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प्रादेशिक

यूपी : ट्रक व स्कार्पियो की टक्कर में मां-बेटी सहित 3 की मौत

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ट्रक व स्कार्पियो, घटनास्थल, उत्तर प्रदेश, ट्रामा सेंटर लखनऊ, स्कार्पियो

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ट्रक व स्कार्पियो, घटनास्थल, उत्तर प्रदेश, ट्रामा सेंटर लखनऊ, स्कार्पियो

अमेठी । उत्तर प्रदेश के जनपद अमेठी के कठौरा इलाके के महुआबोझ गांव के पास सोमवार देर रात ट्रक और स्कार्पियो की टक्कर में मां बेटी समेत तीन लोगों की मौत हो गई। चार लोग बुरी तरह घायल हो गए। घायलों को जगदीशपुर सीएचसी में भर्ती कराया गया, जहां डाक्टरों ने उन्हें ट्रामा सेंटर लखनऊ रेफर कर दिया।

एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए जौनपुर के खुटहन थाना क्षेत्र के पटैला निवासी अलाउद्दीन बीती रात स्कार्पियो से पत्नी समेत परिवारवालों के साथ शादी समारोह में शामिल होने के लिए कानपुर जा रहे थे। जैसे ही उनकी गाड़ी अमेठी जिले के कमरौली थाना क्षेत्र के महुआबोझ गांव के पास पहुंची, तभी विपरीत दिशा से आ रहे ट्रक से उनकी गाड़ी टकरा गई।

इस हादसे में अलाउद्दीन की पत्नी रेहाना (45 वर्ष), उनकी बेटी अल्फिया (10 वर्ष) और परिवार के फख्रेआलम (22 वर्ष) की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। हादसे में घायल अलाउद्दीन (48 वर्ष), कमरुद्दीन (50 वर्ष), बिलकीस बानो (45 वर्ष), मो. आजाद (23 वर्ष) बुरी तरह घायल हो गए।

स्थानीय लोगों ने एंबुलेंस की मदद से घायलों को जगदीशपुर सीएचसी में भर्ती कराया। जहां से डाक्टरों ने उन्हें ट्रामा सेंटर लखनऊ रेफर कर दिया। हादसे के बाद ट्रक चालक वाहन लेकर भाग निकला। पुलिस ने घटनास्थल से ट्रक का नंबर प्लेट बरामद किया है।

 

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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