घुल-मिलकर रहना सिखाता है। युवाओं को भी सफेद रंग काफी पसंद आता है। यह आपको एक क्लासी लुक भी देता है। जिससे लोगों के बीच आपका प्रभाव बढ़ता है। सफेद रंग पहनने से यश और कीर्ति भी बढ़ती है।
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