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नेशनल

राष्ट्रपति ने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले का उद्घाटन किया

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नई दिल्ली| राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को 34वें भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले (आईआईटीएफ) का उद्घाटन किया और कहा कि यह उद्योगों के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को अपने उत्पाद प्रदर्शित करने का बड़ा मंच है। उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, “आईआईटीएफ व्यवसायों के लिए एक-दूसरे से बातचीत करने और व्यापारियों को अपने विदेशी समकक्षों से मिलने का एक मंच उपलब्ध कराता है। आईआईटीएफ विनिर्माण और निवेश गंतव्य के तौर पर भारत में बढ़ती रुचि को दर्शाता है।”

उन्होंने कहा, “रेलवे और अधोसंरचना में विदेशी निवेश के लिए दरवाजे खुलने और रक्षा, विनिर्माण और बीमा क्षेत्र में 49 फीसदी एफडीआई का प्रावधान होने जैसे सुधारों के कारण भारत निवेश के लिए बहुत आकर्षक गंतव्य बन गया है। वर्तमान वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक विकास दर 5.7 फीसदी रही। पिछले तीन सालों में एफडीआई के जरिए भारत में लगभग 11.7 करोड़ डॉलर का निवेश हुआ है।”

आईआईटीएफ में इस साल दुनियाभर से लगभग 20 लाख आगंतुकों के आने की संभावना है। व्यापार मेले में भारत और विदेश के 6,500 प्रदर्शक हैं। यह दुनिया के बड़े व्यापार मेलों में से एक है।

 

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उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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