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प्रादेशिक

लव मैरिज का हुआ खौफनाक अंत, घर से बहकर गली में बिखरा था लड़की का खून ही खून

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लुधियाना। पंजाब के लुधियाना में दहेज़ की मांग पूरी न होने पर एक युवक ने अपने परिवारवालों के साथ मिलकर अपनी पत्नी की हत्या कर दी। दोनों ने नौ महीने पहले ही लव मैरिज की थी। लड़के की यह दूसरी शादी थी। पहली पत्नी से उसका तलाक हो चुका था।

मिली जानकारी के मुताबिक़, टिब्बा रोड कर्मसर कॉलोनी की रहने वाली अनु रानी ने रणजीत राणा से नौ महीने पहले लव मैरिज की थी। दोनों के बीच कुछ दिनों तक तो सब ठीक रहा लेकिन बाद में उसके ससुरालवालों ने उसे दहेज़ के लिए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। इसके बाद 5 लाख के दहेज़ की मांग पूरी न होने पर ससुराल वालों ने पीट पीटकर विवाहिता की हत्या कर दी और शव को सीएमसी हॉस्पिटल में छोड़कर फरार हो गए।

पुलिस ने अनु की माता नीतू की शिकायत पर अनु के पति रणजीत राणा और सास जसवीर कौर पर दहेज हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर ली है। मृतका की मां ने बताया कि शुक्रवार दोपहर करीब 3:30 बजे मृतका ने फोन कर कहा कि उसकी सास उसे पीट रही है। करीब 4:15 बजे अनु की सास के मोबाइल से किसी ने फोन कर बताया कि अनु को चोट लगी है।

वह तुरंत अनु के घर पहुंची तो देखा की घर के बाहर गली में भी काफी ब्लड पड़ा था और पड़ोसी उसे साफ कर रहे थे। लड़की की मां जब ससुराल पहुंची तो वहां पता चला कि पति रणजीत पड़ोसी की मदद से अनु को डॉक्टर के पास ले गया है। सीएमसी हॉस्पिटल पहुंचने पर डॉक्टरों ने बताया कि अनु की मौत हो चुकी है। इसी बीच बुलेट CMC में ही छोड़ कर रणजीत फरार हो गया और उसकी फैमिली घर को ताला लगाकर गायब हो गई। उधर, पुलिस ने रणजीत और उसकी मां पर दहेज़ हत्या का केस दर्ज कर लिया है और उनकी तलाश कर रही है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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