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मुख्य समाचार

सीएपीएफ, खुफिया एंजेंसियों के वित्तीय अधिकार बढ़े

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नई दिल्ली| केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के महानिदेशकों और खुफिया एजेंसियों के निदेशकों के ‘बड़े और छोटे कार्यो, विशेष मरम्मतों, भूमि अधिग्रहण और भवनों/आवासों को किराए पर लेने’ जैसे कार्यो के लिए वित्तीय अधिकारों में बढ़ोतरी कर दी है। यहां जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, सीपीडब्ल्यूडी और लोक कार्य संगठनों द्वारा किए जाने वाले बड़े कार्यो के लिए वित्तीय अधिकार पांच करोड़ रुपये से दोगुना बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इंजीनियरिंग विंग वाले संगठनों द्वारा शुरू किए जाने वाले बड़े विभागीय कार्यो की अधिकतम सीमा 60 लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये और बिना इंजीनियरिंग वाले विभागों के लिए 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये कर दी गई है।

बयान के अनुसार, आवासीय भवनों के लिए लघु कार्यो (छोटे कामों और मरम्मतों) के लिए अधिकतम सीमा 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये और गैर आवासीय भवनों के लिए 30 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये कर दी गई है। बयान में कहा गया है कि भूमि अधिग्रहण के लिए इस प्रावधान के साथ कि प्रस्तावित भूमि का अधिग्रहण केवल राज्य सरकार के जरिए हो, ऐसे हर मामले में वित्तीय अधिकार 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 34 लाख रुपये कर दिए गए हैं। विशेष मरम्मतों और भवनों/इमारतों को किराए पर लेने के लिहाज से वित्तीय अधिकारों में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है।

सीएपीएफ में असम राइफल्स, सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड और सशस्त्र सीमा बल शामिल हैं। इसके अतिरिक्त ये आदेश खुफिया ब्यूरो और राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी पर भी लागू होंगे। सीएपीएफ का आधुनिकीकरण और उन्नयन सरकार के लिए एक प्राथमिकता है। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इससे पहले अक्तूबर में इसे विवेकपूर्ण बनाने और प्रक्रियाओं में तेजी लाने के लिए मशीनरी और उपकरणों तथा हथियारों तथा गोला बारूद की खरीद के लिए सीएपीएफ के वित्तीय अधिकारों को दोगुने से अधिक बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये कर दिया था। सीएपीएफ के आधुनिकीकरण योजना -2 के पास मार्च 2017 तक कुल परियोजना लागत 11,009 करोड़ रुपये की है।

नेशनल

कर्नाटक के मंत्री बोले- मोदी-मोदी के नारे लगाने वालों को थप्पड़ मारे जाने चाहिए

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बेंगलुरु। कर्नाटक के मंत्री शिवराज तंगाडागी ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाने वाले युवकों और छात्रों को थप्पड़ मारे जाने चाहिए। मंत्री ने हर साल दो करोड़ नौकरियां देने का वादा पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए बीजेपी नीत केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा। कन्नड़ एवं संस्कृति मंत्री ने यह भी कहा कि भाजपा को आगामी लोकसभा चुनाव में वोट मांगने के लिए शर्म आनी चाहिए, क्योंकि वह विकास के मोर्चे पर भी विफल रही है।

“दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था”

तंगाडागी ने कहा, “उन्हें शर्म आनी चाहिए। वे विकास का एक काम तक नहीं कर पाए, फिर किस मुंह से वोट मांग रहे हैं। उन्होंने दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था। क्या उन्होंने किसी को नौकरी दी। जब नौकरियों के बारे में पूछो तो वे कहते हैं- पकौड़े बेचो, उन्हें शर्म आनी चाहिए।” कोप्पल जिले के करातागी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, अगर कोई छात्र या युवक अब भी ‘मोदी-मोदी’ कहे तो उन्हें थप्पड़ मारे जाने चाहिए

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव सी टी रवि ने मंत्री की टिप्पणियों को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “आगामी लोकसभा चुनाव कांग्रेस के बहुत बुरी तरह से हारने को भांपकर वे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं और वे प्रधानमंत्री मोदी को तानाशाह कहते हैं!” भाजपा ने निर्वाचन आयोग को याचिका देकर मंत्री के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

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