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प्रादेशिक

मणिपुर के अस्पतालों में पहुंचते हैं म्यांमार के भी मरीज

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इबोयैमा लैथंगबम

इंफाल| मणिपुर के सीमावर्ती जिलों चंदेल, चूड़ाचंद्रपुर और उखरुल के अस्पतालों में सुधार का फायदा न सिर्फ उत्तरपूर्वी भारत के निवासियों को मिल रहा है, बल्कि सीमावर्ती म्यांमार के निवासी भी इसका लाभ उठा रहे हैं।

मणिपुर के स्वास्थ्य विभाग के निदेशक ओकरम इबोमचा सीमावर्ती अस्पतालों की हालत सुधारने और वहां डॉक्टर और अन्य सहायक कर्मियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।

चूड़ाचंद्रपुर जिले में पारबंग सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में तीन जूनियर डॉक्टरों की तैनाती की गई है।

जब आईएएनएस संवाददाता ने इस उपेक्षित सीमावर्ती गांव का दौरा किया तो वहां केवल एक डॉक्टर ही मिला। उसका कहना था कि यहां के स्वस्थ पहाड़ी आदिवासियों को इलाज की जरूरत काफी कम पड़ती है। इसलिए यहां हर 15 दिन के लिए बारी-बारी से डॉक्टर आते हैं।

सीमावर्ती ख्वाथा गांव के लिए गर्व करने लायक बात यह है कि यहां के सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र में कुछ दिन पहले मोमबत्ती के उजाले में एक महिला का सफल प्रसव कराया गया। वहीं, उखरुल जिले के दूसरे सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र में भी सामान्य ढंग से कामकाज शुरू हो चुका है।

पहले इन इलाकों में रहने वाले आदिवासी असम राइफल्स के मिलिट्री अस्पतालों के भरोसे थे। उखरुल जिले के पोई गांव में अस्पताल न होने के कारण ग्रामीणों को असम राइफल्स के छोटे से अस्पताल की मदद लेनी पड़ती थी।

असम राइफल्स समय-समय पर इस क्षेत्र के अंदरूनी इलाकों में मेडिकल कैंप लगाकर सांप काटने के शिकार लोगों की जान बचाने का प्रेस विज्ञप्ति जारी करती रहती है।

मणिपुर के परिवार कल्याण विभाग के निदेशक के. राव बताते हैं, “हमने रविवार के पोलियो कार्यक्रम में 3.50 लाख बच्चों को पोलियो डॉप पिलाने की योजना बनाई है। इसके लिए दूरदराज के पहाड़ी गांवों में दोपहिया वाहनों से चिकित्साकर्मियों को भेजा गया है।”

उनका कहना है कि ये स्वास्थ्यकर्मी बस स्टैंड या बाजार में अपना कैंप लगाते हैं जहां बड़ी संख्या में पड़ोसी देश म्यांमार के लोग भी अपने बच्चों को लेकर आते हैं।

वहीं, इबोमचा सीमावर्ती ग्रामीण अस्पतालों में डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की मौजूदगी सुनिश्चित करने में जुटे हैं। उनका कहना है कि वहां डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए क्वार्टर नहीं है, इसलिए उन्हें अस्पताल के कमरों में ही रहना पड़ता है। इसके अलावा वहां पानी-बिजली के अलावा अन्य बुनियादी सुविधाओं का अभाव भी एक समस्या है। साफ पानी की कमी के कारण वहां पहाड़ी नदी के पानी का प्रयोग करना पड़ता है जो खतरनाक है।

डॉक्टरों का कहना है कि गंभीर रूप से घायल मरीजों को जिला मुख्यालय या इंफाल के बड़े अस्पतालों में इलाज के लिए भेजा जाता है। लेकिन मरीजों को वहां ले जाने के लिए बस या एंबुलेस की सुविधा नहीं है। इसलिए तीमारदार किसी ट्रक या ट्रॉली में लादकर मरीजों को वहां तक पहुंचाते हैं।

ऐसी जानकारी भी मिली है कि ज्यादातर डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मी दूरदराज के गांवों में जाना नहीं चाहते हैं। डॉक्टर खुद इंफाल या उसके आसपास स्थित अपने घरों पर रहते हैं और उनकी जगह फार्मासिस्ट और नर्सो के भरोसे स्वास्थ्य केंद्र चलता है।

यही कारण है कि म्यांमार के एक विस्थापित डॉक्टर विन ओ ने मोरेह बाजार में अपना एक चार बिस्तरों वाला निजी अस्पताल खोला है, जहां म्यांमार के ग्रामीणों का इलाज किया जाता है। विन ओ लोकतंत्र समर्थक हैं और 1988 में पलायन कर मणिपुर आ गए थे।

मोरेह में तैनात एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि पुलिस अब म्यांमार के नागरिकों को यहां के अस्पतालों में इलाज कराने के लिए आने से नहीं रोकती। हालांकि बहुत पहले उन्हें रोका जाता था और कुछ को तो गिरफ्तार भी किया गया था।

लेकिन सरकार की ‘पूर्व की ओर देखो’ नीति के मद्देनजर अब म्यांमार सरकार भी भारतीय पर्यटकों और व्यापरियों को सीमा से 5 किलोमीटर अंदर स्थित तमू तक जाने से नहीं रोकती। वहां भारतीय नागरिकों को किसी किस्म का वीजा कागजात नहीं दिखाना पड़ता। केवल 10 रुपये का इमीग्रेशन शुल्क अदाकर वे शाम तक म्यांमार में रह सकते हैं।

उत्तर प्रदेश

फतेहपुर सीकरी में बोले सीएम योगी- माफिया की कब्र पर फातिहा पढ़ने वालों को वोट के लिए तरसा दीजिए

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फतेहपुर सीकरी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी राजकुमार चाहर के समर्थन जनता को संबोधित किया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने जनसभा में मौजूद पार्टी कार्यकर्ताओं और जनता का अभिवादन कर अपने संबोधन की शुरुआत की।

इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस-सपा और बसपा पर जोरदार हमला बोला है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कांग्रेस सपा और बसपा ने गरीबों के हकों पर डाका डालते थे इसलिये जनधन अकाउंट नहीं खोलने देते थे। ये लोग जनता को रसोई गैस के लिए तरसाते थे। किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर थे क्योंकि किसान सम्मान निधि जैसी कोई योजना नहीं थी। गरीब सर्दी में ठिठुरने के लिए मजबूर होता था और बरसात मे भूखा सो जाता था। सीएम योगी ने केंद्र सरकार के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि चार करोड़ गरीबों को मकान मिल गए। 12 करोड़ किसानो को किसान सम्मान निधि का लाभ मिला है। दस करोड़ परिवारों को उज्जवला योजना के तहत रसोई गैस का कनेक्शन मिला है।

योगी आदित्यनाथ ने रैली में कहा, “ब्रजभूमि का नंबर आने वाला है। अयोध्या और काशी ने अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर लिया है। अब बारी ‘ब्रजभूमि’ की है। अब विकास के लिए आपको कोई तरसाने की हिम्मत नहीं कर पाएगा। अब आगरा में भी एयरपोर्ट बन रहा है। आपने देखा होगा राम नवमी के दिन भगवान राम सूर्य तिलक हुआ था। एक तरफ कांग्रेस, सपा, बसपा थी, राम जन्मभूमि के लिए कहते थे कि क्या सबूत है कि राम का जन्म अयोध्या में हुआ। इन दलों ने कहा था राम और कृष्ण तो हैं ही नहीं। जैसे की इस सृष्टि से पहले कांग्रेस, सपा और बसपा ही पैदा हो गए थे बाकी तो कोई हुआ ही नहीं था। कांग्रेस, सपा और बसपा के लोग गरीबों के हकों पर डकैती डालते थे, इसलिए जनधन अकाउंट नहीं खुलने देते थे। जब आपको मौका मिला तब आपने कुछ किया नहीं। जब मौका मिला, ये माफिया और अपराधी को अपने गले का हार बनाकर प्रदेश के व्यापारी और बेटी की सुरक्षा में सेंध लगा रहे थे।”

उन्होंने कहा कि कांग्रेस,सपा, बसपा, देख रहे हैं न, सभी लोग माफिया की कब्र पर जाकर फातिहा पढ़ रहे हैं। इनको बोलो कि जाओ वोट तो कमल निशान को जाएगा। तुमलोगों को पांच साल की छुट्टी दे रहे हैं फतिहा पढ़ो खूब।” आदित्यनाथ ने कहा, “अगर आप विरासत का सम्मान करते हैं तो जिन लोगों ने राम और कृष्ण पर प्रश्न खड़े किए थे आप उनको वोट के लिए तरसा दीजिए। जिन्होंने विकास की योजनाओं के लिए आपको तरसाया था, गंगा जल के लिए आपको तरसाया था। उनको वोट के लिए तरसा दीजिए।” उन्होंने कहा, “जातिवाद के नाम पर बांटने वाले लोग देश को कमजोर करना चाहते हैं। इन लोगों से सावधान रहिए। देखो अयोध्या में राम लला का दर्शन करवा रहे हैं तो माफिया और अपराधी का राम नाम सत्य भी करवा रहे हैं। दोनों काम एक साथ चल रहा है।”

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