अन्तर्राष्ट्रीय
रिहा होते ही हाफिज सईद ने भारत के खिलाफ फिर उगला जहर
मुंबई हमले का मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा सरगना हाफिज सईद गुरुवार को जेल से रिहा होने वाला है। सूत्रों के अनुसार, वह गुरुवार को नजरबंदी से बाहर आ जाएगा। रिहाई की सूचना मिलते ही एक वीडियो जारी कर उसने कश्मीर की आजादी की बात की है।
सईद ने एक छोटे वीडियो में कहा, ‘कश्मीर की वजह से भारत मेरे पीछे पड़ा हुआ है, लेकिन मेरे खिलाफ भारत की सभी कोशिशें नाकाम हुईं और मैं रिहा हो गया।’ इसके साथ ही उसने कहा कि पाकिस्तान में आजादी की जीत हुई है और कश्मीर हम लेकर रहेंगे।
बता दें कि जमात-उद-दावा (जेयूडी) प्रमुख को 24 नवंबर की मध्यरात्रि को नजरबंदी के आदेश की समय सीमा खत्म होने पर रिहा कर दिया जाएगा। सईद व उसके चार सहयोगी आतंकवाद रोधी अधिनियम के तहत जनवरी से नजरबंद हैं।
इससे पहले पाकिस्तान की एक अदालत ने बुधवार को 2008 के मुंबई हमले के आरोपी और लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद पर लगी नजरबंदी को हटाने के आदेश दिए। लाहौर उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के एक न्यायिक समीक्षा बोर्ड ने पंजाब सरकार की हाफिज सईद की हिरासत की याचिका खारिज कर दी। समीक्षा बोर्ड ने यह फैसला वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के बोर्ड को यह समझाने में नाकाम रहने के बाद दिया कि हाफिज की रिहाई पाकिस्तान के लिए कूटनीतिक व दूसरी समस्याएं खड़ा करेगी।
डॉन ऑनलाइन की रपट के मुताबिक, इस फैसले के बाद सईद ने मीडिया से कहा कि उसके नजरबंदी का समाप्त होना सच्चाई की जीत है और उसने इस फैसले को भारत की मांगों को एक गंभीर झटका बताया है। भारत मांग करता रहा है कि उसे 2008 के नरसंहार के लिए हिरासत में रखा जाए व दंड दिया जाए।
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पाकिस्तान में अपने नागरिकों की मौत से भड़का चीन, घटना की गहन जांच की मांग की
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में अपने चार नागरिकों की हत्या के बाद चीन भड़का हुआ है। गृह मंत्री मोहसिन नकवी हमले के तुरंत बाद चीन के दूतावास पहुंचे और राजदूत जियांग जैदोंग से मुलाकात की। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी हमले की कड़ी निंदा की, उन्होंने हमले को पाक चीन की दोस्ती को नुकसान पहुंचाने की साजिश बताया।
चीनी नागरिकों पर हुए हमले पर सिंघुआ विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय रणनीति संस्थान के अनुसंधान विभाग के निदेशक कियान फेंग ने कहा है कि यह हमला पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी की तरह है। ये बताता है कि पाकिस्तान को अभी सुरक्षा क्षेत्र में बहुत काम करने की जरूरत है। ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित लेख में उन्होंने इस हमले को उस हमले की कॉपी बताया जो 2021 में किया गया था, जिसमें 9 चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी। इस लेख में ये भी कहा गया है कि इस तरह के हमले बताते हैं कि आतंकी ताकतें चीन और पाकिस्तन के आर्थिक गलियारे की सफलता नहीं देखना चाहती हैं और लगातार इसे विफल करने की साजिश रच रही हैं।
उधर अपने नागरिकों की मौत के बाद चीन ने घटना की गहन जांच की मांग भी कर डाली है। पाकिस्तान स्थित चीनी दूतावास ने एक बयान में कहा, “पाकिस्तान में चीनी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों ने आपात कार्य शुरू कर दिया है और पाकिस्तानी पक्ष से हमले की गहन जांच करने, दोषियों को कठोर सजा देने तथा चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए व्यावहारिक और प्रभावी उपाय करने की मांग की है।”
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