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नेशनल

नोटबंदी बाद आयकर विभाग ने 130 करोड़ रुपये जब्त किए

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आयकर विभाग, नोटबंदी, सीबीडीटी, एक्सिस बैंक, नोट

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आयकर विभाग

नई दिल्ली  | आयकर विभाग ने नोटबंदी के बाद करीब 400 मामलों की जांच में 130 करोड़ रुपये की नकदी और आभूषण जब्त किए हैं। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा, “सरकार द्वारा आठ नवंबर को की गई नोटबंदी के बाद आयकर विभाग ने करीब 400 मामलों की तीव्र जांच की, जिसमें 130 करोड़ रुपये की नकदी और आभूषण जब्त किए हैं। साथ ही करीब 2,000 करोड़ रुपये के अघोषित धन का करदाताओं द्वारा खुलासा किया गया है।”

बयान में कहा गया है कि गंभीर किस्म के मामले, जो आयकर विभाग के तहत नहीं आते, उनकी जांच का जिम्मा केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी), प्र्वतन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को हस्तांतरित किए जा रहे हैं और ऐसे 30 मामलों की जांच ईडी और सीबीआई शुरू कर चुकी है।

इन गंभीर मामलों में दिल्ली में कश्मीरी गेट स्थित एक्सिस बैंक में नोट बदलने के दौरान हुए कदाचार का मामला भी शामिल है, जिसकी जांच जारी है।

 

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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