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प्रादेशिक

उप्र : पूर्वाचल में बिजली सब्सिडी का दुरुपयोग, नकेल कसेगी सरकार

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बनारस| उत्तर प्रदेश के पूर्वाचल इलाके में बुनकरों की सेहत सुधारने के लिए राज्य सरकार ने बुनकरों को सब्सिडी पर बिजली देने का ऐलान किया था, लेकिन उनको मिलने वाली बिजली सब्सिडी का दुरुपयोग किए जाने की शिकायतें मिल रही हैं। यह बात सामने आने के बाद अब प्रदेश की सरकार ने बुनकरों को मिलने वाली बिजली की जांच कराने का फैसला किया है और इसकी जिम्मेदारी बिजली विभाग की बजाय हैंडलूम विभाग को सौंपी है।

हैंडलूम विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, पूर्वाचल के कुछ जिलों बनारस, मऊ व आजमगढ़ में बुनकरों को सब्सिडी पर मिलने वाली बिजली की बड़े पैमाने पर चोरी होने की शिकायतें मिली हैं, लिहाजा सरकार ने पावरलूम के नाम पर बिजली का दुरुपयोग करने वालों को चिह्न्ति करने का निर्णय लिया है। यह कार्रवाई दो चरणों में पूरी होगी। अधिकारियों ने बताया कि ऐसे लोगों की पहचान की जाएगी जो पावरलूम के नाम पर कनेक्शन लेकर दूसरा काम करवा रहे हैं। उनकी पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

बनारस में हैंडलूम विभाग के सहायक निदेशक नितेश धवन के मुताबिक, सरकार अब बिजली सब्सिडी के मामले में सख्त हो गई है। जांच दो चरणों में पूरी की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक दौर में जांच टीमें पावरलूम क्लस्टर वाले इलाके में शिविर लगाकर सब्सिडी के दुरुपयोग रोकने की सलाह और चेतावनी देंगे। दूसरे चरण में इसकी घर-घर जाकर जांच की जाएगी। इसे पूरा करने में लगभग 10 महीने का समय लगेगा। दुरुपयोग करने वालों की सब्सिडी सुविधा खत्म करने के लिए हथकरघा वस्त्र उद्योग निदेशालय को रिपोर्ट भेजी जाएगी।

अधिकारियों के मुताबिक पूर्वाचल में हर महीने लगभग 29 करोड़ रुपये की बिजली सब्सिडी में दी जाती है, जिसमें बनारस को 1710 लाख रुपये, मऊ को 1056.68 लाख रुपये और आजमगढ़ को एक करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा रही है। मऊ में तैनात हैंडलूम विभाग के सहायक निदेशक प्रदीप त्रिपाठी के मुताबिक, पावरलूम के नाम पर बिजली का कनेक्शन लेकर आइस फैक्ट्री और आटा चक्की चलाने की शिकायतें आती रही हैं। जांच के बाद इस पर कार्रवाई की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि पूर्वाचल में बुनकरों की बहुत बड़ी संख्या है। ये बुनकर पार्याप्त बिजली के आभाव में अपने काम को अंजाम नही दे पाते हैं। बुनकरों को राहत देने के लिए ही राज्य सरकार ने सब्सिडी पर बिजली मुहैया कराने का फैसला किया था लेकिन बुनकरों को मिलने वाली बिजली का लाभ बिचौलिये उठा रहे हैं। सरकार ने अब इस समस्या को दूर करने का फैसला किया है।

 

नेशनल

बाहुबली मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत, बांदा जेल में बिगड़ी थी तबीयत

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लखनऊ। बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई है। बांदा जेल में मुख्तार को हार्ट अटैक आया था, इसके बाद मुख्तार अंसारी को बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। सूत्रों के मुताबिक जेल से लाते वक्त मुख्तार बेहोश था। मुख्तार अंसारी की हालत गंभीर बनी हुई थी। 9 डॉक्टरों का पैनल मुख्तार अंसारी के लिए तैनात किया गया था। इलाज के दौरान मुख्तार अंसारी की मौत हो गई। इस मामले में मेडिकल कॉलेज बांदा के प्रिंसिपल ने चुप्पी साधी हुई है। उधर मुख्तार की मौत के बाद मऊ, बांदा और गाजीपुर में धारा 144 लागू हो गई है। इसके साथ ही यूपी में हाई अलर्ट है और सभी कप्तानों को अलर्ट पर रहने पर कहा गया है।

प्रयागराज में मुख्तार और उनके परिवार का इलाहाबाद हाईकोर्ट में केस देखने वाले वकील अजय श्रीवास्तव प्रयागराज से बांदा के लिए रवाना हो गए हैं। उनका कहना है कि जेल या प्रशासन की तरफ से अभी तक मुख्तार अंसारी के परिवार को कोई सूचना नहीं दी गई है। हालांकि मुख्तार के बेटे उमर अंसारी भी बांदा के लिए रवाना हो गए हैं।

बता दें कि मुख़्तार अंसारी की तबियत रात में अचानक खराब हो जाने और शोचालय में गिर जाने के कारण उसे तत्काल जेल डॉक्टर ने उपचार दिया गया। इसके बाद जिला प्रशासन को अवगत कराकर डॉक्टर्स की टीम बुलायी गई थी। डॉक्टर्स ने मुख्तार  को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था। इसके बाद बंदी मुख्तार अंसारी को पुलिस सुरक्षा में मेडिकल कालेज बांदा में भर्ती करा दिया गया था।

बता दें कि मुख्तार अंसारी को पिछले 18 महीने में 8 मामलो में सजा मिल चुकी थी, उसके खिलाफ अलग-अलग जिलों के थानों में कुल 65 मुकदमे दर्ज थे। पिछले 18 सालों से मुख्तार अंसारी जेल में बंद था। यूपी की बांदा जेल में बंद बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी को हार्ट अटैक आया था जिसके बाद उसे बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था,लेकिन इलाज के दौरान मुख्तार अंसारी की मौत हो गई।

 

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