Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

उप्र विधानसभा में उठा गौ हत्या व बदहाल शिक्षा का मुद्दा

Published

on

Loading

लखनऊ| उत्तर प्रदेश में मौजूदा विधानसभा सत्र के तीसरे दिन मंगलवार को गौ हत्या के साथ ही बदहाल प्राथमिक स्कूलों का मुद्दा भी छाया रहा। इस दौरान विपक्षी दलों ने गौ हत्या और प्राथमिक स्कूलों की बदहाली के मुद्दों पर सरकार को घेरा। प्रश्नकाल के दौरान बिमला सिंह सोलंकी और धर्मपाल सिंह ने प्राथमिक स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था की बदहाली को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा किया। दोनों सदस्यों ने सरकार से पूछा कि सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर सरकार ने कोई नीति बनाई है या नहीं।

सरकार की ओर से बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोबिंद चौधरी ने इस पूरे मुद्दे पर विस्तार से अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि राज्य के प्राथमिक स्कूलों के कायाकल्प को लेकर सरकार पूरी तरह से गंभीर है। प्राथमिक स्कूलों पर लोगों का विश्वास अब बढ़ रहा है। चौधरी ने कहा कि जल्द ही ऐसा समय आएगा कि लोग पब्लिक स्कूलों को छोड़कर प्राथमिक स्कूलों का रुख करेंगे। उन्होंने सदन को यह आश्वासन दिलाया कि सरकार जल्द ही विद्यालयों को आदर्श विद्यालय के तौर पर विकसित करेगी।

चौधरी ने कहा कि जहां माध्यमिक और प्राथमिक स्कूल एक ही भवन के भीतर संचालित हो रहे हैं, ऐसे विद्यालयों को एक आदर्श विद्यालय के तौर पर विकसित किया जाएगा। सरकार एक ऐसी योजना पर काम कर रही है। चौधरी ने सदन को बताया कि राज्य सरकार की नीति के अनुसार, प्राथमिक स्कूलों में प्रति 30 छात्रों पर एक शिक्षक और माध्यमिक स्कूलों में 35 छात्रों पर एक शिक्षक रखने की व्यवास्था है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से 72,825 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है। यह प्रक्रिया एक महीने के अंदर पूरी हो जाएगी, फिर स्कूलों में शिक्षकों की कमी को तत्काल दूर किया जाएगा।

इस दौरान सरकार पर यह भी आरोप लगाया गया कि कई जिलों में ऐसे प्राथमिक स्कूल भी हैं जिनके ताले आज तक नहीं खुले।  विधानसभा में विपक्ष के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने सरकार से पूछा कि वर्तमान में उप्र के प्राथमिक स्कूलों में वर्तमान कुल कितने बच्चे पढ़ रहे हैं और शिक्षकों की संख्या कितनी है। इस सवाल पर राम गोबिंद चौधरी ने उन्हें आंकड़े उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।

सदन की बैठक शुरू होते ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों और संसदीय कार्यमंत्री आजम खां के बीच गौ हत्या के मुद्दे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला। इस बीच सदन की कार्यवाही 50 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे जैसे ही शुरू हुई, विपक्षी सदस्यों ने सूबे में बदहाल पड़े प्राथमिक स्कूलों व गौ हत्या का मुद्दा उठाया। गौ हत्या के मुद्दे पर भाजपा की ओर से सदन में उप नेता सतीश महाना ने सरकार से पूछा कि क्या पशुओं की अवैध हत्याएं रोकने के लिए राज्य सरकार ने कोई नीति बनाई है?

इस पर सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) के संसदीय कार्यमंत्री आजम खां ने कहा कि चुनाव के दौरान जो लोग गुलाबी क्रांति की बात कर रहे थे, अब वे लोग कहां चले गए?
आजम ने कहा, “चुनाव के दौरान गुलाबी क्रांति की बात कही गई थी। हम तो कहते हैं कि केंद्र सरकार मांस के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दे तो पशुओं की अवैध हत्याएं अपने आप रुक जाएंगी।” आजम ने कहा कि भाजपा गौ हत्या के मुद्दे को उठाकर सिर्फ नौटंकी कर रही है। अगर भाजपा सच में गौहत्या को लेकर इतनी संजीदा है जो उसे मांस के निर्यात पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए।

आजम के इस जवाब का भाजपा सदस्यों ने जमकर विरोध किया। भाजपा नेता सुरेश खन्ना की अगुवाई में कई सदस्य अध्यक्ष के आसन के करीब आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। उन्होंने गौहत्या को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा सदन में एक प्रस्ताव पारित करने की मांग की। इस बीच आजम खां और भाजपा सदस्यों के बीच बढ़ती तकरार को रोकने के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हस्तक्षेप किया। उन्होंने कहा कि यदि सदन में इस मुद्दे पर कोई प्रस्ताव आएगा तो वह सिर्फ गौ हत्या पर ही केंद्रित नहीं होगा, उसमें अन्य मुद्दे भी शामिल होंगे। मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद भी भाजपा सदस्यों और आजम के बीच नोंक-झोंक का दौर जारी रहा। इसके बाद सदन की कार्यवाही करीब 50 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।

उत्तर प्रदेश

हरदोई में 16 बार चुनाव लड़ा, हर बार मिली हार, फिर से मैदान में उतरे शिवकुमार

Published

on

Loading

हरदोई। देश भर में चुनाव का माहौल गरमाया हुआ है और ऐसे में हरदोई में भी चुनाव की गरमा गरमी अब खूब देखने को मिल रही है। यहां पर एक ऐसे प्रत्याशी भी है जो 17 वी बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं। अब तक कुल 16 बार चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन उन्हें आजतक किसी भी चुनाव में जीत नहीं मिली है। इनका नाम है शिवकुमार और यह शहर कोतवाली क्षेत्र के मन्नापुरवा के रहने वाले है।

इनका कहना है कि वह हारने के बाद भी वह चुनाव लड़ते रहेंगे क्योंकि जनता उनका सम्मान बरकरार रखती है। उन्होंने कहा कि इस बार अगर वह जीतते हैं तो लोकसभा क्षेत्र के लोगों की हर समस्या के समय उनके साथ खड़े रहेंगे और उनका सहयोग करेंगे। शिवकुमार ने प्रत्येक बार निर्दलीय होकर चुनाव लड़ा है।

शिवकुमार ने 3 प्रधानी के चुनाव 3 जिला पंचायत के साथ 7 चुनाव विधानसभा और अब तक 3 चुनाव दिल्ली वाले यानी लोकसभा ले लड़े है और अब वह चौथी बार 2024 में लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। उनका कहना है कि उनके मुद्दे क्या है अगर वह बता देंगे तो लोग नकल कर लेंगे।

Continue Reading

Trending