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बिजनेस

विदेशी पूंजी भंडार 1.6 अरब डॉलर घटा

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मुंबई| देश का विदेशी पूंजी भंडार पांच दिसंबर को समाप्त हुए सप्ताह में 1.6499 अरब डॉलर घटकर 314.6617 अरब डॉलर दर्ज किया गया, जो 19,484 अरब रुपये के बराबर है। भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को जो साप्ताहिक आंकड़े जारी किए, उसके अनुसार, विदेशी पूंजी भंडार का सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा भंडार आलोच्य सप्ताह में 86.74 करोड़ डॉलर घटकर 289.9547 अरब डॉलर हो गया, जो 17,953.5 अरब रुपये के बराबर है।

बैंक के मुताबिक, विदेशी मुद्रा भंडार को डॉलर में व्यक्त किया जाता है और इस पर भंडार में मौजूद पाउंड स्टर्लिग, येन जैसी अंतर्राष्ट्रीय मुद्राओं के मूल्यों में होने वाले उतार-चढ़ाव का सीधा असर पड़ता है।

आलोच्य अवधि में देश के स्वर्ण भंडार का मूल्य 75.32 करोड़ डॉलर घटकर 18.9852 अरब डॉलर दर्ज किया गया, जो 1,176.6 अरब रुपये के बराबर है।

इस दौरान देश के विशेष निकासी अधिकार (एसडीआर) का मूल्य 2.16 करोड़ डॉलर घटकर 4.2083 अरब डॉलर दर्ज किया गया, जो 260.3 अरब रुपये के बराबर है।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) में मौजूद देश के भंडार का मूल्य आलोच्य अवधि में 77 लाख डॉलर बढ़कर 1.5135 अरब डॉलर दर्ज किया गया, जो 93.6 अरब रुपये के बराबर है।

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मुंबई बना एशिया के अरबपतियों की राजधानी, बीजिंग को पीछे छोड़ा

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मुंबई। मुंबई में अरबपतियों की संख्या बीजिंग से अधिक हो गई है। हुरुन रिसर्च की 2024 ग्लोबल रिच लिस्ट के अनुसार, मुंबई में 92 अरबपति हैं, जबकि बीजिंग में 91 अरबपति हैं। हालांकि चीन में भारत के 271 की तुलना में कुल मिलाकर 814 अरबपति हैं। ग्लोबल लेवल पर, मुंबई अब न्यूयॉर्क के बाद अरबपतियों के मामले में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है, न्यूयार्क में अरबपतियों की संख्या 119 है। लिस्ट के मुताबिक, सात साल बाद लंदन 97 के साथ दूसरे स्थान पर है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “मुंबई दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते अरबपतियों की राजधानी है, इस साल इसमें 26 अरबपति शामिल हुए और यह दुनिया में तीसरा व एशिया में अरबपतियों की राजधानी बन गया है। नई दिल्ली पहली बार शीर्ष 10 में शामिल हुई।” भारत की आर्थिक शक्ति उसकी अरबपति आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि से और भी अधिक रेखांकित हुई। देश में आश्चर्यजनक रूप से 94 नए अरबपति जुड़े, जो संयुक्त राज्य अमेरिका को छोड़कर किसी भी देश में सबसे अधिक है। कुल मिलाकर यहां 271 अरबपति हो गए। यह उछाल 2013 के बाद से सबसे ज्‍यादा है और भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़ते आत्मविश्‍वास का प्रमाण है।

2024 हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अरबपतियों की संचयी संपत्ति चीन की प्रति अरबपति औसत संपत्ति (3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर बनाम 3.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर) को पार करते हुए 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई।

रिपोर्ट में बताया गया है कि उद्योग के लिहाज से फार्मास्युटिकल क्षेत्र 39 अरबपतियों के साथ सबसे आगे है, इसके बाद ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग (27) और रसायन क्षेत्र (24) का स्थान है। सामूहिक रूप से भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 1 खरब डॉलर के बराबर है, जो वैश्विक अरबपतियों की संपत्ति का 7 फीसदी है, जो देश के पर्याप्त आर्थिक प्रभाव को दर्शाता है।

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