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प्रादेशिक

कश्मीर : फर्जी मुठभेड़ में 7 सैनिकों को उम्रकैद

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श्रीनगर| जम्मू एवं कश्मीर में वर्ष 2010 में ‘फर्जी मुठभेड़’ में तीन युवकों को मौत के मामले में सात सैनिकों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने यह जानकारी गुरुवार को दी। उमर ने ट्विटर पर लिखा, “सेना ने 2010 के माछिल फर्जी मुठभेड़कांड में कमांडिंग अफसर (सीओ) सहित सात सैनिकों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह एक स्वागतयोग्य कदम है।”

सेना ने तीन मई, 2010 को कुपवाड़ा जिले के नजदीक माछिल इलाके में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास शहजाद अहमद, मुहम्मद शफी और रियाज अहमद की गोली मारकर हत्या कर दी थी। तीनों युवक बारामूला जिले के नदिहाल गांव के रहने वाले थे। उमर ने ट्वीट में लिखा, “मैं आशा करता हूं कि हमें दोबारा माछिल फर्जी मुठभेड़ जैसी घटनाएं देखने को नहीं मिलेंगी। इसे हम एक चेतावनी के रूप में लें।”

 

 

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उत्तर प्रदेश

रामनवमी पर भगवान सूर्य ने किया रामलला के ललाट पर ‘सूर्य तिलक’

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अयोध्या। देशभर में आज रामनवी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस बार रामनवमी के मौके पर अयोध्या में खास आयोजन किया जा रहा है। 500 साल बाद अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम का सूर्य तिलक किया गया।

वैज्ञानिक दर्पण के जरिए सूर्य की किरण को भगवान रामलला के मस्तक पर पहुंचाया गया। इस दौरान सूर्य की किरणों ने लगभग 4 मिनट तक रामलला के ललाट की शोभा बढ़ाई। शंखों की ध्वनि, मंत्रोच्चारण और पुजारियों की मौजूदगी में सूर्य तिलक के अवसर को और भी शानदार बना दिया। दूसरी ओर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि श्री रामनवमी की पावन बेला में आज, श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्रभु श्री रामलला सरकार का दिव्य अभिषेक किया गया।

भगवान राम के सूर्याभिषेक के बाद लोगों ने दिव्य दर्शन किए। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद रामलला की ये पहली रामनवमी है। अयोध्या में रामनवमी की अद्भुत और विह्गम छटा दिखने को मिल रही है। इस दौरान रामलला की विशेष पूजा-अर्चना हुई। इस मौके पर राम मंदिर को फूलों और लाइटिंग से सजाया गया है। राम मंदिर के कपाट भक्तों के लिए सुबह 3.30 बजे खोल दिए गए हैं। यहां पर रात 11 बजे तक भक्त रामलला के दर्शन कर सकेंगे। यहां पर मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया। दोपहर 12.16 बजे रामलला का सूर्यतिलक के भव्य दर्शन हुए।

इससे पहले श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने जानकारी दी थी कि सूर्य के तिलक का सफल परीक्षण पूरा कर लिया गया है। वैज्ञानिकों ने जिस तरह से प्रयास किया है, वह बहुत सराहनीय और वह बहुत अद्भुत है, क्योंकि सूर्य की किरणें भगवान रामलला के ठीक ललाट पर पड़ी है। जैसे ही सूर्य की किरणें प्रभु राम के माथे पर पड़ी, वैसे ही पता चल रहा है कि भगवान सूर्य उदय कर रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा था कि इतना ही नहीं, त्रेता युग में भी जब प्रभु राम ने अवतार लिया था तो उस दौरान सूर्य देव एक महीने तक अयोध्या में रुके थे। त्रेता युग का वह दृश्य अब कलयुग में भी साकार हो रहा है। जब हम प्रभु राम का आरती उतार रहे थे और सूर्य देव उनके माथे पर राजतिलक कर रहे थे तो वह दृश्य बहुत अद्भुत दिख रहा था।

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