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अन्तर्राष्ट्रीय

उलेमाओं के खिलाफ आतंकवाद रोधी कानून का इस्तेमाल कर रहा पाकिस्तान

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इस्लामाबाद | जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-एफ (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान सरकार उलेमाओं के खिलाफ आतंकवाद रोधी कानून का इस्तेमाल कर रही है। ‘डान’ की रिपोर्ट के अनुसार रहमान ने रविवार को मुफ्ती महमूद सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि धार्मिक मदरसों को आतंकवाद से जोड़ा जा रहा है। उलेमाओं व विद्यार्थियों के खिलाफ आतंकवाद रोधी कानून का इस्तेमाल किया जा रहा है।

जेयूआई-एफ प्रमुख ने कहा कि मदरसे, मस्जिद, दाढ़ी व पगड़ी को आतंकवाद का प्रतीक बना दिया गया है। उन्होंने कहा कि मदरसे इस्लाम की इमारतें हैं| जहां विद्यार्थी कुरान व सुन्नत की तालीम लेते हैं। रहमान ने सरकार से धार्मिक संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई से बाज आने को कहा। उन्होंने कहा कि वे देश से आतंकवादियों के खात्मे के नाम पर उलेमाओं व धार्मिक संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई बर्दाश्त नहीं करेंगे।

रहमान ने कहा कि देश के गठन के समय से ही देश की अर्थव्यवस्था, राजनीति व लोकतांत्रिक प्रणाली पर अमेरिका व पश्चिमी शक्तियों का प्रभाव रहा है। उन्होंने कहा धार्मिक नेता व उलेमा पाकिस्तान को ‘अंकल सैम’ व काफिर ताकतों से मुक्त कराने के लिए आंदोलन का नेतृत्व करेंगे।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान में अपने नागरिकों की मौत से भड़का चीन, घटना की गहन जांच की मांग की

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान में अपने चार नागरिकों की हत्या के बाद चीन भड़का हुआ है। गृह मंत्री मोहसिन नकवी हमले के तुरंत बाद चीन के दूतावास पहुंचे और राजदूत जियांग जैदोंग से मुलाकात की। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी हमले की कड़ी निंदा की, उन्होंने हमले को पाक चीन की दोस्ती को नुकसान पहुंचाने की साजिश बताया।

चीनी नागरिकों पर हुए हमले पर सिंघुआ विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय रणनीति संस्थान के अनुसंधान विभाग के निदेशक कियान फेंग ने कहा है कि यह हमला पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी की तरह है। ये बताता है कि पाकिस्तान को अभी सुरक्षा क्षेत्र में बहुत काम करने की जरूरत है। ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित लेख में उन्होंने इस हमले को उस हमले की कॉपी बताया जो 2021 में किया गया था, जिसमें 9 चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी। इस लेख में ये भी कहा गया है कि इस तरह के हमले बताते हैं कि आतंकी ताकतें चीन और पाकिस्तन के आर्थिक गलियारे की सफलता नहीं देखना चाहती हैं और लगातार इसे विफल करने की साजिश रच रही हैं।

उधर अपने नागरिकों की मौत के बाद चीन ने घटना की गहन जांच की मांग भी कर डाली है। पाकिस्तान स्थित चीनी दूतावास ने एक बयान में कहा, “पाकिस्तान में चीनी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों ने आपात कार्य शुरू कर दिया है और पाकिस्तानी पक्ष से हमले की गहन जांच करने, दोषियों को कठोर सजा देने तथा चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए व्यावहारिक और प्रभावी उपाय करने की मांग की है।”

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