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प्रादेशिक

झारखंड में नक्सलियों ने रेलवे स्टेशन फूंका

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रेलवे स्टेशन, नक्सलियों, इंजन, वायरलेस फोन

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रांची। झारखंड में दो भूमि अधिनियमों में संशोधन के विरोध में राज्य के बोकारो जिले में 50 से अधिक नक्सलियों ने रेलवे स्टेशन में आग लगा दी।

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पुलिस सूत्रों के अनुसार, नक्सलियों ने गुरुवार रात दुमरी विहार रेलवे स्टेशन पर हमला कर दिया और स्टेशन में रखे सामानों और अन्य उपकरणों को क्षतिग्रस्त कर दिया।

उन्होंने स्‍टेशन पर खड़े इंजन को भी आग के हवाले कर दिया और रेल कर्मचारियों की ओर से इस्तेमाल किए जाने वाले दो वायरलेस फोन अपने साथ ले गए।

नक्सली जाते समय एक पर्चा छोड़ गए। इसमें लिखा गया था कि उनका विरोध राज्य के दो भूमि अधिनियमों- छोटा नागपुर पट्टेदार अधिनियम और संथाल परगना पट्टेदार अधिनियम में बदलावों को लेकर है, जो कृषि भूमि का इस्तेमाल गैर-कृषि उद्देश्यों के लिए करने की अनुमति देता है।

उत्तर प्रदेश

जौनपुर की चुनावी जंग हुई रोचक, बसपा ने धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला को बनाया उम्मीदवार

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लखनऊ। बसपा ने उत्तर प्रदेश की जौनपुर लोकसभा सीट से पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला को अपना उम्मीदवार बनाया है। जबकि दूसरी ओर सपा ने एक वक्त में मायावती के करीबी रहे बाबू सिंह कुशवाहा को यहां से टिकट दिया है। वहीं बीजेपी ने पूर्व कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री कृपाशंकर सिंह को यहां से चुनावी मैदान में उतारा है।

मीडिया रिपोर्टस् के मुताबिक पहले बाहुबली धनंजय सिंह के सपा से चुनाव लड़ने की अफवाहों से सियासी गलियारों में सरगर्मी तेज हो गई थी। इसके बाद उन्हें सजा हो गई और उनका लोकसभा चुनाव लड़ना टल गया। इन सबके बीच सपा ने बाबू सिंह कुशवाहा को इस सीट से मैदान में उतार दिया। इसके बाद बसपा ने धनंजय सिंह की पत्नी को टिकट देकर यहां मुकाबला त्रिकोणीय कर दिया है। उन्होंने बीएसपी के ऐलान के बाद एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, ‘जय भीम जय जौनपुर’। उनके इस पोस्ट से सियासी हलचल बढ़ गई है।सूत्रों की मानें तो अब जौनपुरी सीट पर सियासी जंग काफी रोचक हो गई है।

इससे पहले उन्होंने धनंजय सिंह के जेल जाने के बाद एक सोशल मीडिया पोस्ट कर लिखा था, ‘आप सभी से एक अपील।हम आपकी भावनाओं की कद्र करते हैं लेकिन फैसला न्यायपालिका ने दिया है जिसका हमें सम्मान करना‌ चाहिए व साथ ही साथ अपने नेता श्री धनंजय जी का अनुसरण करते हुए किसी भी नेता अथवा दल के बारे में आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे आपके नेता के व्यक्तित्व पर दुष्प्रभाव पड़ेगा।

उन्होंने आगे कहा था, ‘कभी किसी भी दल अथवा नेता के लिए ग़लत शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया, कृपया आप भी संयम बनाएं, धैर्य से काम लें।आपके नेता को आपके सहानुभूति की जरूरत है। उम्मीद करती हूं कि आप मेरी बातों पर अमल करेंगे।बता दें कि जौनपुर सीट पर छठवें चरण में 25 मई को वोट डाले जाएंगे।

 

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