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नेशनल

शाह बोले- अच्छे दिन आने में लगेंगे 25 साल, केजरीवाल ने ली चुटकी- पहले बता देते

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भोपाल। पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा चुनाव से पहले ‘अच्छे दिन’ लाने के वादे को भाजपा 25 साल में पूरा करेगी। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार को कहा कि अच्छे दिन आने में 25 साल लगेंगे। एक अंग्रेजी अखबार के हवाले से यह खबर सामने आई है। हालांकि, भाजपा ने इस खबर का खंडन किया है। दूसरी ओर, शाह के इस बयान पर विपक्षी पार्टियों के हमले तेज हो गए हैं।

अमित शाह ने सोमवार को भोपाल में कहा कि अच्छे दिन आने में 25 साल लगेंगे। शाह ने यह भी कहा कि इंडिया को नंबर वन बनाने के लिए भाजपा को इन 25 साल में पंचायत से लेकर लोकसभा तक हर चुनाव जीतना होगा। शाह ने कहा कि देश को दुनिया के सर्वोच्च स्थान पर बैठाना है तो पांच साल की सरकार कुछ नहीं कर सकती। शाह यहां भाजपा के महाजनसंपर्क अभियान की शुरुआत कर रहे थे। इस मौके पर शाह ने कहा कि अच्छे दिनों का मतलब भारत को दुनिया में वैसा ही सम्मान दिलाना है, जैसा कि अंग्रेजों के शासन से पहले था।

अमित शाह के इस बयान पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने चुटकी ली है। केजरीवाल ने कहा है कि अगर जनता को पहले ही बता दिया होता तो क्या लोग इन्हें वोट देते। वहीं, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा है कि अमित जी, आपके अच्छे् दिन तो आए गए। उधर, भाजपा ने कहा कि अच्छेि दिन वाले बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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