Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

नोटबंदी पर हंगामा, विपक्ष की मांग, माफ़ी मांगे मोदी

Published

on

Loading

राज्यसभा में नोटबंदी पर हंगामा  के बीच कार्यवाही बाधित नई दिल्ली | राज्यसभा में बुधवार को भी नोटबंदी पर हंगामा जारी रहा, जिसके चलते सदन की कार्यवाही बाधित हुई। संसद के ऊपरी सदन की कार्यवाही शुरू होने के कुछ मिनट बाद ही हंगामे के बीच कार्यवाही स्थगित कर दी गई।

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि नोटबंदी के बाद से 80 से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

उन्होंने कहा, “मैं पूछना चाहता हूं कि इन मौतों के लिए कौन जिम्मेदार है?”

उन्होंने साथ ही कहा कि योजना बिना किसी तैयारी के ही लागू कर दी गई।

समाजवादी पार्टी के नरेश अग्रवाल ने भी सरकार पर ‘देश को पंगु’ बनाने का आरोप लगाया।

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने भी उनका समर्थन करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी के कारण पैदा होने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए 50 दिन का समय मांगा था, लेकिन कुछ भी बदलता दिखाई नहीं दे रहा।

मायावती की टिप्पणी के बाद सत्ता पक्ष के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया।

सदन के उप सभापति पी.जे. कुरियन ने सदस्यों से चुप रहने को कहा।

सदन के नेता और केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष मुद्दे पर बहस से भाग रहा है।

उन्होंने कहा, “मुद्दा बेहद महत्वपूर्ण है और इसलिए (उस पर) बहस पूरी की जानी चाहिए।”

उसके बाद सरकार के सांसदों ने विपक्ष के खिलाफ यह कहते हुए नारेबाजी शुरू कर दी कि ‘अगर उनमें हिम्मत है तो वे बहस होने दें।’

लोकसभा में नोटबंदी पर शोर

नई दिल्ली | लोकसभा में बुधवार को भी नोटबंदी के मुद्दे पर जोरदार हंगामा हुआ और निचले सदन की कार्यवाही एक बार फिर बाधित हुई। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने नियम 184 के तहत नोटबंदी पर बहस की मांग की, जिसके तहत वोटिंग होती है।

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने शोरशराबे के बीच प्रश्नकाल चलाने की कोशिश की।

महाजन ने कहा, “यह हर रोज का नाटक है। अगर आप बहस चाहते हैं, तो आप बहस अभी शुरू कर सकते हैं।”

हालांकि उसके बाद भी विरोध और हंगामा जारी रहा और विपक्षी सदस्यों ने सरकार विरोधी नारे लगाने शुरू कर दिए।

हंगामा बंद न होने के कारण लोकसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

नेशनल

सीएम बने रहेंगे केजरीवाल, कोर्ट ने पद से हटाने वाली याचिका की खारिज

Published

on

Loading

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की मांग वाली जनहित याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला है। दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले को देखेंगे और फिर वह राष्ट्रपति को इस भेजेंगे। इस मामले में कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है।

केजरीवाल को सीएम पद से हटाने के लिए याचिका दिल्ली के रहने वाले सुरजीत सिंह यादव ने दी है, जो खुद किसान और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। सुरजीत सिंह यादव का कहना था कि वित्तीय घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक पद पर बने रहने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। याचिकाकर्ता सुरजीत ने अपनी याचिका में कहा था कि केजरीवाल के पद पर बने रहने से न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में दिक्कत आएगी, बल्कि न्याय प्रक्रिया भी बाधित होगी और राज्य में कांस्टीट्यूशनल सिस्टम भी ध्वस्त हो जाएगा।

याचिका में कहा गया था कि सीएम ने गिरफ्तार होने के कारण एक तरह से मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद खो दिया है, चूंकि वह हिरासत में भी हैं, इसलिए उन्होंने एक लोक सेवक होने के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने से खुद को अक्षम साबित कर लिया है, अब उन्हें इस मुख्यमंत्री पद पर नहीं बने रहना चाहिए।

 

Continue Reading

Trending